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पाकिस्तान: बाढ़ प्रभावितों पर निर्धनता का साया, त्वरित राहत पहुँचाने की दरकार

पाकिस्तान में 2022 में आई बाढ़ के बाद, अनेक इलाक़ों में मलेरिया व अन्य बीमारियाँ उभार पर हैं.
© UNICEF/Saiyna Bashir
पाकिस्तान में 2022 में आई बाढ़ के बाद, अनेक इलाक़ों में मलेरिया व अन्य बीमारियाँ उभार पर हैं.

पाकिस्तान: बाढ़ प्रभावितों पर निर्धनता का साया, त्वरित राहत पहुँचाने की दरकार

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने आगाह किया है कि पाकिस्तान में पिछले साल आई भीषण बाढ़ से प्रभावित तीन करोड़ 30 लाख लोगों से इतर, 90 लाख अन्य लोगों पर निर्धनता के गर्त में धँसने का जोखिम मंडरा रहा है. इसके मद्देनज़र, यूएन एजेंसी ने ज़रूरतमन्द लोगों तक तत्काल आवास, कृषि व आजीविका सम्बन्धी सहायता पहुँचाने का आग्रह किया है.

पाकिस्तान को जलवायु सहनसक्षम बनाने के प्रयासों पर केन्द्रित एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन, सोमवार 9 जनवरी को जिनीवा में आयोजित किया जाएगा, जिससे पहले, यूएन विकास एजेंसी ने गुरूवार को पत्रकारों को यह जानकारी दी.

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पाकिस्तान में यूएनडीपी के रैज़िडेंट प्रतिनिधि क्नुट ओस्टबी ने बताया कि पाकिस्तान में बाढ़ से उपजे हालात अभूतपूर्व हैं, मगर ऐसा अन्य देशों में भी हो सकता है.

“हमारा अनुमान है कि 90 लाख लोग - अतिरिक्त लोग - बाढ़ के असर के कारण निर्धनता का शिकार हो सकते हैं.”

संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार देश में पिछली पैदावार के दौरान हुई फ़सलें बर्बाद हो गई हैं, और बुआई भी नहीं हो पाई.

इन परिस्थितियों में, कृषि उत्पादों, खाद्य क़ीमतों में उछाल दर्ज किया गया है और इसके कारण, दोगुनी संख्या में लोग खाद्य असुरक्षा का शिकार हो सकते हैं.

निर्धनता का दंश झेलने वाले लोगों की संख्या 70 लाख से बढ़कर, एक करोड़ 46 लाख तक पहुँच जाने की आशंका है.

बाढ़ से भारी नुक़सान

पाकिस्तान में जुलाई और अगस्त 2022 में मूसलाधार बारिश के बाद आई इस प्राकृतिक आपदा से सवा तीन करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए.

एक हज़ार 700 से अधिक लोगों की मौत हुई, 80 लाख से भी ज़्यादा लोग विस्थापित हुए और दो करोड़ लोग सहायता के ज़रूरतमन्द बताए गए हैं.

एक समय देश का एक-तिहाई हिस्सा जलमग्न था और बड़ी संख्या में स्कूलों, स्वास्थ्य केन्द्रों और बुनियादी ढाँचे को क्षति पहुँची.

देश में कम से कम 20 लाख घरों, 13 हज़ार किलोमीटर लम्बी सड़कों, 439 पुलों, 44 लाख एकड़ कृषि भूमि और तीन हज़ार किलोमीटर लम्बी रेल पटरियों को नुक़सान पहुँचा है, 10 लाख से अधिक मवेशियों की मौत हुई है.

बताया गया है कि तीन करोड़ 30 लाख प्रभावितों में से, लगभग 80 लाख अब भी विस्थापित हैं, और ज़रूरतमन्दों को तत्काल आवास, कृषि व आजीविका समर्थन की दरकार है.

अनेक इलाक़ों में अब भी जलभराव है, बड़ी संख्या में लोग अपनी आजीविका फिर से शुरू कर पाने में समर्थ नहीं हैं, और इसलिये मानवीय सहायता पर निर्भर हैं.

उच्चस्तरीय सम्मेलन

पाकिस्तान ने यूएन प्रणाली और अन्य साझीदार संगठनों के साथ मिलकर, आपदा के बाद उपजी आवश्यकताओं का आकलन किया है, जिसके अनुसार पुनर्निर्माण और पुनर्बहाली के लिये लगभग 16 अरब डॉलर की ज़रूरत बताई गई है.

इस क्रम में, जिनीवा में सोमवार को पाकिस्तान में बाढ़ के कारण हालात और सहायता प्रयासों के लिये एक उच्चस्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ़ भी हिस्सा लेंगे.

पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में एक ग्रामीण लड़की, एक नल से पानी भरकर अपने घर को ले जाते हुए.
© UNICEF/Asad Zaidi
पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में एक ग्रामीण लड़की, एक नल से पानी भरकर अपने घर को ले जाते हुए.

यूएन प्रवक्ता के अनुसार, महासचिव एंतोनियो गुटेरेश अपने सम्बोधन में, भविष्य की जलवायु चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, पाकिस्तान में सामुदायिक सहनक्षमता को मज़बूत किये जाने का आग्रह करेंगे.  

पाकिस्तान सरकार और संयुक्त राष्ट्र साझा रूप से इस सम्मेलन की मेज़बानी कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य बाढ़ से प्रभावित समुदायों की सहायता के लिये वित्तीय व अन्तरराष्ट्रीय समर्थन जुटाना है.

साथ ही, जलवायु सुदृढ़ता को ध्यान में रखते हुए बुनियादी ढाँचे के पुनर्निर्माण हेतु संसाधनों का भी प्रबन्ध किया जाना है.