वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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मध्य पूर्व

संयुक्त राष्ट्र, संघर्ष में फँसे फ़लस्तीनियों की लगातार मदद कर रहा है.
© UNRWA

संयुक्त राष्ट्र, संकट के दौरान पर्दे के पीछे कैसे काम करता है?

ग़ाज़ा में, इसराइल और हमास के बीच हिंसा में नवीनतम वृद्धि और पूर्ण युद्ध के आसार की स्थिति जैसे गम्भीर संकटों मेंसंयुक्त राष्ट्र को राजनैतिक एवं मानवीय, दोनों मोर्चों पर बेहद संवेदनशील भूमिका निभानी होती है.

सुरक्षा परिषद की बैठक की तैयारी का एक दृश्य.
UN Photo/Manuel Elias

इसराइल-ग़ाज़ा संकट: सुरक्षा परिषद के प्रतिस्पर्धी प्रस्तावों से, राजनयिक दरारें उजागर

ग़ाज़ा संकट में यूएन सुरक्षा परिषद का प्रथम हस्तक्षेप – मानवीय युद्धविराम की पुकार लगाने वाला, रूसी नेतृत्प में पेश किया गया एक मसौदा प्रस्ताव – सोमवार को विफल हो गया. इस झटके के बावजूद, राजनयिक प्रयास अथक जारी हैं और सदस्यों के राजदूत इस अभूतपूर्व संकट पर, एक अन्य प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहे हैं.

मध्य पूर्व संकट पर विचार करने के लिए, सुरक्षा परिषद की बैठक (16 अक्टूबर 2023).
UN Photo/Eskinder Debebe

ग़ाज़ा स्थिति पर, सुरक्षा परिषद में रूस का प्रस्ताव विफल

इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में, स्थिति पर, रूस द्वारा सोमवार को सुरक्षा परिषद में रखा गया प्रस्ताव पारित नहीं हुआ है. 

पूरे ग़ाज़ा पट्टी क्षेत्र में, स्वच्छ पानी की भारी क़िल्लत है.
© UNICEF/Mohammad Ajjour

UNRWA: ग़ाज़ा की क़रीब आधी आबादी जबरन विस्थापित

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की सहायता एजेंसी – UNRWA ने कहा है कि इसराइली हमलों से सुरक्षित बचने के लिए, ग़ाज़ा में दस लाख से अधिक लोग, यानि वहाँ की लगभग आधी आबादी को विस्थापित होना पड़ा है. शवों के दाह संस्कार के लिए भी पर्याप्त सामग्री उपलब्ध नहीं है.

फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में एक लड़का, एक अस्थाई आश्रय स्थल में, कम्बल ले जाते हुए.
UNICEF

इसराइल-फ़लस्तीन टकराव: प्रमुख घटनाओं का झरोखा

मध्य पूर्व में इसराइल और फ़लस्तीन के दरम्यान, अनेक दशकों से हिंसक युद्ध जारी है जिसकी जड़ें 1948 तक पहुँचती हैं, जब इसराइल नामक देश की स्थापना हुई थी और उस समय लाखों फ़लस्तीनियों को उनकी भूमि से बेदख़ल करके अन्य स्थानों (देशों) को विस्थापित कर दिया गया था. 1967 के मध्य पूर्व के बाद, इसराइल ने कुछ फ़लस्तीनी इलाक़ों पर क़ब्ज़ा कर लिया था जिनमें ग़ाज़ा, पश्चिमी तट और येरूशेलम के कुछ हिस्से शामिल हैं. इस विवाद की एक संक्षिप्त समय-रेखा...

फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में, इसराइली हवाई हमलों में, अनेक इलाक़े बुरी तरह ध्वस्त हुए हैं.
© UNICEF/Hassan Islyeh

ग़ाज़ा: ‘इतिहास देख रहा है’ सहायता के लिए पहुँच है प्रमुख प्राथमिकता

संयुक्त राष्ट्र की आपदा राहत समन्वय एजेंसी – UNOCHA के प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने सोमवार को कहा है कि इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में, इसराइल द्वारा उत्तरी इलाक़ो के ख़ाली किए जाने के इसराइली आदेश के मद्देनज़र, मानवीय सहायता पहुँचाने के लिए, संयुक्त राष्ट्र और उसकी साझीदार एजेंसियों के तमाम प्रयास जारी हैं.

फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में, इसराइली हमलों में ध्वस्त एक रिहायशी इमारत.
© UNRWA/Mohammed Hinnawi

ग़ाज़ा: 'यह हमारी इनसानियत ख़त्म हो जाने का मुद्दा है'

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश और इसराइल द्वारा क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र में रैज़िडैंट कोऑर्डिनेटर व मानवीय सहायता समन्वयक लिन हेस्टिंग्स ने रविवार को मध्य पूर्व की तेज़ी से बिगड़ती स्थिति पर ज़ोरदार भावुक मानवीय अपील की है, जिसमें ग़ाज़ा में जीवनरक्षक मानवीय सहायता की आपूर्ति के लिए, तत्काल मार्ग देने का आग्रह भी शामिल है.

फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में, इसराइली हवाई हमलों में ध्वस्त हुई इमारत से, सामान बीनता एक बच्चा.
WHO

ग़ाज़ा में अभी बहुत भीषण हालात का डर, मार्टिन ग्रिफ़िथ्स

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय राहत कार्यों के मुखिया मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने इसराइल और उसके द्वारा क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़ों में बीते सप्ताह बहुत गम्भीर हालात रहने के बाद, शनिवार को कहा है कि उन्हें अभी, इससे भी ज़्यादा भीषण हालात होने का डर है.

फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में, इसराइल के हवाई हमलों में जान-माल का भारी नुक़सान हुआ है.
© UNICEF/Mohammad Ajjour

ग़ाज़ा: ‘सामूहिक नस्लीय सफ़ाए’ के बारे में चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र की एक स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ फ़्रांसेस्का अलबानीज़ ने शनिवार को आगाह करते हुए कहा है कि फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में, नागरिक आबादी अब सामूहिक नस्लीय सफ़ाए के गम्भीर ख़तरे का सामना कर रही है. उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से, युद्धरत हमास और इसराइल क़ाबिज़ बलों के दरम्यान तुरन्त युद्धविराम लागू करवाने की अपील की है.

इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा सिटी में, इसराइली हमलों से हुए विध्वंस के बीच एक बच्चा.
© UNICEF/Mohammad Ajjour

ग़ाजा: ज़िन्दगी और मौत का सवाल, 20 लाख लोगों के लिए पानी हो रहा ख़त्म

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र सहायता एजेंसी UNRWA ने इसराइल सरकार से अपील की है कि वो, पूरे ग़ाज़ा पट्टी क्षेत्र में, एजेंसी के आश्रय स्थलों में पनाह लिए हुए आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करे. एजेंसी के अध्यक्ष फ़िलिपे लज़ारिनी ने शनिवार को ये भी कहा है कि फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा पट्टी में 20 लाख लोगों के लिए ज़िन्दगी और मौत का मामला दरपेश है क्योंकि वहाँ पानी ख़त्म हो रहा है.