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कोविड-19: अस्वीकार्य सौदों और देरी से, कोवैक्स आपूर्ति में बाधाएँ

माली में एक स्वास्थ्यकर्मी, कोविड-19 वैक्सीन का टीका लगाने की तैयारी करते हुए. माली को, कोवैक्स कार्यक्रम के तहत, 3 लाख 96 हज़ार ख़ुराकें मुहैया कराई गई हैं.
© UNICEF/Seyba Keïta
माली में एक स्वास्थ्यकर्मी, कोविड-19 वैक्सीन का टीका लगाने की तैयारी करते हुए. माली को, कोवैक्स कार्यक्रम के तहत, 3 लाख 96 हज़ार ख़ुराकें मुहैया कराई गई हैं.

कोविड-19: अस्वीकार्य सौदों और देरी से, कोवैक्स आपूर्ति में बाधाएँ

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र और कोविड-19 महामारी की रोकथाम के उपकरण व वैक्सीन सभी को समान रूप से मुहैया कराने की मुहिम - कोवैक्स में शामिल साझीदार एजेंसियों ने, बुधवार को एक संयुक्त बयान जारी करके कहा है कि उच्च व मध्यम आय वाल देशों में 80 प्रतिशत आबादी को कोविड-19 वैक्सीन की ख़ुराकें मिल चुकी हैं, जबकि निम्न व कम आय वाले देशों में ये संख्या केवल 20 प्रतिशत है.

बुधवार को जारी इस संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी का मुक़ाबला करने के लिये, सभी उपकरण और संसाधन, आय, दर्जे या स्थान की परवाह किये बिना, समान रूप से सभी लोगों को और समय पर मुहैया कराने के लिये, कोवैक्स पहल शुरू हुए एक साल हो चुका है.  

“मगर कोविड-19 वैक्सीन की उपलब्धता की वैश्विक तस्वीर अब भी अस्वीकार्य स्तर पर है.”

वक्तव्य के अनुसार, “कोविड-19 के फैलाव के अति ख़तरनाक महीनों के दौरान, कोवैक्स पहल शुरू की गई थी और उस दौरान इसमें भागीदार व साझीदार शामिल किये गए, माँग का जायज़ा लिया गया और वैक्सीन की अग्रिम ख़रीदारी के लिये समुचित धन भी जुटा लिया गया. मगर फिर भी शुरुआती दौर में, वैक्सीन की वैश्विक आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा, धनी देशों ने पहले ही ख़रीद लिया था.”

बाधाएँ

वक्तव्य में कहा गया है कि आज भी, दुनिया भर में निर्बलों को सुरक्षा व संरक्षा मुहैया कराने की कोवैक्स की सामर्थ्य - निर्यात पर लगी पाबन्दियों, निर्माताओं और ख़रीदार देशों के बीच द्विपक्षीय सौदों, निर्माण क्षमता बढ़ाने में पेश आ रही चुनौतियों और नियामक मंज़ूरी के लिये, आवेदन दाख़िल किये जाने में हो रही देरी के कारण, बाधित हो रही है.

काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य के गोमा में, कोविड-19 की वैक्सीन के टीकाकरण अभियान को, कोवैक्स कार्यक्रम के तहत, टीके मुहैया कराए गए हैं.
© UNICEF/Ariette Bashizi
काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य के गोमा में, कोविड-19 की वैक्सीन के टीकाकरण अभियान को, कोवैक्स कार्यक्रम के तहत, टीके मुहैया कराए गए हैं.

कोवैक्स को मिले व्यापक समर्थन की बदौलत, इस कार्यक्रम के तहत समुचित रक़म इकट्ठा कर ली गई और वैक्सीन विकसित करने वालों व निर्माताओं के साथ सीधे तौर पर सौदे किये गए. 

साथ ही, मानव इतिहास में अभी तक का सबसे बड़े टीकाकरण अभियान शुरू किया गया, और वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने में आने वाली कठिनाइयों से निपटा गया.

