वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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जलवायु परिवर्तन

यूगांडा में, एक माँ के लिए, अपने एक वर्षीय बच्चे को सुलाते समय, मच्छरों से बचाने का इन्तज़ाम करना ज़रूरी था.
© UNICEF/Maria Wamala

जलवायु परिवर्तन से, मलेरिया पर क़ाबू पाने की रफ़्तार पलट जाने का जोखिम

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी - WHO ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभावों ने, मलेरिया के ख़िलाफ़ लड़ाई में हुई प्रगति को पलट देने का जोखिम उत्पन्न कर दिया है. इनमें विशेष रूप से अत्यन्त चरम मौसम, और ताप लहरों के जोखिम शामिल हैं.

इंडोनेशिया के पूर्वी नुसा तेंगारा प्रान्त में एक आदमी सूखे हुए खेत को पार कर रहा है.
© UNICEF/Ulet Ifansasti

विज्ञान का इशारा - 'पूर्ण जलवायु पतन' की तरफ़, COP28 से कार्रवाई की पुकार

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि नवीनतम जलवायु आँकड़ों से मालूम होता है कि विश्व तापमान अभूतपूर्व गति से बढ़ रहा हैऔर दुबई में गुरूवार को आरम्भ हुए COP28 सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले नेताओं को, हमें इस "गहरे संकट" से बाहर निकालना होगा.

जलवायु परिवर्तन दुनिया भर में सूखे की स्थिति में योगदान दे रहा है.
© WMO/Fouad Abdeladim

COP28 क्या है, और क्यों महत्वपूर्ण है?

वैश्विक तापमान लगातार रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुँच रहा है और जैसे-जैसे वर्ष का अन्त क़रीब आ रहा हैकूटनैतिक गहमा-गहमी बढ़ रही है. सभी की निगाहें संयुक्त अरब अमीरात के दुबई शहर पर टिकी हैंजहाँ 30 नवम्बर से 12 दिसम्बर तक विश्व नेतागण, जलवायु परिवर्तन के ख़िलाफ़ वैश्विक लड़ाई में आगे की महत्वाकांक्षी राह तय करने के लिए बैठक कर रहे हैं.

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने चिली और अंटार्कटिका की यात्रा के बाद न्यूयॉर्क में पत्रकारों को जानकारी दी.
UN Photo/Eskinder Debebe

टिकाऊ पृथ्वी की आशाओं को धूमिल होने से रोकना ज़रूरी – यूएन प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने विश्व नेताओं से आग्रह किया है कि इस सप्ताह दुबई में आरम्भ होने वाले यूएन जलवायु शिखर सम्मेलन (कॉप28) में वैश्विक तापमान में वृद्धि के घातक चक्र को तोड़ा जाना होगा. उनके अनुसार, एक टिकाऊ पृथ्वी के लिए लोगों की आशाओं को पिघलने से रोकने के लिए यह ज़रूरी है.

यूएन प्रमुख ने, जलवायु कार्रवाई के बारे में जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों के तहत, नवम्बर (2023) में, अंटार्कटिका का दौरा किया.
UN Photo/Mark Garten

गुटेरेश की, अंटार्कटिका यात्रा के दौरान, ‘जलवायु अराजकता’ ख़त्म करने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने, शुक्रवार को आगाह करते हुए कहा है कि अंटार्कटिका को एक सोता हुआ विशालकाय दानव कहा जाता रहा है, मगर अब उसे जलवायु अराजकता ने जगा दिया है.

तंज़ानिया के म्बेया में एक किशोर माँ को बच्चे के साथ गहन चिकित्सा इकाई में रखा गया है.
© UNICEF/Reinier van Oorsouw

जलवायु संकट: मातृत्व व बाल स्वास्थ्य की रक्षा के लिए, तत्काल कार्रवाई की पुकार

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने बद से बदतर हो रहे जलवायु संकट के कारण, गर्भवती महिलाओं, शिशुओं और बच्चों के लिए उपजते स्वास्थ्य जोखिमों के मद्देनज़र, तुरन्त ठोस क़दम उठाए जाने की पुकार लगाई है.

यूएन महासचिव हैलीकॉप्टर से नेपाल में हिमालय क्षेत्र का जायज़ा ले रहे हैं.
UN Nepal/Narendra Shrestha

महासचिव की नेपाल यात्रा: शान्ति को बढ़ावा देने व जलवायु कार्रवाई में तेज़ी लाने का संकल्प

अन्नपूर्णा बेस कैंप का दौरा करने के साथ ही यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश की नेपाल की आधिकारिक यात्रा सम्पन्न हुई. उन्होंने हिमनदों के पिघलने के प्रभाव पर गम्भीर चेतावनी जारी करते हुए महत्वाकाँक्षी जलवायु कार्रवाई की अहमियत को रेखांकित किया. मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने महात्मा बुद्ध की जन्मस्थली, लुम्बिनी शहर का दौरा किया, और विश्व को शान्ति व करुणा का सन्देश दिया. यूएन प्रमुख ने नेपाली संसद के एक संयुक्त सत्र को सम्बोधित किया और एक दशक से तक हथियारबन्द टकराव की पीड़ा को सहन करने के बाद देश में हुई प्रगति की सराहना की. वीडियो...

वायु प्रदूषण की एक बड़ी वजह, जीवाश्म ईंधनों का इस्तेमाल है, जोकि मानव स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक है.
Unsplash/Hassan Afridhi

जलवायु अनुकूलन के लिए वित्त पोषण की कमी, मौजूदा खाई को पाटने पर बल

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि जलवायु अनुकूलन के मुद्दे पर प्रगति की रफ़्तार, हर मोर्चे पर धीमी होती जा रही है, जबकि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और जोखिमों से निपटने के लिए इसमें तुरन्त तेज़ी लाए जाने की आवश्यकता है. जलवायु अनुकूलन प्रयासों के लिए आवश्यक वित्त पोषण और उसकी उपलब्ध मौजूदे स्तर के बीच की खाई पहले से कहीं अधिक चौड़ी हो गई है.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने नेपाल के सोलुख़ुम्बु ज़िले में स्थानीय लोगों से मुलाक़ात की.
UN Nepal/Narendra Shrestha

जलवायु परिवर्तन के उन्माद को रोकने, जीवाश्म ईंधन युग का अन्त करने का आहवान

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अपनी नेपाल यात्रा के दौरान, वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने की पुकार लगाई है, ताकि जलवायु परिवर्तन के बदतरीन प्रभावों की रोकथाम करने और हिमनदों व जमे हुए पानी की चादरों को पिघलने पर विराम लगाया जा सके. ऐवरेस्ट क्षेत्र की यात्रा के दौरान, महासचिव गुटेरेश ने कहा कि वो दुनिया की इस छत से यह कहना चाहते हैं कि जलवायु परिवर्तन के “इस उन्माद को रोकिए.” एक वीडियो...

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने नेपाल के सोलुख़ुम्बु ज़िले का दौरा किया.
UN Photo/Narendra Shrestha

नेपाल: यूएन महासचिव का आग्रह, जलवायु परिवर्तन के उन्माद को रोकना होगा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश अपनी नेपाल यात्रा के दौरान सोमवार को ऐवरेस्ट क्षेत्र पहुँचे, जहाँ हिमनदों के पिघलने के कारण, सम्पूर्ण समुदायों के अस्तित्व पर विलुप्त होने का जोखिम मंडरा रहा है. महासचिव गुटेरेश ने दुनिया से जलवायु परिवर्तन के उन्माद पर रोक लगाने का आहवान किया है.