वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

संघर्ष

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP), ग़ाज़ा में चल रही हिंसा से आश्रय ले रहे परिवारों को ब्रेड वितरित कर रहा है.
© WFP/Ali Jadallah

संकटकाल में संयुक्त राष्ट्र की जीवन रक्षक सहायता: कुछ तथ्य

पृथ्वी के कुछ सर्वाधिक ख़तरनाक स्थानों में, रिकॉर्ड संख्या में लोगों को भोजनदवाआपातकालीन शिक्षा और आश्रय प्रदान करने में किस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैसंयुक्त राष्ट्र, दुनिया भर में इन राहत कार्यों को अंजाम देता है, जिसमें अफ़ग़ानिस्तानहेतीसूडानयूक्रेन और इसराइल द्वारा क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र शामिल हैं.

संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सचिवालय की इमारत
UN Photo/Rick Bajornas

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने 2024 के लिए रखा 3.3 अरब डॉलर के बजट का प्रस्ताव

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, संघर्षोंमानवाधिकार हनन के मामलोंअसमानताओं और जलवायु आपदाओं जैसी विभिन्न वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए वर्ष 2024 में संगठन के कामकाज हेतु, 3.3 अरब डॉलर के कार्यक्रम का बजट का प्रस्ताव पेश किया है.

विवादित काराबाख़ क्षेत्र से विस्थापित, हज़ारों-लाखों लोग आर्मीनिया पहुँच रहे हैं.
© UNFPA Armenia

काराबाख़ से आर्मीनिया पहुँचे एक लाख शरणार्थियों को राहत सहायता

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार काराबाख़ से भागकर आर्मीनिया में एक लाख से अधिक लोग शरण ले चुके हैं. यह संख्या विवादित क्षेत्र की ज़्यादातर आबादी का प्रतिनिधित्व करती है. अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) के विएना स्थित कार्यालय में प्रवक्ता जो लॉरी ने इस विषम स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह इससे शारीरिक व मानसिक कष्ट पहुँच रहा है. संयुक्त राष्ट्र, वृद्धजन व बच्चों समेत सभी शरणार्थियों को घर से दूर एक नया आश्रय बसाने में पूरी मदद कर रहा है. एक वीडियो रिपोर्ट.

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की वैश्विक प्रवक्ता, शाबिया मंटू.
UN Photo/Jean Marc Ferré

UNHCR: काराबाख़ क्षेत्र से शरणार्थियों के पलायन पर चिन्ता

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने मंगलवार को, काराबाख़ इलाक़े में हाल के संघर्ष के कारण भारी संख्या में नागरिकों के आर्मीनिया पलायन करने की घटना पर चिन्ता जताई है.

सीरिया में, यूनीसेफ़ का नक़दी सहायता कार्यक्रम, अनेक परिवारों को मदद दे रहा है.
© UNICEF/Delil Souleiman

सीरिया: आम लोगों की ख़ातिर, राजनैतिक प्रक्रिया की बहाली पर ज़ोर

सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गेयर पैडरसन ने सुरक्षा परिषद में कहा है कि देश में युद्ध से बाहर निकलने के लिए, राजनैतिक प्रक्रिया ही एक मात्र रास्ता है, जिससे देश को प्रभावित कर रहे अनेक संकटों पर ध्यान देने में भी मदद मिल सकती है.

इराक़ की राजधानी बग़दाद में, 19 अगस्त 2003 को, एक ट्रक बम ने, वहाँ स्थित यूएन मुख्यालय को ध्वस्त कर दिया था.
UN Photo/Timothy Sopp

बग़दाद आपबीती: 2003 के हमले के बाद भी, संयुक्त राष्ट्र ने इराक़ियों को 'त्यागा नहीं'

संयुक्त राष्ट्र में वरिष्ठ राजनैतिक मामलों की एक अधिकारी ने बताया है कि वर्ष 2003 में, इराक़ में बग़दाद शहर के कैनाल होटल में, यूएन कार्यालय पर हुए हमले में मारे गए सहकर्मियों के बलिदान को, किस तरह स्वीकार किया गया है, जोकि देश में संयुक्त राष्ट्र की निरन्तर उपस्थिति से स्पष्ट है. उस दौरान न्यूयॉर्क में रहने वाली, एल्पिडा रोउका, इराक़ कार्यक्रम के कार्यालय के कार्यकारी निदेशक के साथ एक मिशन पर बग़दाद गई थीं. वो उस घातक विस्फोट में बच गईं, जिसमें उनके 22 यूएन सहयोगियों की मौत हो गई थी. 19 अगस्त पर हुए उस हमले की याद में, हर वर्ष, इसी दिन विश्व मानवतावादी दिवस मनाया जाता है. एल्पिडा रोउका की आपबीती...

