वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

ग़ाज़ा में मौत, विध्वंस, विस्थापन, 'साझा मानवता व चेतना पर धब्बा'

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने फ़लस्तीनियों के अपरिहार्य अधिकारों पर यूएन समिति को सम्बोधित किया.
UN Photo
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने फ़लस्तीनियों के अपरिहार्य अधिकारों पर यूएन समिति को सम्बोधित किया.

ग़ाज़ा में मौत, विध्वंस, विस्थापन, 'साझा मानवता व चेतना पर धब्बा'

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने क्षोभ प्रकट किया है कि इसराइली सेना द्वारा ग़ाज़ा पर अनवरत बमबारी से जिस गति व स्तर पर आम नागरिकों की जान गई है और बर्बादी हुई है, वह हाल के वर्षों में पहले कभी नहीं देखी गई. यूएन प्रमुख ने बुधवार को फ़लस्तीनी लोगों के अपरिहार्य अधिकारों के इस्तेमाल पर यूएन समिति की बैठक को सम्बोधित करते हुए यह बात कही है.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने फ़लस्तीनियों के अधिकारों पर यूएन की शीर्ष समिति को ग़ाज़ा में जीवनरक्षक मानवतावादी प्रयासों और लड़ाई रोकने के लिए हो रहे प्रयासों से अवगत कराया.

उन्होंने समिति के शासनादेश (mandate) को रेखांकित करते हुए कहा कि फ़लस्तीनियों की राष्ट्रविहीनता का मुद्दा सुलझ नहीं पाया है. स्थानीय आबादी भीषण हिंसा और अपार पीड़ा से गुज़र रही है, विशेष रूप से 7 अक्टूबर को इसराइल पर हमास के आतंकी हमलों के बाद इसराइली सैन्य बलों की जवाबी कार्रवाई में.

महासचिव गुटेरेश ने हमास व अन्य गुटों के हमलों की निन्दा करते हुए कहा कि पिछले 120 दिनों से ग़ाज़ा में मौत, विध्वंस, विस्थापन, भूख, हानि और पीड़ा का सिलसिला, हमारी साझा मानवता और चेतना पर धब्बा है. 

यूएन प्रमुख के अनुसार, इसराइली सेना द्वारा ग़ाज़ा पर अनवरत बमबारी से जिस गति व स्तर पर आम नागरिकों की जान गई है और बर्बादी हुई है, वह हाल के वर्षों में पहले कभी नहीं देखी गई.

उन्होंने कहा कि 7 अक्टूबर को इसराइल पर हुए हमलों में फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) कर्मचारियों की संलिप्तता के बेहद गम्भीर आरोप सामने आने के बाद, यूएन ने तत्काल कार्रवाई की है.

“मैं निजी तौर पर इन आरोपों से क्षुब्ध था.” 

महासचिव गुटेरेश ने मंगलवार को यूएन एजेंसी की वित्तीय सहायता रोकने की घोषणा करने वाले दानदाता देशों से मुलाक़ात की, उनकी चिन्ताओं को सुना और संगठन द्वारा उठाए जा रहे क़दमों के बारे में जानकारी दी.

हताश व ज़रूरतमन्द फ़लस्तीनियों तक सहायता पहुँचाने के लिए यूएन एजेंसी चौबीसों घंटे प्रयासों में जुटी है.
© UNRWA
हताश व ज़रूरतमन्द फ़लस्तीनियों तक सहायता पहुँचाने के लिए यूएन एजेंसी चौबीसों घंटे प्रयासों में जुटी है.

UNRWA के लिए समर्थन

उन्होंने ग़ाज़ा में आम नागरिकों की विशाल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए UNRWA की अहम भूमिका को रेखांकित किया, और कहा कि क़ाबिज़ पश्चिमी तट, जॉर्डन, लेबनान और सीरिया में फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए सेवाओं की निरन्तरता को जारी रखना होगा.

“UNRWA, ग़ाज़ा में सभी मानवतावादी प्रयासों की रीढ़ है. मैं सभी सदस्यों से UNRWA के जीवनरक्षक कार्य की निरन्तरता को जारी रखने की अपील करता हूँ.”

ग़ाज़ा में अब तक 26 हज़ार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, 17 लाख विस्थापित हुए हैं और नागरिक प्रतिष्ठानों का व्यापक स्तर पर विध्वंस हुआ है, जिनमें घर व स्कूल भी हैं.

उन्होंने कहा कि ग़ाज़ा के 22 लाख लोग बिना बुनियादी वस्तुओं के अपनी गुज़र-बसर के लिए अमानवीय परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं, और यह बेहद चिन्ताजनक है.

“ग़ाज़ा में हर कोई भूखा है, और पाँच लाख लोग विनाशकारी स्तर पर खाद्य असुरक्षा से जूझ रहे हैं.” इसके मद्देनज़र, उन्होंने त्वरित, सुरक्षित, निर्बाध और सतत मानवीय सहायता मार्ग मुहैया कराए जाने की पुकार लगाई है.

यूएन प्रमुख ने तत्काल मानवतावादी युद्धविराम की अपील को दोहराते हुए कहा कि सभी युद्धरत पक्षो को अन्तरराष्ट्रीय क़ानून, और अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय के बाध्यकारी निर्णयों का अनुपालन करना होगा.