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साक्षात्कार

UN India

टिकाऊ कृषि के लिए अहम है सांख्यिकी

टिकाऊ कृषि विकास और सतत खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए अच्छे निर्णयों का लिया जाना बहुत ज़रूरी हैं लेकिन कृषि संबंधित फ़ैसलों के लिए प्रामाणिक आंकड़े होना भी आवश्यक है.

ज़रूरी डैटा के अभाव का परिणाम अक्सर उत्पादकता में गिरावट, कृषि आय में कमी, भुखमरी और ग़रीबी के रूप में देखने को मिलता है.

इसी समस्या के समाधान पर चर्चा के लिए 18 से 21 नवंबर 2019 तक भारत की राजधानी दिल्ली में कृषि सांख्यिकी पर आठवां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (ICAS-VIII) आयोजित किया गया.

अवधि
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Dr. Rajesh Bhatia

एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध से मानव स्वास्थ्य को बड़ा ख़तरा

कई तरह के संक्रमणों से लोगों, जानवरों और पौधों की रक्षा करने में एंटी-माइक्रोबियल अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन उनका दुरुपयोग और हद से ज़्यादा इस्तेमाल उनके बेअसर होने की वजह भी बन सकता है.

पिछले कुछ वर्षों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां रोगाणुओं ने इन जीवनरक्षक दवाओं के विरुद्ध प्रतिरोध विकसित कर लिया और मरीज़ों पर दवाओं का असर होना बंद हो गया.

इसी एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए 18 से 24 नवम्बर तक 'विश्व एंटीबायोटिक जागरूकता सप्ताह' मनाया जाता है. 

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9'33"
UN Women/Arachika Kapoor

'ऑरेंज द वर्ल्ड' - महिलाओं के प्रति हिंसा का अंत करने की मुहिम

संयुक्त राष्ट्र की महिला संस्था (UN Women), भारत सरकार के गृह मंत्रालय और साझेदारों ने मिलकर शुक्रवार को भारत की राजधानी दिल्ली के सुल्तानपुर मैट्रो स्टेशन पर एक मैट्रो ट्रेन हरी झंडी दिखाकर रवाना की.

महिलाओं के विरुद्ध हिंसा रोकने के लिए एकजुट होने के अभियान के तहत इस मैट्रो को नारंगी रंग के पोस्टरों से सजाया गया है.

'ऑरेंज द वर्ल्ड' मुहिम महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के उन्मूलन के अंतरराष्ट्रीय दिवस से शुरू होने वाले वैश्विक अभियान का हिस्सा है. ये दिवस 25 नवंबर को मनाया जाता है.

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9'57"
UN India

भारत में 'छह प्रतिशत बच्चों को ही मिल रहा है पर्याप्त आहार'

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़) और भारत सरकार ने पहले व्यापक राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण (CNNS) के नतीजे जारी किए हैं, जिनके अनुसार भारत में बाल कुपोषण कम करने में थोड़ी प्रगति तो हुई है, लेकिन अभी भी स्थिति में सुधार देखने के लिए प्रयास किए जाने की आवश्यकता है. 

यूनीसेफ़ में बाल विकास और पोषण विशेषज्ञ डॉक्टर गायत्री सिंह का कहना है कि बच्चों में कुपोषण के लिए ख़राब आर्थिक हालात के अलावा अन्य कारण भी ज़िम्मेदार हैं और महज़ छह फ़ीसदी बच्चों को ही पर्याप्त आहार मिल पा रहा है.

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प्रोफ़ेसर अभिजीत बैनर्जी

ग़रीबी मिटाने के नुस्ख़े आज़माते नोबेल विजेता अभिजीत बैनर्जी से बातचीत

वर्ष 2019 का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार तीन विद्वानों को दिया गया है जिनके नाम हैं – एस्थर डफ़लो, अभिजीत बैनर्जी और माइकल क्रेमर. एस्थर डफ़लो औरअभिजीत बैनर्जी एमआईटी में अर्धशास्त्र के प्रोफ़ेसर हैं जबकि माइकल क्रेमर हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं.

इन तीनों अर्थशास्त्रियों ने ग़रीबी दूर करने के लिए भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश सहित अनेक देशों में ऐसे प्रयोग किए हैं - जिनके तहत ग़रीब लोगों को कुछ संपदा व कारोबार करने का कुछ प्रशिक्षण देकर उन्हें हालात सुधारने का मौक़ा दिया जाता है.

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