कोविड-19: जर्मनी - वैक्सीन समता में वाजिब योगदान करने वाला पहला देश

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार को कहा है कि कोविड-19 महामारी का ख़ात्मा करने के लिये, धनी देशों के योगदान की पुकार सुनने में, जर्मनी पहला देश बन गया है.
जर्मनी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा महामारी समाप्ति के लिये चलाई जा रहे वैश्विक कार्यक्रम – ACT-Accelerator, को समर्थन देने के लिये, एक अरब 22 करोड़ डॉलर की रक़म देने का संकल्प व्यक्त किया है.
यह वैश्विक कार्यक्रम, तहत तमाम देशों में सम्पूर्ण आबादी को जाँच, उपचार, वैक्सीन और निजी बचाव उपकरण (PPE) की समान उपलब्धता शुरू करने के लिये वैश्विक साझेदारी है.
इस वैश्विक कार्यक्रम के तहत तत्काल आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये, लगभग 16 अरब 80 करोड़ डॉलर की ज़रूरत है.
एसीटी – ऐक्सैलेरेटर की सुविधा परिषद के सहअध्यक्षों – दक्षिण अफ़्रीका के राष्ट्रपति सीरिल रामाफ़ोसा और नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनस गाहर स्तोरे ने, गत फ़रवरी में, 55 देशों से धन की कमी को पूरा करने के लिये, अपना वाजिब योगदान करने की अपील की थी.
ये हिस्सा, देशों की अर्थव्यवस्थाओं के आकार और इस आधार के अनुरूप तय किया जाएगा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था और व्यापार की त्वरित पुनर्बहाली से, उन देशों के कितना फ़ायदा होगा.
जर्मनी के वित्त मंत्री क्रिश्चियन लिण्डनर ने जी7 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक में, देश के योगदान की घोषणा की. ये बैठक वर्चुअल माध्यमों से आयोजित की गई.
अतिरिक्त 25 करोड़ 30 लाख डॉलर की रक़म भी, देश में कोविड-19 का सामना करने के प्रयासों के लिये आबण्टित होगी.
यूए स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने ऐसा नेतृत्व प्रदर्शित करने के लिये जर्मनी को धन्यवाद दिया.
उन्होंने कहा, “हम अन्य देशों से भी, अपना वाजिब योगदान करने के लिये, जर्मनी के पदचिन्हों पर चलने का आहवान करते हैं क्योंकि हम सभी इस महामारी का ख़ात्मा, इस वर्ष करने के लिये प्रयासरत हैं. हम केवल एकजुटता के साथ काम करके ही, यह लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं.”
कोविड-19 को मार्च 2020 में एक महामारी घोषित किये जाने के कुछ सप्ताहों बाद ही, एसीटी-ऐक्सैलेरेटर कार्यक्रम शुरू किया गया था.
वैश्विक वैक्सीन एकजुटता पहल – कोवैक्स, भी इसके चार स्तम्भों में से एक है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि जर्मनी का ये ताज़ा योगदान संकल्प, शुरू से ही एसीटी ऐक्सैलेरेटर प्रयासों के लिये, देश के मज़बूत समर्थन को और ज़्यादा मज़बूती देता है.