वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

वीडियो - हब (Video-Hub)

वीडियो हब (VIDEO HUB)
यूएन हिन्दी न्यूज़ की मल्टीमीडिया सामग्री...
अफ़ग़ानिस्तान की एक महिला माहपेकई सिद्दीक़ी, एक बारूदी सुरंग की चपेट में आने के कारण, अपने दोनों पैर गँवा चुकी थीं, मगर उन्होंने हिम्म्त नहीं हारी.
UN News

अफ़ग़ानिस्तान में युद्ध के बारूदी निशान

अफ़ग़ानिस्तान में दशकों तक चले युद्ध के कारण, अब भी जगह-जगह गोला-बारूद बिखरे पड़े हैं, जिससे कभी भी दुर्घटना होने का डर बना रहता है. अनफटी बारूदी सामग्री की चपेट में आकर अपने पैर खो दोने वाली एक महिला की आपबीती, जिसने कामयाबी का नया रास्ता बनाया. (वीडियो)

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल के बाहरी इलाक़े में, खेतों पर काम करते हुए महिलाएँ. (फ़ाइल)
UNAMA/Fardin Waezi

#CSW68 'अफ़ग़ान महिलाओं पर पाबन्दी, इस्लामी सिद्धान्तों के ख़िलाफ़'

अफ़ग़ानिस्तान की कई पूर्व महिला हस्तियों ने, देश में महिलाओं की स्थिति पर रोष व्यक्त किया. उन्होंने यूएन मुख्यालय में, महिलाओं की स्थिति पर आयोग के 68वें सत्र के बीच कहा कि तालेबान "इस्लाम के नाम पर" युवा महिलाओं को शिक्षा के अधिकार से वंचित कर रहा है, जबकि वास्तव में, यह “इस्लामी सिद्धांतों के विपरीत है.” (वीडियो)

एआई समेत अन्य डिजिटल टैक्नॉलॉजी अपने साथ बड़े बदलाव कर रही हैं.
UN Photo/Elma Okic

इनसानी भलाई के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की अहमियत

क्या कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) हमारे रोज़गार, जीवन के उद्देश्यों,  और भविष्य पर हमारा नियंत्रण ख़त्म कर देगी? या फिर एआई एक ऐसा उपकरण है जिसका उपयोग इनसानी भलाई और बेहतरी के लिए किया जा सकता है? प्रौद्योगिकी पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव के दूत, अमनदीप सिंह गिल ने, मानवता के लिए बेहतर भविष्य के वैश्विक प्रयासों के सन्दर्भ में एआई की लागत, परिणाम और रचनात्मक क्षमता पर विचार व्यक्त किए. (वीडियो)

महिला नेतृत्व का जश्न मनाती, यूएनवीमेन की पुस्तक - 'हम:जब महिलाएँ नेतृत्व करती हैं' - का कवर फोटो.
© UN Women/Soumi Das

भारत: महिलाओं की रहबरी का जश्न, UN Women

भारत में संयुक्त राष्ट्र महिला संस्था - UN Women ने, ऐसी महिलाओं के नेतृत्व सफ़र को जश्न के अन्दाज़ में पहचान दी है जिन्होंने बहुत कठिन हालात में, अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए असाधारण साहस और नज़रिया दिखाया. महिला रहबरी के इस सफ़र का जश्न मनाने के लिए, अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस 2024 के अवसर पर एक पुस्तक का विमोचन किया गया है जिसका नाम है - "हम | When Women Lead".

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश.
United Nations

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश का 'रमदान करीम' सन्देश

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने मुसलमानों का पवित्र रमदान महीना आरम्भ होने के अवसर पर एक वीडियो सन्देश में हार्दिक मुबारकबाद पेश की है. उन्होंने कहा है कि यह महीना शान्ति, दयालुता व सहनशीलता का प्रतीक है और आत्ममंथन व प्रार्थना का एक अवसर है. (वीडियो)

केनया में महिला जननांग विकृति की प्रथा का अन्त करने के प्रयासों के तहत स्थानीय समुदाय एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं.
Courtesy of State Department for Gender and Affirmative Action, Kenya

अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस: लैंगिक पूर्वाग्रहों से निपटने के लिए नई योजना

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शुक्रवार, 8 मार्च, को 'अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस' के अवसर पर विश्व भर में महिलाओं व लड़कियों के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के इरादे से एक नई योजना प्रस्तुत की है. उन्होंने कहा कि यदि मौजूदा स्थिति को बेहतर बनाने के लिए क़दम नहीं उठाए गए तो वर्ष 2030 तक, क़रीब 34 करोड़ लड़कियों व महिलाओं के अत्यधिक निर्धनता में जीवन गुज़ारने की आशंका है, जोकि पुरुषों व लड़कों की तुलना में 1.8 करोड़ अधिक है.

