कोविड-19: ड्रग्स तस्करों पर अंकुश लगाने के प्रयासों में मुश्किलें

विश्व में ड्रग्स समस्या की बढ़ती जटिलताओं की वजह से इस दशक के अन्त तक टिकाऊ विकास लक्ष्य हासिल करने के प्रयासों में नए अवरोध पैदा हो रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के ड्रग्स व अपराध रोकथाम कार्यालय – UNODC की कार्यकारी निदेशक ग़ादा वॉली ने सोमवार को सचेत किया कि कोविड-19 महामारी के दौरान हालात और विकट हो गए हैं.
यूएन एजेंसी की प्रमुख ग़ादा वॉली ने नशीले पदार्थों पर आयोग (Commission on Narcotic Drugs) के मौजूदा सत्र को सम्बोधित करते हुए यह बात कही है.
“महामारी के कारण आवाजाही पर पाबन्दियों और सम्बन्धित उपायों के परिणामस्वरूप, ड्रग्स तस्करी और अवैध ड्रग्स बाज़ार में बदलाव हुए हैं.”
Shared responsibility to protect health &welfare of all people is essential. I welcome #CND2021 statement responding to pandemic challenges w/solidarity. As we mark intl drug conventions’ anniversary let’s build on common achievements towards fairer future https://t.co/xfFkvKTIn8 pic.twitter.com/msu5OWVrVW
GhadaFathiWaly
उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि बेहद कठिन हालात में गुज़र-बसर करने के लिये मजबूर लोग निर्बलता में इनका सहारा ले रहे हैं.
यूएन एजेंसी की प्रमुख ने बताया कि महामारी की छाया में, अफ़ीमी पदार्थों (Opioids) का इस्तेमाल, किसी अन्य ड्रग के इस्तेमाल की तुलना में ज़्यादा मौतों का कारण बना है.
ड्रग्स के कारण होने वाली सभी मौतों में से 70 फ़ीसदी अफ़ीमी पदार्थों के सेवन के कारण हुई हैं.
साथ ही ड्रग्स के इस्तेमाल के विकारों की रोकथाम व उपचार, एचआईवी व अन्य सम्बन्धित रोगों के इलाज की कवरेज पर भी असर पड़ा है.
ग़ादा वॉली के मुताबिक़ कोविड-19 के कारण चिकित्सा इस्तेमाल के लिये नियन्त्रित पदार्थों की सुलभता भी प्रभावित हुई है, विशेष रूप से निम्न व मध्य आय वाले देशों में.
अक्सर इन पदार्थों का उपयोग दर्द-निवारक औषधि में किया जाता है.
“मौजूदा संकट की वजह से बढ़ती निर्धनता और बेरोज़गारी से निर्बलताएँ और गहरी हुई हैं. पहले से ज़्यादा संख्या में लोगों को उपयुक्त देखभाल उपलब्ध नहीं है, और उनके लिये ड्रग इस्तेमाल का ख़तरा अधिक है.”
उन्होंने कहा कि इससे भी बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है जो गुज़र-बसर के लिये मजबूरी में अफ़ीम की खेती करने और उसकी तस्करी की दिशा में मुड़ सकते हैं.
संयुक्त राष्ट्र अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2008 के वित्तीय सकंट के बाद ड्रग्स के इस्तेमाल में हानिकारक रुझान देखे गए थे.
इस दौरान सस्ती ड्रग्स, ख़ासतौर पर नशीली दवाओं के लिये इंजेक्शन के इस्तेमाल ने ज़ोर पकड़ा था. “मौजूदा संकट में ऐसी ही चुनौतियों का सामना करने के लिये हमें तैयार रहना होगा.”
ग़ादा वॉली ने बताया कि वैश्विक महामारी के दौरान यूएन एजेंसी नशीले पदार्थों के ग़ैरक़ानूनी इस्तेमाल की रोकथाम में नीतिनिर्धारकों को हरसम्भव सहायता मुहैया करा रही है.
साथ ही एचआईवी सेवाओं के अलावा उपचार व देखभाल सुनिश्चित किये जा रहे हैं और इस कार्य में ज़मीनी स्तर पर मौजूद सैकड़ों संगठनों के साथ मिलकर काम हो रहा है.
यूएन एजेंसी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर दस हज़ार से ज़्यादा पेशेवरों को प्रशिक्षण दिया है, जोकि लगभग 30 देशों में हज़ारों लोगों की देखभाल में जुटे हैं.
यूएन एजेंसी ‘वर्ल्ड ड्रग रिपोर्ट’ के नए संस्करण को भी अन्तिम रूप देने में जुटी है, जिसे जून में जारी किये जाने की योजना है.
इस अध्ययन में अन्य विषयों के अलावा, महामारी के बाद की दुनिया में ड्रग्स बाज़ार के रूप व आकार सम्बन्धी अनुमान भी व्यक्त किये जाएंगे.
यूएन कमीशन के मौजूदा सत्र में 128 देशों के लगभग डेढ़ हज़ार प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं.
सत्र के आरम्भ में एक साझा वक्तव्य पारित किया गया जिसमें नई चुनौतियाँ पेश करते हुए कोविड-19 के असर से निपटने के लिये सर्वोत्तम तरीक़ों व कार्रवाई का ख़ाका साझा किया गया है.