वक्तव्य में कहा गया है, “कोवैक्स कार्यक्रम के तहत पहले ही महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गई है: 10 अरब डॉलर की रक़म जुटाई गई है; वैक्सीन की क़रीब साढ़े चार अरब ख़ुराकों की आपूर्ति के लिये, क़ानूनी रूप से बाध्य सौदे किये गए हैं; केवल छह महीनों के दौरान, 139 देशों को, 24 करोड़ ख़ुराकें उपलब्ध कराई जा चुकी हैं.”

ध्यान रहे कि कोवैक्स को, विश्व स्वास्थ्य संगठन, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़), सेपी, गावी और अन्य साझीदारों का समर्थन प्राप्त है.

इसके ताज़ा आपूर्ति अनुमानों के अनुसार, कोवैक्स को, वर्ष 2021 के दौरान, अभी लगभग सवा अरब ख़ुराकें मिलने की उम्मीद है.
इनमें से, लगभग एक अरब 20 करोड़ ख़ुराकें कम आय वाले देशों में उपलब्ध कराई जाएंगी.

निम्न व कम आय वाले देशों में, कम से कम 20 प्रतिशत आबादी को वैक्सीन के टीके लगवाने के लिये, ये ख़ुराकें काफ़ी होंगी.

संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि कोवैक्स के तहत, दो अरब ख़ुराकें मुहैया कराने का अति महत्वपूर्ण पड़ाव, अब वर्ष 2022 की पहली तिमाही में हासिल होने की उम्मीद है.

कोवैक्स और इसके साझीदार संगठनों ने दानदाताओं और निर्माताओं से, अपना समर्थन फिर से पक्का करने का आग्रह किया है ताकि वैक्सीन की समान उपलब्धता में हो रही देरी को कम किया जा सके. 

कोवैक्स का कहना है, “चूँकि कोविड-19 के कारण अब भी लोगों की जानें जा रही हैं, आजीविकाएँ तबाह हो रही हैं और आर्थिक पुनर्बहाली धीमी पड़ रही है, हम ये ज़ोर देकर कहना चाहते हैं कि जब तक सभी लोग सुरक्षित नहीं हैं, तब तक कोई भी सुरक्षित नहीं है.”

“महामारी को रोकने और नए व ज़िद्दी वैरिएंट या प्रकारों को उभरने से रोकने का एक मात्र तरीक़ा यही है कि हम सभी एकजुट होकर काम करें.”

खोखले वादे नहीं, साहसिक नेतृत्व की दरकार

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने जिनीवा में, पत्रकारों से बातचीत में याद दिलाया कि उन्होंने एक महीना पहले, बूस्टर ख़ुराकों पर स्वैच्छिक रोक लगाए जाने की पुकार लगाई थी, कम से कम सितम्बर के अन्त तक, ताकि अत्यधिक जोखिम का सामना करने वालों को कम से कम शुरुआती ख़ुराकें तो मिल जाएँ.

उन्होंने कहा, “उसके बाद से, वैश्विक स्तर पर वास्तविक स्थिति में कोई ख़ास बदलाव नहीं देखा गया है, इसलिये आज में ये पुकार लगा रहा हूँ कि बूस्टर ख़ुराक पर, कम से कम इस वर्ष के अन्त तक स्वैच्छिक रोक लगा दी जाए, ताकि हर देश को, अपनी कम से कम 40 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण करने की सामर्थ्य हासिल हो सके.”

कोवैक्स कार्यक्रम के तहत, तंज़ानिया को पहुँचाई गई ख़ुराकों की खेप
UNICEF/Daniel Msirikale
कोवैक्स कार्यक्रम के तहत, तंज़ानिया को पहुँचाई गई ख़ुराकों की खेप

डॉक्टर टैड्रॉस की नज़र में, विश्व के विशाल वैक्सीन निर्माताओं, उपभोक्ताओं और दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं वाले 20 देशों में वैक्सीन दानदाताओं के हाथों में, वैश्विक वैक्सीन समता हासिल करने और महामारी का ख़ात्मा करने की चाबी मौजूद है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन, हर देश को, इस वर्ष सितम्बर के अन्त तक, अपनी कम से कम 10 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण करने में मदद करना चाहता है. 

साथ ही, इस वर्ष के अन्त तक 40 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण और वर्ष 2022 के मध्य तक, वैश्विक आबादी के 70 प्रतिशत हिस्से का टीकाकरण किये जाने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है.