वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र के शान्तिरक्षा मिशन में तैनात इरीन लासू जो रेडियो मिराया में कार्यक्रम पेश करती हैं और लोगों को विभिन्न मुद्दों पर जागरूक बनाने अहम भूमिका निभा रही हैं.
UNMISS/Isaac Billy

शान्तिरक्षा में महिलाओं का बढ़ता योगदान

संयुक्त राष्ट्र की शान्तिरक्षा सुरक्षा कार्यों की आधारशिला है और महिला शान्तिरक्षक इसकी सफलता की कुन्जी हैं. आज के दौर में संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षा में नेतृत्व के पदों पर पहले से कहीं ज़्यादा महिलाएँ आसीन हैं. इसमें महिलाएँ सेना, पुलिस और नागरिक समाज का अंग बनकर संयुक्त राष्ट्र में कार्यरत हैं. संयुक्त राष्ट्र शान्ति व्यवस्था, “महिला, शान्ति और सुरक्षा” पर सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1325 के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है. इसके तहत महिला अधिकारों को पूर्ण रूप से पाने के लिए महिलाओं को निर्णायक भूमिका में रहना होगा और अपने देशों में शान्तिरक्षकों की भूमिका भी निभानी होगी. निर्णय लेने में महिलाओं का सार्थक समावेश प्रभावशीलता को बढ़ाता है व नए दृष्टिकोण और समाधान उत्पन्न करता है, अधिक संसाधन पैदा करता है और हमारे प्रयासों को मज़बूत करता है.

 

देखें ये वीडियो फ़ीचर...

मेजर सुमन गवानी (बाएँ); कमान्डर कार्ला मोन्तिएरो डी कास्त्रो अराउजो (दाएँ).
UNMISS/MINUSCA/Hervé Serefio

हम किसी से कम नहीं - मेजर सुमन

दक्षिण सूडान में यूएन मिशन में एक सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में ज़िम्मेदारी सम्भालने वालीं और भारतीय सेना में मेजर सुमन गवानी का कहना है कि महिला शान्तिरक्षक किसी से पीछे नहीं हैं और यूएन शान्तिरक्षा अभियानों में महिलाओं की मज़बूत भागीदारी ही उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति की परिचायक है. मेजर गवानी को लैंगिक समानता पर उत्कृष्ट कार्य के लिए ब्राज़ील की नौसेना अधिकारी कमान्डर कार्ला मोन्तिएरो डी कास्त्रो अराउजो के साथ वर्ष 2019 के लिए संयुक्त रूप से 'यूएन मिलिट्री जैन्डर एडवोकेट ऑफ़ द ईयर' अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. 

 

मेजर सुमन गवानी ने यूएन न्यूज़ हिन्दी की अंशु शर्मा के साथ एक ख़ास बातचीत में बताया कि शान्तिरक्षकों को अपने दैनिक कार्यों में लैंगिक ज़रूरतों और परिप्रेक्ष्यों को समाहित करना चाहिए और महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाने के प्रयास करने चाहिए...

सीरिया में भी कोविड-19 के लिए प्रतिबन्धात्मक उपायों के कारण लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है. ऐसे में विश्व खाद्य कार्यक्रम ने लोगों तक ज़रूरी सामान पहुँचाने के लिए कुछ इन्तज़ाम किए हैं जिसके तहत हर महीने 45 लाख लोगों को सहायता पहुँचाई जा रही है.
United Nations

भुखमरी को टालने की कोशिश

सीरिया में बड़ी संख्या में मौजूद शरणार्थियों के सामने कोविड-19 का मुक़ाबला करने के माहौल में खाने-पीने के सामान की भी क़िल्लत पैदा होने का डर है. ऐसे में विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) वहाँ खाद्य सामग्री वितरित करके भुखमरी को टालने की कोशिश कर रहा है...

अनौपचारिक सैक्टर में काम करने वाले अरबों लोगों पर कोविड-19 महामरी के कारण आजीविका का संकट पैदा होने का ख़तरा दरपेश है.
Clearway Energy Group

अनौपचारिक रोज़गार पर गाज

अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने कहा है कि कोविड-19 के कारण दुनिया भर में अनौपचारिक सैक्टर में काम करने वाले लगभग दो अरब लोगों की आजीविका पर संकट के बादल मँडराने लगे हैं. करोड़ों लोगों के भुखमरी के गर्त में चले जाने का भी ख़तरा है. एक वीडियो फ़ीचर...

