2021 में मुसीबत में फँसे लोगों की मदद के लिये 35 अरब डॉलर की अपील

संयुक्त राष्ट्र के आपदा राहत कार्यों के मुखिया मार्क लोकॉक ने कहा है कि वर्ष 2021 में, दुनिया भर में लगभग साढ़े 23 करोड़ लोगों को मानवीय सहायता व सुरक्षा की ज़रूरत होगी, जोकि एक रिकॉर्ड संख्या होगी, और वर्ष 2020 की तुलना में क़रीब 40 प्रतिशत ज़्यादा. उन्होंने कहा है कि ऐसा मुख्य रूप से कोविड-19 के कारणों से होगा.
मार्क लोकॉक ने अगले वर्ष के दौरान सहायता मुहैया कराने के लिये 35 अरब डॉलर की रक़म का चन्दा इकट्ठा करने की अपील में कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य महामारी ने दुनिया भर में लोगों को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है, जबकि उनमें से बहुत से लोग पहले सरे ही संघर्षों की स्थिति से जूझ रहे थे.
We won’t get a second chance to make the right choice.Today we are launching the Global Humanitarian Overview.For 2021, we will need $35 billion, to reach 160 million of the world’s most vulnerable with life-saving support. https://t.co/Y0r9cz9wsA #InvestInhumanity
UNReliefChief
बहुत से लोग विस्थापन का शिकार थे, और बहुत से जलवायु परिवर्तन के झटकों का भी सामना कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि बहुपक्षीय अकाल की स्थितियाँ मुँह बाएँ खड़ी हैं. लाखों लोगों के लिये स्थिति बहुत हताशापूर्ण है और इन हालात ने संयुक्त राष्ट्र और उसके साझीदार संगठनों पर बहुत बोझ डाल दिया है.
मार्क लोकॉक ने कहा, “अगले वर्ष के दौरान मानवीय सहायता की ज़रूरतों का परिदृश्य बहुत धूमिल व काला नज़र आ रहा है, ऐसा कि हमने अभी तक नहीं देखा."
"ये स्थिति इस सच्चाई को दर्शाती है कि कोविड-19 महामारी ने पृथ्वी पर सबसे ज़्यादा नाज़ुक और कमज़ोर हालात का सामना कर रहे देशों में भारी तबाही मचा दी है.”
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने वैश्विक एकजुटता के लिये मार्क लोकॉक की अपील से सहमति जताते हुए पूरी दुनिया से, लोगों के सबसे तकलीफ़ वाले दौर में, उनके साथ एकजुटता दिखाने का आग्रह किया है, ख़ासतौर से, कोविड-19 महामारी और भी ज़्यादा भीषण होती जा रही है.
यूएन प्रमुख ने एक सन्देश में कहा कि मानवीय सहायता प्रणाली ने वैसे तो करोड़ों लोगों को खाद्य सामग्री, दवाइयाँ, आवास संसाधन, शिक्षा और अन्य ज़रूरी सेवाएँ व चीज़ें उपलब्ध कराई हैं, मगर ये संकट ख़त्म होने से अभी बहुत दूर है.
मार्क लोकॉक ने कहा कि इस वर्ष के वैश्विक मानवीय सहायता परिदृश्य में 56 देशों में बेहद नाज़ुक हालात का सामना कर रहे लगभग 16 करोड़ लोगों तक पहुँचने की योजनाएँ बनाई गई हैं, और अगर ये सभी योजनाएँ पूरी की गईं तो इन पर 35 अरब डॉलर का ख़र्च आएगा.
उन्होंने कहा कि धनी देशों ने कोविड-19 महामारी की तबाही के आर्थिक प्रभावों से निपटने के लिये क़रीब 10 ट्रिलियन डॉलर की रक़म का निवेश किया है, और उन देशों में अन्धेरी सुरंग के दूसरे सिरे पर कुछ रौशनी देखी जा सकती है... लेकिन निर्धनतम देशों में ऐसा नहीं है.
मार्क लोकॉक ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने लाखों लोगों को ग़रीबी में धकेल दिया है और मानवीय सहायता ज़रूरतें आसमान पर पहुँचा दी हैं.
इसलिये अकाल को टालने, ग़रीबी का मुक़ाबला करने, और बच्चों का टीकाकरण व उन्हें स्कूलों में रखने के लिये मानवीय सहायता राशि की ज़रूरत है.
उन्होंने बताया कि महामारी के सिलसिले में महिलाओं व लड़कियों के ख़िलाफ़ हिंसा का मुक़ाबला करने के लिये संयुक्त राष्ट्र के केन्द्रीय आपदा राहत कोष (CERF) से भी रक़म ख़र्च की जाएगी.