इराक़ के कैनाल होटल में 2003 में हुए भीषण बम विस्फोट के बाद का एक दृश्य.
UN Photo

बग़दाद आपबीती: 2003 में हुए हमले के ‘दर्दनाक मनोवैज्ञानिक घाव' आज भी हैं हरे

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के एक पूर्व स्टाफ़ ख़ालिद मंसूर ने, 2003 में इराक़ की राजधानी बग़दाद के कैनाल होटल में, संयुक्त राष्ट्र कार्यालयों पर हुए घातक आतंकवादी हमलों के "अपार मनोवैज्ञानिक घावों" के बारे में विस्तार से बात की. खालिद मंसूरअब एक लेखक और पत्रकार हैंउस समय इराक़ में डब्ल्यूएफ़पी के प्रवक्ता थे, और उस घातक विस्फोट में बाल-बाल बचे थे, जिसमें उनके 22 संयुक्त राष्ट्र सहयोगियों की मौत हो गई थी. 19 अगस्त के हमले की स्मृति में मनाए जाने वाले विश्व मानवतावादी दिवस पर, वो अपने जीवन और उससे मिले सबक़ पर विचार साझा कर रहे हैं...

सूडान में संघर्ष से भागे लोग ख़ार्तूम में एक बस अड्डे पर प्रतीक्षा करते हुए.
UNDP Sudan

'सूडान आपबीती: "अपना घर छोड़ना किसी को अच्छा नहीं लगता...'

सूडान में युद्ध भड़कने के लगभग एक महीने बाद भी, राष्ट्रीय सेना और प्रतिद्वन्द्वी आरएसएफ़ के लड़ाकों के बीच संघर्ष ख़त्म होने के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं. इस लड़ाई से जान-बचाकर भागे लाखों लोग, अपने बसे-बसाए घर छोड़कर, विषम परिस्थितियों में शरण स्थलों में जीने के लिए मजबूर हैं.   

अगस्त 2022 में, इसराइली सेना और चरमपंथियों के बीच संघर्ष के बाद ग़ाज़ा में हुआ विनाश.
Ziad Taleb

इसराइल-फ़लस्तीन: ग़ाज़ा में इसराइली हवाई हमलों में आम नागरिकों की मौत की निन्दा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने बुधवार को कहा कि वो फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में, हाल ही में इसराइली सेना और चरमपंथियों के बीच हुई गोलीबारी पर नज़र रखे हुए हैं. उन्होंने इलाक़े में संघर्ष में वृद्धि होने से "अधिक लोगों की जान जाने की आशंका" व्यक्त करते हुए, "गहरी चिन्ता" व्यक्त की है.

Raghuveer Sharma

‘प्रार्थना करते हैं कि सूडान में हालात, जल्द ही सामान्य हो जाएँ’

सूडान में शीर्ष सैन्य नेतृत्व के बीच जारी घातक सत्ता संघर्ष से देश में गम्भीर स्थिति बनी हुई है. ऐसे में बहुत से देशों ने सूडान से अपने नागरिकों को बाहर निकालने के अभियान चलाए हैं, जिनमें भारत का 'कावेरी अभियान' भी शामिल है. इस अभियान के तहत साढ़े तीन हज़ार से ज़्यादा भारतीय नागरिकों को सूडान से सुरक्षित बाहर निकालकर, भारत वापिस पहुँचाया गया है. इन्हीं भारतीय नागरिकों में से एक हैं - राजस्थान के रघुवीर शर्मा, जिन्होंने हमारी सहयोगी, अxशु शर्मा के साथ एक बातचीत में, सूडान के भयावह हालात का आँखों देखा हाल सुनाया... (ऑडियो)

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