भारत की तत्कालीन राजदूत विजय लक्ष्मी पंडित (बाएँ) 1953 में, सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दे पर एक बैठक शुरू होने से पहले, पाकिस्तानी राजदूत बेगम इकरामुल्लाह (दाएँ) के साथ बातचीत करते हुए.
UN Photo

यूएन झरोखा: महासभा की प्रथम महिला अध्यक्ष - विजय लक्ष्मी पंडित

1953 में, संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने, भारत की प्रखर राजनैतिक हस्ती विजय लक्ष्मी पंडित को, यूएन महासभा के आठवें सत्र की अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया था, जो इस भूमिका के लिए चुनी गई पहली महिला थीं. लैंगिक समानता और ग़ैर - भेदभाव के लिए, इस अग्रणी हस्ती के अन्तरराष्ट्रीय मंच पर छोड़े गए व्यापक प्रभाव पर, 8 मार्च को मनाए जाने वाले अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक नज़र...

मध्य ग़ाज़ा में, बेरोज़गार युवक, गुज़र-बसर के लिए, बाज़ारों में जंगली पौधे बेचने को मजबूर हो गए हैं.
UN News / Ziad Taleb

ग़ाज़ा: युद्ध से त्रस्त लोग जंगली पौधे खाने को मजबूर

ग़ाज़ा में युद्ध से हुई भीषण तबाही के बीचबहुत से बेरोज़गार युवकगुज़र-बसर के लिएबाज़ारों में जंगली पौधे बेचने को मजबूर हो गए हैं. ये युवकहर सुबहखुले मैदानों में ऐसे जंगली पौधे बीनते हैंजिन्हें मध्य पूर्व में पीढ़ियों से मध्य पूर्व में पूरक भोजन के रूप में खाया जाता रहा है. ये जंगली पौधे अब, ग़ाज़ा पट्टी के निवासियों के लिए भोजन का प्रमुख स्रोत बन गए हैं. (वीडियो).

 

 

युद्ध, यूक्रेन के बच्चों और उनके परिवारों के लिए विनाशकारी साबित हुआ है.
© UNICEF

यूक्रेन में बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का पहाड़

युद्धग्रस्त यूक्रेन मेंबच्चे पिछले दो वर्षों के दौरानहवाई हमलों के डर से 3,000 से 5,000 घंटे, यानि लगभग चार से 7 महीने, भूमिगत स्थलों में स्थित आश्रयों में बिताने के लिए मजबूर रहे हैं, जिससे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर पहाड़ जैसा असर पड़ा है.

यूक्रेन में दो साल के युद्ध से, जान-माल का भीषण विनाश हुआ है.
© UNOCHA/Alina Basiuk

यूक्रेन युद्ध के दो साल: 'यह युद्ध कभी शुरू ही नहीं होना चाहिए था'

यूक्रेन में शान्ति अब भी एक दूर की सम्भावना लगती हैलेकिन हज़ारों संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी वहाँ मुस्तैदी से लोगों की मदद करना जारी रखे हुए हैं. यहाँ तक ​​​​कि रोज़ाना हो रहे हमलों का निशाना बन रहे सीमावर्ती क़स्बों में भी. रूस ने 24 फ़रवरी को यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने का आक्रमण शुरू किया था. इसमें अब तक 40 लाख से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैंऔर 60 लाख देश छोड़कर जा चुके हैं. बड़े पैमाने पर बुनियादी ढाँचेस्वास्थ्य क्लीनिक व स्कूल क्षतिग्रस्त हुए हैं. देश में संयुक्त राष्ट्र की रैज़िडेंट कोऑर्डिनेटर डेनिस ब्राउन ने, इस युद्ध के दो साल होने के अवसर पर, यूएन न्यूज़ के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कहा है कि वहाँ कर्मचारियों एवं नागरिकों के लिए मौजूद ख़तरों के बावजूद, संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता जारी रखेगा.