वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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मध्य पूर्व

ग़ाज़ा पट्टी का बहुत बड़ा इलाक़ा, युद्ध में इस तरह तबाह हो गया है.
© UNRWA/Ashraf Amra

ग़ाज़ा युद्ध में इनसानी ज़िन्दगियों के इतने बड़े नुक़सान पर 'कष्टपूर्ण हैरानी'

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने "ग़ाज़ा युद्ध में इनसानी ज़िन्दगियों के इतने बड़े नुक़सान पर हैरानी” व्यक्त की है, जिसमें अब तक 30 हज़ार से अधिक लोग मारे गए हैं और 70 हज़ार से अधिक घायल हुए हैं.

मध्य ग़ाज़ा में, बेरोज़गार युवक, गुज़र-बसर के लिए, बाज़ारों में जंगली पौधे बेचने को मजबूर हो गए हैं.
UN News / Ziad Taleb

ग़ाज़ा: युद्ध से त्रस्त लोग जंगली पौधे खाने को मजबूर

ग़ाज़ा में युद्ध से हुई भीषण तबाही के बीचबहुत से बेरोज़गार युवकगुज़र-बसर के लिएबाज़ारों में जंगली पौधे बेचने को मजबूर हो गए हैं. ये युवकहर सुबहखुले मैदानों में ऐसे जंगली पौधे बीनते हैंजिन्हें मध्य पूर्व में पीढ़ियों से मध्य पूर्व में पूरक भोजन के रूप में खाया जाता रहा है. ये जंगली पौधे अब, ग़ाज़ा पट्टी के निवासियों के लिए भोजन का प्रमुख स्रोत बन गए हैं. (वीडियो).

 

 

ग़ाज़ा में युद्ध की शुरुआत से ही स्कूल भी बमबारी की जद में आए हैं.
© UNRWA

ग़ाज़ा में संहार को तत्काल रोके जाने की पुकार, मृतक संख्या हुई 30 हज़ार

ग़ाज़ा में हो रहे संहार से अब तक 30 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और इसे तुरन्त रोका जाना होगा. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) वोल्कर टर्क ने गुरूवार को मानवाधिकार परिषद को सम्बोधित करते हुए यह पुकार लगाई है.

ग़ाज़ा के ख़ान यूनिस में स्थित अल-अमाल अस्पताल का कुछ हिस्सा, बमबारी में क्षतिग्रस्त हुआ है.
UN News

ना दवा, ना कोई उम्मीद: ग़ाज़ा में इसराइली हमलों में बेबस ज़िन्दगी

संचार व्यवस्था नहीं, दवा नहीं, और कोई उम्मीद भी नहीं. भीषण लड़ाई की मार झेल रहे ग़ाज़ा के एक अस्पताल में ऐसी परिस्थितियों में काम हो रहा है. ख़ान यूनिस के अल अमाल अस्पताल की घेराबन्दी के बीच वहाँ चिकित्सकों का एक समूह पिछले कई हफ़्तों से फँसा है, जिन्होंने यूएन न्यूज़ को बताया कि यहाँ जीवन कितना कठिन हो गया है.

ग़ाज़ा युद्ध में रफ़ाह में तबाह हुई एक बस्ती का दृश्य.
UN News/Ziad Taleb

'ग़ाज़ा में सभी पक्ष, सम्भावित युद्धापराधों के लिए ज़िम्मेदार'

ग़ाज़ा युद्ध के सभी पक्षों ने अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का स्पष्ट उल्लंघन किया है जिसमें सम्भावित युद्ध अपराध भी शामिल हो सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार अधिकारी वोल्कर टर्क ने बुधवार को चेतावनी भरे शब्दों में यह बात कही है.