मलेशिया में आदिवासी समुदाय इस दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश में प्राकृतिक वातावरण के काफ़ी पुराने समय से संरक्षक रहे हैं.
Sarawak Biodiversity Centre

जैव विविधता दिवस

यूएन महासचिव ने 22 को मनाए जाने वाले अन्तरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के मौक़े पर कहा है कि इन्सानों के तमाम समाधान प्रकृति में समाहित हैं इसलिए बेहतर वांछित भविष्य और आने वाली पीढ़ियों के बेहतर कलयाण के लिए प्रकृति के साथ बेहतर सन्तुलन बनाना बहुत ज़रूरी है. वीडियो सन्देश...

म्यांमार के एक होटल में आगंतुकों का तापमान मापने के लिए इन्फ़्रारेड थर्मोमीटर का इस्तेमाल किया जा रहा है.
UN News/Jing Zhang

दुष्प्रचार व नफ़रत से टक्कर

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गुरुवार को ‘Verified’ यानि ‘प्रमाणिक’ मुहिम की शुरुआत की है जिससे डिजिटल माध्यमों पर भरोसेमन्द और सटीक जानकारी की मात्रा और पहुँच बढ़ाने के लिए ‘डिजिटल फ़र्स्ट रिस्पॉन्डर्स’ की एक टीम तैयार की जाएगी.  “हम अपने वर्चुअल माध्यमों में अपनी जगह उन लोगों के लिए नहीं छोड़ सकते जो झूठ, डर और नफ़रत फैलाते हैं.”

यूकेलिप्टस के फूल पर बैठकर पराग कणों को एकत्र करती मधुमक्खी.
FAO/Zinyange Auntony

मधुमक्खियों की अहमियत

20 मई को मधुमक्खी दिवस मनाया जा रहा है. इस मौक़े पर खाद्य आपूर्ति, जैव विविधता व पारिस्थितिकी तन्त्र में परागण जीवों के योगदान के बारे में जागरूकता भी बढ़ाई जा रही है. शहद के अलावा मधुमक्खियों की और भी है अहमियत. देखें ये वीडियो...

कोविड-19 का मुक़ाबला करने के प्रयास निकट भविष्य में जारी रहने की बात कही गई है, ऐसे में कार्यस्थलों पर ऐहतियाती उपय व ठोस सुरक्षा सुनिश्चित करना भी ज़रूरी बताया गया है.
ILO/Asrian Mirza

कोविड-19: कार्यस्थलों पर वापसी के लिए सुरक्षा व ऐहतियाती उपाय ज़रूरी

अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने कहा है कि निकट भविष्य में कोविड-19 से निपटने की ही स्थिति में बहुत से लोग कामकाज पर वापिस लौटेंगे, इसके लिए कार्यस्थलों पर ठोस सुरक्षा उपाय करना बहुत ज़रूरी है. साथ ही ऐहतियाती उपायों के बारे में समुचित जानकारी मुहैया कराना भी बहुत अहम बताया गया है. देखिए वीडियो फ़ीचर...

जॉर्डन के ज़ाताआरी शरणार्थी शिविर में कुछ शरणार्थियों ने आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके एक लैगो रोबोट बनाया है जो सैंसर के ज़रिये हाथ सफ़ाई में मदद करता है.
UNiFEED

लैगो रोबोट की हाथ सफ़ाई

जॉर्डन के ज़ैतारी शरणार्थी शिविर में नवीकरण का इस्तेमाल करके एक ऐसा लैगो रोबोट बनाया गया है जो हाथ लगाए बिना ही लोगों की हाथ सफ़ाई में मदद करता है. संक्रमण का फैलाव रोकने के प्रयासों के तहत इस तकनीक को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचाया जा रहा है. देखें वीडियो...

यूक्रेन के ओडेसा में सड़क पर काम करने व रहने को मजबूर बच्चों के लिए बनाए शिविर में रह रहा 19 वर्षीय युवक नशीली दवाओं का सेवन करता है और एचआईवी पॉज़िटिव है.
© UNICEF/Giacomo Pirozzi

मानसिक स्वास्थ्य का बहुत ध्यान ज़रूरी

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि कोविड-19 महामारी ने दुनिया भर में इंसानों के ना केवल शारीरिक वजूद पर चोट की है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरी तरह हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि दुनिया भर में हर जगह, हर इंसान के मानसिक स्वास्थ्य का ख़याल रखा जाना बहुत ज़रूरी है और ये अभी के लिए नहीं, बल्कि महामारी पर क़ाबू पाए जाने के बाद के समय के लिए भी सुनिश्चित करना है. वीडियो सन्देश...