'कोविड-19 की रोकथाम के लिये, 28 अरब डॉलर वाली एसीटी परियोजना ही सर्वश्रेष्ठ सौदा'

विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा है कि कोविड-19 महामारी का मुक़ाबला करने के लिये वजूद में आए एक अन्तरराष्ट्रीय गठबन्धन को, इस मक़सद के लिये 28 अरब डॉलर की रक़म की ज़रूरत है, जोकि महामारी द्वारा पिछले एक साल में की गई विशाल तबाही को और ज़्यादा फैलने से रोकने के लिये बहुत अच्छा सौदा है.
Do you plan to visit parents or grandparents living in long-term care facilities? On https://t.co/RjHSBkVjlH, learn how to protect them from #COVID19 during your visit by enrolling in this free online course from #OpenWHO👉 https://t.co/jL1QOO3wHy pic.twitter.com/ZW35VG8vVb
WHO
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक के एक वरिष्ठ सलाहकार और एसीटी एक्सेलेरेटर पहल की अगुवाई करने वाले डॉक्टर ब्रूस आयलवॉर्ड ने कहा, “ये फिलहाल बेहतरीन सौदा है. बिना किसी सवाल या हुज्जत के."
"एक बार, जब अन्तरराष्ट्रीय यात्राएँ और व्यापार सक्रियता फिर से बहाल हो जाएँगी, तो इस सौदे की लागत 36 घण्टों के भीतर वसूल हो जाएगी.”
ध्यान रहे कि एसीटी एक्सेलेरेटर पहल, संयुक्त राष्ट्र, सदस्य देशों और साझीदारों ने, कोविड-19 महामारी की वैक्सीन के विकास, उत्पादन, वितरण और उपलब्धता सुनिश्चित करने की निगरानी के लिये शुरू की है.
डॉक्टर आयलवॉर्ड ने कहा कि इस समूह के तीन बड़े उद्देश्य हैं: वर्ष 2021 के अन्त तक, कोविड-19 की, कम से कम 2 अरब ख़ुराकें तैयार करना, निम्न व मध्य आय वाले देशों के लिये 50 करोड़ त्वरित टैस्ट प्रणालियाँ विकसित करना, और 25 करोड़ चिकित्सकीय टैस्ट विकसित करना.
उन्होंने जिनीवा में नियमित प्रेस वार्ता में कहा कि सोमवार को एसीटी एक्सेलेरेटर तालमेल परिषद की बैठक हुई जिसमें कैनेडा द्वारा साढ़े 25 करोड़ डॉलर की रक़म के योगदान की ख़बर मिली.
परिषद की अगली बैठक फ़रवरी में, ये समीक्षा करने के लिये फिर होगी कि रक़म एकत्र करने में अन्तर को कैसे भरा जाए.
डॉक्टर आयलवॉर्ड ने कहा कि मौजूदा वित्तीय वातावरण में, 28 अरब डॉलर की रक़म इकट्ठा करना, एक बड़ी चुनौती है, लेकिन इस चुनौती का सामने से मुक़ाबला करने में ही समझदारी है.