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वैक्सीन

सियेरा लियोन में, कुछ नर्सें एक कोविड-19 टीकाकरण क्लीनिक पर काम करते हुए.
© WHO/Michael Duff

कोविड-19 एक वैश्विक स्वास्थ्य आपदा के रूप में समाप्त घोषित

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुखिया डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने शुक्रवार को, कोविड-19 महामारी की, वैश्विक स्तर की एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा के रूप में समाप्ति की घोषणा की है. हालाँकि उन्होंने वृहद आशा व्यक्त करते हुए ये भी ज़ोर दिया है कि ये महामारी अब भी एक वैश्विक ख़तरा बनी हुई है.

भारत के टीकाकरण कार्यक्रम की सफलता के पीछे दो लाख पचास हज़ार स्वास्थ्यकर्मी हैं, जो मुश्किल हालातों में भी अथक काम करते हैं.
UNDP India

भारत: बच्चों तक कारगर वैक्सीन पहुँचाने में, कोल्ड चेन से मिला सहारा

वैक्सीन निर्माता कम्पनियों से बच्चों तक सुरक्षित व कारगर टीका पहुँचाने की यात्रा अक्सर कई चुनौतियों से भरी होती है. भारत में स्वास्थ्यकर्मी बाल टीकाकरण प्रयासों के तहत, देश में दूरदराज़ के इलाकों तक का सफ़र तय करने के बाद, बच्चों तक वैक्सीन पहुँचाते हैं. इस अहम कार्य में कोल्ड चेन उपकरणों की अहम भूमिका है, जिनसे वैक्सीन की लम्बी अवधि तक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है. एक वीडियो रिपोर्ट...

भूकम्प के कारण लाखों लोग विस्थापित हुए हैं जिनमें बहुत से बच्चे भी हैं, और वो लोग अत्यधिक भीड़ वाले इलाक़ों में रहने को विवश हैं.
UN News

सीरिया में 8 लाख बच्चों को, ख़सरा व पोलियो वैक्सीन ख़ुराकों का अभियान

संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियाँ और उनके साझीदार संगठनों ने, सीरिया के पश्चिमोत्तर क्षेत्र में पाँच वर्ष से कम उम्र के लगभग आठ लाख बच्चों को, ख़सरा और पोलियो से बचाने वाली वैक्सीन ख़ुराकें देने का एक अभियान शुरू करने की घोषणा की है.

पेरू के लीमा में टीबी का इलाज करवाता एक मरीज़.
PAHO/Joshua Cogan

विश्व तपेदिक दिवस: जानलेवा बीमारी के उन्मूलन पर केन्द्रित पहल को मज़बूती

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गुरूवार को आगाह किया है कि वर्ष 2022 में, एक दशक से ज़्यादा समय में पहली बार, तपेदिक (टीबी) से होने वाली मौतों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है, जिसकी वजह, कोविड-19 महामारी के कारण उपजे व्यवधान, हिंसक संघर्ष और अन्य संकट हैं.

हेती में एक बच्चे को, हैज़ा की रोकथाम करने वाली वैक्सीन की ख़ुराक पिलाए जाते हुए.
© PAHO-WHO

WHO: 43 देशों में हैज़ा फैलाव से, एक अरब लोगों के लिए जोखिम

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि हैज़ा फैलाव के मामलों में वैश्विक बढ़त ने,43 देशों में एक अरब लोगों के लिए जोखिम खड़ा कर दिया है.

भारत में एक डॉक्टर अपने मरीज़ के एक्स-रे की जाँच कर रहा है, ताकि टीबी का पता लगाया जा सके.
© ILO/Vijay Kuty

टीबी वैक्सीन विकास पर केन्द्रित नई परिषद, लाखों ज़िन्दगियों की रक्षा की आशा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने तपेदिक (टीबी) के विरुद्ध कारगर, नई तरह के टीकों (novel vaccines) के लिए लाइसेंस और उनके प्रयोग की प्रक्रिया में तेज़ी लाने के लिए अपनी योजना पेश की है. यूएन एजेंसी ने आशा व्यक्त की है कि ‘टीबी वैक्सीन ऐक्सीलरेटर’ परिषद' नामक इस पहल के ज़रिये, बड़ी संख्या में तपेदिक मामलों की रोकथाम और लोगों के जीवन की रक्षा कर पाना सम्भव होगा.

फ़िलिपींस के एक सामुदायिक अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मी निजी बचाव के लिये पोशाक पहन कर मरीज़ों की जाँच करते हैं.
UN Women/Louie Pacardo

वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिये बेहतर चौकसी व्यवस्था पर बल

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने मंगलवार, 27 दिसम्बर, को ‘अन्तरराष्ट्रीय वैश्विक महामारी तैयारी दिवस’ के अवसर पर उन रोगाणुओं की पहचान एवं निगरानी के लिये बेहतर चौकसी व्यवस्था की ज़रूरत को रेखांकित किया है, जिनसे वैश्विक महामारी फैलने का ख़तरा है.

 काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य के एक गाँव में घर को संक्रामक रोगाणुओं से मुक्त करने की तैयारी की जा रही है.
WHO

2022 पर एक नज़र: इबोला और हैज़ा का प्रकोप, एमपॉक्स से आपात स्थिति, कोविड महामारी का ‘अन्त नहीं’

संयुक्त राष्ट्र ने फिर से आगाह किया है कि कोविड-19 महामारी अब भी वैश्विक चिन्ता का कारण बनी हुई है. इसी साल हैज़ा, इबोला और मंकीपॉक्स (नया नाम - एमपॉक्स) के रूप में स्वास्थ्य चुनौतियाँ उभरी, जिस पर नियंत्रण पाने के और आमजन के जीवन की रक्षा के लिये स्वास्थ्य और सहायता कर्मियों ने समन्वित प्रयास किए. यूएन के अनुसार वर्ष 2030 तक एचआईवी/एड्स को पूर्ण रूप से ख़त्म करने के लक्ष्य पर जोखिम है, लेकिन एक नई वैक्सीन से मलेरिया का अन्त होने की उम्मीद जगी है. 

इथियोपिया के अदीस अबाबा के पास एक स्वास्थ्य देखभालकर्मी को प्रशिक्षित किया जा रहा है.
© WHO/Otto Bakano

महामारियों की वजह बन सकने वाले नए रोगाणुओं को चिन्हित करने के प्रयास

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि ऐसे रोगाणुओं (pathogens) की एक संशोधित सूची तैयार किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं, जोकि विशाल स्तर पर बीमारी या वैश्विक महामारी फैलने की वजह बन सकते हैं. यूएन एजेंसी ने सोमवार को बताया कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों के सहयोग से ऐसे रोगाणुओं को चिन्हित किया जाएगा, जिन्हें प्राथमिकता के तौर पर लिये जाने की आवश्यकता है.  

बांग्लादेश के एक स्वास्थ्य केंद्र में एक लड़की को कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी ख़ुराक लगाई जा रही है.
© UNICEF/Iffath Yeasmine

अति-आवश्यक टीकों की सुलभता में वैश्विक विषमता, WHO रिपोर्ट

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की नवीनतम ‘वैश्विक वैक्सीन बाज़ार’ रिपोर्ट बताती है कि विश्व भर में वैक्सीन का असमान वितरण, केवल कोविड-19 टीकों तक ही सीमित नहीं है. सम्पन्न देशों में जिन वैक्सीन की मांग अधिक है, उन्हें प्राप्त करने के लिये निर्धन देशों को निरन्तर जूझना पड़ता है.