ग़ाज़ा में अकाल के आसन्न संकट पर विचार करने के लिए, सुरक्षा परिषद की एक बैठक (27 फ़रवरी 2024).
UN Photo

'ग़ाज़ा में सहायता नहीं बढ़ी तो अकाल निश्चित', सुरक्षा परिषद में चर्चा

ग़ाज़ा में, पाँच लाख से अधिक लोग, अकाल से बस एक क़दम दूर हैं. हर दिन बढ़ते अकाल जोखिम पर चर्चा के लिए, मंगलवार को सुरक्षा परिषद की एक बैठक हुई है. यूएन मानवीय सहायता समन्वय मामलों के उप प्रमुख ने राजदूतों को बताया है कि ग़ाज़ा में अगर मानवीय सहायता के स्तर और गति को नहीं बढ़ाया जाता है तो, अकाल को रोकना "लगभग असम्भव" होगा.

संयुक्त राष्ट्र की टीम, ग़ाज़ा में क्षतिग्रस्त सड़कों के ज़रिये नासेर अस्पताल तक ईंधन पहुँचाने की कोशिशों में जुटी है. (फ़रवरी 2024)
© UNOCHA/Themba Linden

ग़ाज़ा: मरीज़ों से भरी ऐम्बुलेंस के क़ाफ़िले को रोके जाने पर गहरी हताशा

संयुक्त राष्ट्र मानवीय राहत एजेंसियों ने युद्धग्रस्त ग़ाज़ा में सहायता प्रयासों में आ रही मुश्किलों और इसराइली सेना द्वारा राहत मार्गों पर लगाई गई पाबन्दियों पर गहरी हताशा व्यक्त की है. कुछ दिन पहले अल-अमाल अस्पताल से ऐम्बुलेंस में मरीज़ों को बाहर ले जाते समय, रास्ते में स्वास्थ्यकर्मियों को रोककर उनकी तलाशी ली गई और उन्हें कई घंटों तक हिरासत में रखा गया.

इसराइली कार्रवाई पर सार्वजनिक सुनवाई की शुरुआत में अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय का दृश्य.
© ICJ-CIJ/Frank van Beek

फ़लस्तीन के साथ इसराइली बर्ताव पर विश्व न्यायालय (ICJ) में सुनवाई की झलकियाँ

फ़लस्तीन के विदेश मंत्री ने इस सप्ताह अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJमें सार्वजनिक सुनवाई के आरम्भ होने पर कहा, "हमारे सामने केवल यह विकल्प मौजूद हैं: जातीय सफ़ायारंगभेद या जनसंहार." संयुक्त राष्ट्र महासभा के अनुरोध पर आधारित एक सलाहकारी राय के एक मामले में, कब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र में इसराइल की नीतियों के क़ानूनी नतीजों पर, रिकॉर्ड 52 देशों व तीन अन्तरराष्ट्रीय संगठनों ने टिप्पणियाँ एवं प्रस्तुतियाँ पेश कीं. 

ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े - रफ़ाह में लाखों परिवार, अस्थाई टैंटों में रहने को विवश हैं.
© UNICEF/Eyad El Baba

ग़ाज़ा: मानवीय सहायता आपूर्ति में, जनवरी से अब तक 50% की कमी

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (UNRWA) के अनुसार, हिंसक टकराव से प्रभावित ग़ाज़ा में फ़रवरी महीने बेहद कम मात्रा मे मानवीय सहायता पहुँचाई जा सकी है, और जनवरी महीने की तुलना में 50 फ़ीसदी की कमी दर्ज की गई है.

संयुक्त राष्ट्र की जिनीवा स्थित मानवाधिकार परिषद के 55वें सत्र का एक दृश्य.
UN Photo/Elma Okic

ग़ाज़ा व यूक्रेन के सन्दर्भ के साथ, ‘मानवाधिकार संरक्षण प्रतिज्ञा’

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को आगाह किया है कि ग़ाज़ा के रफ़ाह पर इसराइल के सम्भावित हमले से ग़ाज़ा के लोगों के लिए, संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाली मानवीय राहत का अन्त हो जाएगा. उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से, हर जगह हर किसी के लिए मानवाधिकारों के प्रोत्साहन व संरक्षण की अपनी "प्राथमिक ज़िम्मेदारी" को पूरा करने का एक व्यापक आहवान भी किया है.