वीडियो - हब (Video-Hub)
'यंग चैम्पियन ऑफ़ द अर्थ' के फ़ाइनलिस्ट - पूरव देसाई
पर्यावरण को बेहतर बनाने के क्षेत्र में नवाचार वाले समाधान तलाश करने के लिये 2020 के 'यंग चैम्पियन ऑफ़ द अर्थ' की अन्तिम सूची में दुनिया भर से 35 युवा होनहार चुने गए हैं जिनमें भारत के पूरव देसाई भी हैं. क्या है उनका असाधारण व नवाचार वाला काम, जानिये इस वीडियो में...
अरब क्षेत्र की पुनर्बहाली
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि अरब क्षेत्र संसाधनों व सम्भावनाओं से भरपूर है लेकिन उनका सदुपयोग करने के लिये एक नई दृष्टि की ज़रूरत है. उन्होंने कहा है कि अरब क्षेत्र के देशों को कोविड-19 महामारी से उबरने के प्रयासों में जीवाष्म ईंधन से हटकर हरित अर्थव्यवस्था की तरफ़ रुख़ करना होगा. साथ ही हर क्षेत्र में महिलाओं की ज़्यादा भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी. देखिये ये वीडियो सन्देश...
भुखमरी का बढ़ता दायरा ( वीडियो रिपोर्ट)
संयुक्त राष्ट्र की नई रिपोर्ट दर्शाती है कि बीते पाँच वर्षों में भुखमरी व कुपोषण के विभिन्न रूपों का शिकार लोगों की संख्या में तेज़ी से बढ़ोत्तरी हुई है. कोविड-19 महामारी से यह समस्या और भी ज़्यादा विकराल रूप धारण कर सकती है. एक वीडियो रिपोर्ट...
नेलसन मण्डेला पुरस्कार 2020
मानवीय भलाई के कार्यों के लिये दिया जाने वाला दूसरा नेलसन मण्डेला पुरस्कार दो समाज सेवियों - मारियाना वी वार्दिनॉयानिस (ग्रीस) और डॉक्टर मॉरीसैण्डा कोयाते (गिनी) को दिया गया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने नेलसन मण्डेला पुरस्कार का प्रस्ताव 2014 में पारित किया था और पहला पुरस्कार 2015 में नामीबिया की डॉक्टर हेलेना न्ड्यूमे और पुर्तगाल के होर्गे फ़र्नाण्डो सैम्पाइयो को दिया गया था. ये पुरस्कार हर पाँच वर्ष में एक महिला और एक पुरुष को दिया जाता है... वीडियो....
नेलसन मण्डेला की याद में...
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि नेलसन मण्डेला ने हमेशा मानवता व समानता के आदर्शों और सिद्धान्तों के लिए संकल्प दिखाया और वो कहा करते थे कि जब तक दुनिया में ग़रीबी और असमानता बरक़रार है, तब तक हमे आराम नहीं मिल सकता. 18 जुलाई को नेलसन मण्डेला अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर महासचिव का वीडियो सन्देश...
भारत में 'तेजस्विनी' महिलाएँ
तेजस्विनी का मतलब है "कान्तिवान महिला." भारत के महाराष्ट्र राज्य में तेजस्विनी ग्रामीण महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम का हिस्सा बनीं दस लाख महिलाएँ, वास्तव में सशक्त हैं, कान्तिवान हैं. आईएफ़एडी के महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम ‘तेजस्विनी’ के माध्यम से महिलाओं को व्यवसाय विकास, तकनीकी कौशल और वित्त में प्रशिक्षण दिया गया, जिससे इन महिलाओं ने अभूतपूर्व व्यावसायिक सफलता हासिल की है. अब कोविड-19 संकट के दौरान, ये महिलाएँ बदलती जरूरतों के अनुसार अपने कामकाज में बदलाव लाकर व्यवसायों को आगे बढ़ा रही हैं. देखिये वीडियो फ़ीचर...
स्रेब्रेनीत्सा जनसंहार के 25 वर्ष
यूएन महासचिव ने कहा है कि 25 वर्ष पहले बोसनिया हरज़गोविना के स्रेब्रेनीत्सा में नफ़रत के कारण हज़ारों मुसलमानों का जनसंहार कर दिया गया था. पूर्व महासचिव कोफ़ी अन्नान के कहा था कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की वो नाकामी इतिहास का कभी पीछा नहीं छोड़ेगी. यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश का कहना है कि पूरे अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की ये ज़िम्मेदारी है कि उस जनसंहार के पीड़ितों को तकलीफ़ों से उबारकर सुलह-सफ़ाई व स्थिरता का माहौल बनाया जाए. वीडियो सन्देश...
अफ़ग़ानिस्तान - 40 वर्षों के संघर्ष की मार
अफ़ग़ानिस्तान के लोग 40 से अधिक वर्षों से भीषण संघर्ष से जूझ रहे हैं. इससे अब तक 46 लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं.
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर अफ़ग़ानिस्तान में विश्व बैंक, पाकिस्तान व ईरान जैसे पड़ोसी देशों के साथ मिलकर लाखों विस्थापितों की मदद करने में जुटी है. एक वीडियो फ़ीचर...
खाद्य सुरक्षा: ख़रीदारी, गुणवत्ता आश्वासन और भण्डारण
ये वीडियो विश्व खाद्य कार्यक्रम की एक परियोजना के लिए विकसित किये गए हैं, जो भारत सरकार की मिड-डे मील योजना के तहत पका हुआ, गरम भोजन तैयार करने वाले रसोइयों और कार्यकर्ताओं के बीच खाद्य सुरक्षा और साफ़-सफ़ाई बेहतर बनाने के लिए हैं. ये वीडियो स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों/समुदाय आधारित संगठनों के लिए "खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता" पर बुनियादी मार्गदर्शन के रूप में बहुत उपयोगी जानकारी प्रदान कर रहे हैं, जो प्रवासी मज़दूरों, दैनिक मज़दूरी श्रमिकों, सड़क विक्रेताओं और अन्य कमज़ोर समूहों के लोगों को सामुदायिक रसोई के माध्यम से भोजन प्रदान करते हैं.
इस वीडियो में – भोजन सामग्री की ख़रीद, गुणवत्ता आश्वासन और कच्चे माल के उचित भण्डारण के बारे में जानकारी...
खाद्य सुरक्षा: रसोईघर और बर्तनों की सफ़ाई
ये वीडियो विश्व खाद्य कार्यक्रम की एक परियोजना के लिए विकसित किये गए हैं, जो भारत सरकार की मिड-डे मील योजना के तहत पका हुआ, गरम भोजन तैयार करने वाले रसोइयों और कार्यकर्ताओं के बीच खाद्य सुरक्षा और साफ़-सफ़ाई बेहतर बनाने के लिए हैं. ये वीडियो स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों/समुदाय आधारित संगठनों के लिए "खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता" पर बुनियादी मार्गदर्शन के रूप में बहुत उपयोगी जानकारी प्रदान कर रहे हैं, जो प्रवासी मज़दूरों, दैनिक मज़दूरी श्रमिकों, सड़क विक्रेताओं और अन्य कमज़ोर समूहों के लोगों को सामुदायिक रसोई के माध्यम से भोजन प्रदान करते हैं.
इस वीडियो में – रसोईघर व बर्तनों की सफ़ाई के बारे में जानकारी...