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पाकिस्तान: बाढ़ के कई महीने बाद भी दूषित जल जमाव ने बढ़ाईं लाखों बच्चों की मुश्किलें

जलमग्न सड़क को पार करने की कोशिश कर रहे कुछ लोग.
© UNICEF/Loulou d'Aki
जलमग्न सड़क को पार करने की कोशिश कर रहे कुछ लोग.

पाकिस्तान: बाढ़ के कई महीने बाद भी दूषित जल जमाव ने बढ़ाईं लाखों बच्चों की मुश्किलें

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने आगाह किया है कि पाकिस्तान में भीषण बाढ़ के कारण, राष्ट्रीय आपात स्थिति की घोषणा के चार महीने बीत जाने के बाद भी लगभग 40 लाख बच्चे दूषित जल जमाव के इर्द-गिर्द गुज़र बसर करने के लिये मजबूर हैं. यूनीसेफ़ ने यह चेतावनी, सोमवार 9 जनवरी को जिनीवा में आयोजित किये जा रहे एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन से ठीक पहले जारी की है, जोकि पाकिस्तान में मानवीय सहायता प्रयासों में तेज़ी लाने और देश को जलवायु सहनसक्षम बनाने पर केन्द्रित होगा.

यूनीसेफ़ के अनुसार, बाढ़-प्रभावित इलाक़ों में गम्भीर हालात बरक़रार हैं और श्वसन तंत्र सम्बन्धी संक्रमण मामलों में उछाल दर्ज किया गया है, जिससे बच्चों के जीवन पर जोखिम मंडरा रहा है.

यूनीसेफ़ का कहना है कि जुलाई-दिसम्बर 2022 के दौरान कुपोषित बच्चों की संख्या, वर्ष 2021 में इसी अवधि की तुलना में क़रीब दोगुनी हो गई है.

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एक अनुमान के अनुसार 15 लाख बच्चों को अब भी जीवनरक्षक पोषण उपायों की आवश्यकता है.

पाकिस्तान में यूनीसेफ़ के प्रतिनिधि अब्दुल्ला फ़ादिल ने कहा, “पाकिस्तान के बाढ़ प्रभावित इलाक़ों में रह रहे बच्चे कगार तक पहुँच गए हैं. बारिश भले ही रुक गई हो, बच्चों के लिये संकट नहीं रुका है.”

उन्होंने बताया कि लगभग एक करोड़ लड़के-लड़कियों को तत्काल जीवनदाई समर्थन की ज़रूरत है, जो भीषण सर्दी में कुपोषण, जल-जनित बीमारियों के साए में बिना पर्याप्त आश्रय व्यवस्था के जीवन गुज़ार रहे हैं.

बताया गया है कि दक्षिणी ज़िले जैकोबाबाद में, अनेक परिवारों के पास अपने अस्थाई शरण स्थलों को ढँकने के लिये केवल मामूली कपड़े हैं, जबकि वहाँ बाढ़ के पानी का जमाव है और तापमान रात में 7 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच रहा है.

यूनीसेफ़ और साझीदार संगठनों ने ज़रूरतमन्दों तक गर्म कपड़े, जैकेट, कम्बल और रजाई पहुँचाने के प्रयास शुरू किये हैं, और उनकी लगभग दो लाख महिलाओं, पुरुषों व बच्चों तक पहुँचने का लक्ष्य है.

बाढ़ से भारी नुक़सान

पाकिस्तान में जुलाई और अगस्त 2022 में मूसलाधार बारिश के बाद आई प्राकृतिक आपदा से सवा तीन करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए.

एक हज़ार 700 से अधिक लोगों की मौत हुई, 80 लाख से भी ज़्यादा लोग विस्थापित हुए और दो करोड़ लोग सहायता के ज़रूरतमन्द बताए गए हैं.

एक समय देश का एक-तिहाई हिस्सा जलमग्न था और बड़ी संख्या में स्कूलों, स्वास्थ्य केन्द्रों व बुनियादी ढाँचे को क्षति पहुँची.

तीन करोड़ 30 लाख प्रभावितों में से, लगभग 80 लाख अब भी विस्थापित हैं, और ज़रूरतमन्दों को तत्काल आवास, कृषि व आजीविका समर्थन की दरकार है.

अनेक इलाक़ों में अब भी जलभराव है, बड़ी संख्या में लोग अपनी आजीविका फिर से शुरू कर पाने में समर्थ नहीं हैं, और इसलिये मानवीय सहायता पर निर्भर हैं.

यूनीसेफ़ के सक्रिय प्रयास

यूनीसेफ़ ने महत्वपूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रमों के ज़रिये 15 लाख लोगों तक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ पहुँचाई हैं और बाढ़ प्रभावित 16 ज़िलों में 45 लाख बच्चों को पोलियो की ख़ुराक दी गई है.

इसके अलावा, अब तक 10 लाख बच्चों के लिये सुरक्षित पेयजल की सुलभता सुनिश्चित की गई है, और 10 लाख लोगों को साफ़-सफ़ाई बरतने के लिये किटें वितरित की गई हैं.

यूएन एजेंसी ने आठ लाखों बच्चों की कुपोषण जाँच के बाद, 60 हज़ार बच्चों को गम्भीर रूप से कुपोषण का शिकार बताया है, जिसके बाद उन्हें इस्तेमाल के लिये तैयार उपचार-भोजन प्रदान किया जाएगा.

यूनीसेफ़ ने ज़रूरतमन्दों तक तत्काल जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने के लिये अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से अतिरिक्त मानवीय राहत प्रदान करने का आग्रह किया है. इस क्रम में, समय रहते सहायता धनराशि मुहैया कराए जाने की आवश्यकता रेखांकित की गई है.

यूनीसेफ़ ने बाढ़ प्रभावित महिलाओं व बच्चों तक सहायता पहुँचाने के लिये 17 करोड़ 35 लाख डॉलर की अपील की थी, जिसमें से केवल 37 प्रतिशत धनराशि की ही प्रबन्ध हो पाया है.

पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में बाढ़ के कारण विशाल इलाक़ा जलमग्न हो गया.
© UNICEF/Saiyna Bashir
पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में बाढ़ के कारण विशाल इलाक़ा जलमग्न हो गया.

उच्चस्तरीय सम्मेलन

पाकिस्तान ने यूएन प्रणाली और अन्य साझीदार संगठनों के साथ मिलकर, आपदा के बाद उपजी आवश्यकताओं का आकलन किया है, जिसके अनुसार पुनर्निर्माण और पुनर्बहाली के लिये लगभग 16 अरब डॉलर की ज़रूरत बताई गई है.

इस क्रम में, जिनीवा में सोमवार को पाकिस्तान में बाढ़ के कारण हालात और सहायता प्रयासों के लिये एक उच्चस्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ़ भी हिस्सा लेंगे.

यूएन प्रवक्ता के अनुसार, महासचिव एंतोनियो गुटेरेश अपने सम्बोधन में, भविष्य की जलवायु चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, पाकिस्तान में सामुदायिक सहनक्षमता को मज़बूत किये जाने का आग्रह करेंगे.  

पाकिस्तान सरकार और संयुक्त राष्ट्र साझा रूप से इस सम्मेलन की मेज़बानी कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य बाढ़ से प्रभावित समुदायों की सहायता के लिये वित्तीय व अन्तरराष्ट्रीय समर्थन जुटाना है.

साथ ही, जलवायु सुदृढ़ता को ध्यान में रखते हुए बुनियादी ढाँचे के पुनर्निर्माण हेतु संसाधनों का भी प्रबन्ध किया जाना है.