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कोविड-19: यूएन हिन्दी कवरेज

कोविड-19: अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपदा – यूएन हिन्दी न्यूज़ कवरेज
पहली बार इन मामलों की जानकारी, दिसम्बर 2019 में चीन के वूहान में मिली.

चीन सहित दुनिया के कई देश नॉवल कोरोनावायरस (कोविड-19) के ख़तरे का सामना कर रहे हैं. चीन सहित अनेक देशों में इस वायरस के संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते रहे हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) हालात पर क़ाबू पाने के लिए विशेषज्ञों, सरकारों व साझीदार संगठनो के साथ मिलकर काम करता रहा है ताकि नए वायरस के बारे में वैज्ञानिक जानकारी को पुख़्ता बनाया जा सके, उसके फैलने और घातकता में कमी लाई जाए और प्रभावित देशों व व्यक्तियों को सेहत का ध्यान रखने के लिए ज़रूरी क़दम सुनिश्चित किए जा सकें.

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पेरिस के एक संग्रहालय में, एक महिला विन्सेंट वॉन गॉफ़ की एक पेंटिंग (1888) को निहारते हुए.
UN News/Elizabeth Scaffidi

यूनेस्को की चेतावनी, महामारी से उबरने में, संग्रहालयों की अनदेखी ना हो

संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक एजेंसी – यूनेस्को की प्रमुख ने कहा है कि दुनिया भर में, कोविड-19 महामारी के कारण डरावने और व्यापक प्रतिबन्धों व तालाबन्दियों की स्थिति में, सांस्कृतिक जीवन को फिर से बहाल करने और हमारी साझा विरासत को उसकी पूर्ण विविधता के साथ सहेजने के लिये, संग्रहालय बुनियादी रूप से महत्वपूर्ण हैं.

चीन के बीजिंग के एक बाज़ार में मीट का स्टॉल.
© FAO/Justin Jin

पारम्परिक खाद्य बाज़ारों में वन्य स्तनधारी जीवों की बिक्री पर रोक की माँग 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और उसके साझीदार संगठनों ने देशों से पारम्परिक खाद्य बाज़ारों में जीवित जंगली स्तनपायी पशुओं की बिक्री पर रोक लगाने का आग्रह किया है. यूएन एजेंसी के मुताबिक़ वैश्विक महामारी कोविड-19 जैसी अन्य घातक संक्रामक बीमारियों को उभरने व फैलने से रोकने के लिये यह ज़रूरी है कि इन पारम्परिक बाज़ारों (Wet markets) में सुरक्षा व स्वच्छता मानकों का सख़्ती से पालन किया जाए.  

यूएन एजेंसी नशीले पदार्थों के ग़ैरक़ानूनी इस्तेमाल की रोकथाम में नीतिनिर्धारकों को हरसम्भव सहायता मुहैया करा रही है.
© UNICEF/John Vink

कोविड-19: ड्रग्स तस्करों पर अंकुश लगाने के प्रयासों में मुश्किलें

विश्व में ड्रग्स समस्या की बढ़ती जटिलताओं की वजह से इस दशक के अन्त तक टिकाऊ विकास लक्ष्य हासिल करने के प्रयासों में नए अवरोध पैदा हो रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के ड्रग्स व अपराध रोकथाम कार्यालय – UNODC की कार्यकारी निदेशक ग़ादा वॉली ने सोमवार को सचेत किया कि कोविड-19 महामारी के दौरान हालात और विकट हो गए हैं. 

अंगोला के लुआण्डा के एक बाज़ार में व्यापारियों ने कोविड-19 से बचाव के लिये ऐहतियाती उपायों को अपनाया है.
© FAO/ C. Marinheiro

कोविड-19: विफलताओं से उबरने के लिये सोच-पद्धति में बदलाव की पुकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने विकास के लिये वित्तीय पोषण (Financing for Development) विषय पर आयोजित मंच को सम्बोधित करते हुए आगाह किया है कि कोविड-19 सहित भावी चुनौतियो से निपटने के लिये, निजी क्षेत्र को, ख़ुद को, वैश्विक लक्ष्यों के अनुरूप तैयार करना होगा. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ऐसा सम्भव बनाने के लिये सोच-विचार के ढाँचे और कार्यपद्धतियों में पूर्ण रूप से बदलाव की आवश्यकता होगी.

बांग्लादेश के कॉक्सेज़ बाज़ार में, स्वास्थ्यकर्मी रोहिंज्या शरणार्थियों को समुचित सहायता मुहैया कराने के लिये दिन-रात सक्रिय हैं.
IOM/Nate Webb

कोविड-19: महामारी का अन्त अभी दूर, मगर आशावान होने की वजह भी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा है कि अनेक देशों में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में तेज़ बढ़ोत्तरी दर्शाती है कि दुनिया अभी, महामारी पर पूर्ण रूप से क़ाबू पाने से दूर है. मगर उन्होंने स्पष्ट किया है कि न्यायसंगत टीकाकरण और साबित हो चुके सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के ज़रिये, कोरोनावायरस को नियन्त्रण में किया जा सकता है, जैसाकि बहुत से देशों ने करके दिखाया है.  

