पारम्परिक खाद्य बाज़ारों में वन्य स्तनधारी जीवों की बिक्री पर रोक की माँग
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और उसके साझीदार संगठनों ने देशों से पारम्परिक खाद्य बाज़ारों में जीवित जंगली स्तनपायी पशुओं की बिक्री पर रोक लगाने का आग्रह किया है. यूएन एजेंसी के मुताबिक़ वैश्विक महामारी कोविड-19 जैसी अन्य घातक संक्रामक बीमारियों को उभरने व फैलने से रोकने के लिये यह ज़रूरी है कि इन पारम्परिक बाज़ारों (Wet markets) में सुरक्षा व स्वच्छता मानकों का सख़्ती से पालन किया जाए.
इस क्रम में मंगलवार को अन्तरिम दिशानिर्देश जारी किये गए हैं जिनका लक्ष्य, उन सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिमों में कमी लाना है जिन्हें अक्सर वन्य जीवों की ख़रीद-फ़रोख़्त से जोड़कर देखा जाता है.
WHO, @OIEAnimalHealth and @UNEP have issued guidance to reduce the public health risks associated with the sale of live wild animals for food in traditional food markets.https://t.co/vKU5RdszBD
WHO
अधिकांश मामलों में संक्रामक रोगों का मूल स्रोत वन्यजीवों में पाया गया है.
विशेषज्ञों ने एक प्रेस वक्तव्य में बताया है कि दुनिया भर में, पारम्परिक बाज़ार बड़ी आबादियों के लिये भोजन व आजीविका सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाते रहे हैं.
“इन पशुओं की बिक्री पर प्रतिबन्ध लगाकर लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा की जा सकती है – वहाँ काम करने वाले और ख़रीदारी कर रहे लोगों, दोनों की.”
ये अन्तरिम दिशा-निर्देश यूएन स्वास्थ्य एजेंसी, पशु स्वास्थ्य के लिये विश्व संगठन (OIE) और संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण एजेंसी ने साझा रूप से जारी किये हैं.
विशेषज्ञों के मुताबिक़ पशु, विशेष रूप से जंगली पशु, मनुष्यों में उभर रही सभी संक्रामक बीमारियों में से 70 फ़ीसदी से ज़्यादा के लिये ज़िम्मेदार हैं.
इनमें से अधिकांश बीमारियाँ नए वायरसों के कारण होती हैं.
बाज़ारों में बेचे जाने वाले जंगली स्तनधारी जीवों से ख़ासतौर पर ख़तरा होता है, चूँकि उनमें पहले से वायरस मौजूद होने या ना होने की जाँच कर पाने का कोई रास्ता नहीं है.
दिशा-निर्देशों के अनुसार, “पारम्परिक बाज़ार, जहाँ जीवित पशुओं को रखा, काटा और तैयार किया जाता है, उनसे कर्मचारियों व ग्राहकों, दोनों में वायरस संचारण का जोखिम अधिक है.”
यूएन एजेंसी के साझीदार संगठनों के अनुसार वैश्विक महामारी कोविड-19 के शुरुआती कुछ मामलों को चीन के वूहान के एक पारम्परिक बाज़ार में दर्ज किया गया था.
कोविड-19 वायरस के लिये ज़िम्मेदार, नॉवल कोरोनावायरस (SARS-CoV-2) के शुरुआती मामले वूहान में दुकानदारों, कर्मचारियों और नियमित ग्राहकों में देखे गए थे.
वक्तव्य में कहा गया है कि “यह सम्भव है कि कोविड-19 का कारण बने वायरस का स्रोत जंगली पशु थे, चूँकि यह कोरोनावायरसों के एक ऐसे समूह से है जिन्हें सामान्यतः चमगादड़ों में पाया जाता है.”
स्वच्छता सम्बन्धी दिशानिर्देश
एक अवधारणा के अनुसार, वायरस एक कड़ी के तहत किसी मध्यस्थ जीव (Intermediary host) के ज़रिये मनुष्यों तक पहुँचा, जबकि एक अन्य सम्भावना के अनुसार यह वायरस उन पशुओं से सीधे मनुष्यों तक पहुँचा, जिनमें यह संक्रमण पाया जाता है.
नए दिशानिर्देशों में जंगली पशुओं की बिक्री रोके जाने के अलावा, सरकारों से पूर्ण बाज़ारों या उनके कुछ हिस्सों को बन्द करने का आग्रह किया गया है.
खाद्य सुरक्षा, साफ़-सफ़ाई व पर्यावरणीय मानकों व नियामकों पर खरा उतरने के बाद ही, इन बाज़ारो को खोलने की अनुमति दिये जाने की बात कही गई है.
स्थानीय प्रशासनों से आग्रह किया गया है कि पारम्परिक खाद्य बाज़ारों में पशुजनित बीमारियों के संचारण के मामलों में कमी लाने के लिये साफ़-सफ़ाई और स्वच्छता का ध्यान रखा जाना होगा.
विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक महामारी के दौरान भीड़ को नियन्त्रित करने के लिये किये गए उपायों, शारीरिक दूरी व हाथों की स्वच्छता बरते जाने और श्वसन तंत्र सम्बन्धी ऐहतियाती उपायों के पालन को बढ़ावा दिया गया.
इन उपायों को पारम्परिक बाज़ारों में भी लागू किये जाने और उनकी अहमियत के प्रति जागरूकता पर बल दिया गया है ताकि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक वायरस के संचारण की आशंका को सीमित किया जा सके.