फ़िलिपींस की राजधानी मनीला में स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 वैक्सीन दी जा रही है.
© UNICEF/Jake Verzosa

कोविड-19: निम्न आय वाले देशों को कुल वैक्सीन ख़ुराकों का केवल 0.2 प्रतिशत मिला

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि कोविड-19 वैक्सीन की अधिकांश ख़ुराकें अब तक धनी देशों में स्थानीय आबादी के लिये ही सम्भव हो पाई हैं. कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये विश्व भर में 70 करोड़ से ज़्यादा ख़ुराकें दी जा चुकी हैं, जिनमें से 87 फ़ीसदी अपेक्षाकृत धनी देशों में दी गई हैं जबकि निम्न आय वाले देशों को केवल 0.2 प्रतिशत ख़ुराकें ही मिल पाई हैं.

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) संकट परामर्श व अन्य सेवाओं के लिये कर्मचारियों को ट्रेनिंग दे रहा है.
UN Women

भारत: कोविड-19 के संक्रमण में तेज़ उभार से चिन्ता की लहर

भारत में, मार्च महीने के अन्तिम दिनों और अप्रैल के शुरू में, कोरोनावायरस के संक्रमण मामलों में अचानक तेज़ी से उछाल देखा गया है. अलबत्ता, देश में, कोविड-19 की वैक्सीन का टीकाकरण भी विशाल पैमाने पर चल रहा है. फिर भी, संक्रमण के मामलों में इतनी तेज़ी चौतरफ़ा चिन्ता का कारण बन रही है. भारत में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रतिनिधि डॉक्टर रॉड्रिको ऑफ़्रिन ने देश में मौजूदा हालात और टीकाकरण मुहिम से जुड़े कुछ सवालों के जवाब दिये हैं...

भारत के मध्य प्रदेश में एक परिवार, जिसकी आय अर्जन क्षमता, कोविड-19 के कारण, बहुत की नीचे चली गई है.
UNDP India/Dhiraj Singh

कोविड सम्बन्धित क़र्ज़ पर मुद्रा कोष और विश्व बैंक के उपायों का स्वागत

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कोविड-19 के असर से उबरने की कोशिश में लगी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के सामने, क़र्ज़ राहत और अन्य वित्तीय दबाल के हालात में मदद करने के लिये, अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक समूह की विकास समिति द्वारा उठाए गए क़दमों का स्वागत किया है. उन्होंने इन विश्व संगठनों के क़दमों को, “आशा के संकेत और नवीनीकृत बहुपक्षवाद क़रार दिया है.”

कोविड-19 के दौरान भारत के ओडिशा राज्य में आदिवासी बच्चों के लिये खुले में पढ़ाई की व्यवस्था की गई.
UNICEF India

भारत: शिक्षा में व्यवधान से निपटने के लिये यूएन एजेंसियों के सक्रिय प्रयास

वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण दुनिया भर में, शिक्षण कार्य में व्यापक व्यवधान पैदा हुआ है, जिससे भारत समेत अन्य देशों में करोड़ों छात्रों की पढ़ाई-लिखाई पर भारी असर हुआ है. इसके मद्देनज़र, भारत में संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ, सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए, स्कूल फिर से खोलने और शिक्षण कार्यक्रम जारी रखने के लिये सरकारी एजेंसियों को हरसम्भव सहायता मुहैया करा रही हैं. इनमें ज़रूरी दिशा-निर्देश भी शामिल हैं.

पेरू की राजधानी लीमा में बुज़ुर्गों के लिये टीकाकरण की शुरुआत मार्च 2021 के अन्तिम दिनों में हुई.
© UNICEF/Jose Vilca

कोवैक्स: 100 से ज़्यादा देशों व अर्थव्यवस्थाओं में वैक्सीन ख़ुराकें वितरित

कोविड-19 वैक्सीन के न्यायसंगत ढंग से वितरण के लिये संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में स्थापित, ‘कोवैक्स’ पहल के तहत अब तक, 100 से ज़्यादा देशों व अर्थव्यवस्थाओं में साढ़े तीन करोड़ से ज़्यादा ख़ुराकें वितरित की जा चुकी हैं. इस व्यवस्था के तहत टीकों की पहली खेप 24 फ़रवरी को घाना पहुँची थी और उसके बाद से अब तक, 42 दिनों में, वैक्सीन वितरण का दायरा व्यापक स्तर पर बढ़ाया गया है.