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ग़ाज़ा: ‘हालात भयानक, अस्थिर और हताश’, सुरक्षा परिषद की बैठक

मध्य पूर्व की स्थिति पर चर्चा करने के लिए, सुरक्षा परिषद की बैठक में, टोर वैनेसलैंड ताज़ा जानकारी देते हुए.
UN Photo/Loey Felipe
मध्य पूर्व की स्थिति पर चर्चा करने के लिए, सुरक्षा परिषद की बैठक में, टोर वैनेसलैंड ताज़ा जानकारी देते हुए.

ग़ाज़ा: ‘हालात भयानक, अस्थिर और हताश’, सुरक्षा परिषद की बैठक

शान्ति और सुरक्षा

मध्य पूर्व शान्ति प्रक्रिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष समन्वयक टोर वैनेसलैंड ने सुरक्षा परिषद को बताया है कि फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में "युद्ध का अब भी कोई अन्त नज़र नहीं आ रहा है" और युद्ध 140 दिन के क़रीब पहुँच गया है.

उन्होंने, इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा पट्टी की स्थिति पर विचार करने के लिए गुरूवार को सुरक्षा परिषद की बैठक में यह विवरण पेश किया है.

ग़ाज़ा पट्टी में महीनों से चल रहे निरन्तर युद्ध के कारण, व्यापक मध्य पूर्व क्षेत्र में भी तनाव फैलने की आशंका प्रबल है और युद्ध को रोकने के लिए कोई समाधान नज़र नहीं आ रहा है.

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टोर वैनेसलैंड ने सुरक्षा परिषद में राजदूतों को बताया, “7 अक्टूबर को हुई भयावहता से प्रभावित लोगों के आघात का कोई अन्त नहीं है. ग़ाज़ा में लोगों की पीड़ा और हताशा का कोई अन्त नहीं है. क्षेत्रीय उथल-पुथल का कोई अन्त नहीं.”

टोर वैनेसलैंड ने इस सप्ताह ग़ाज़ा का दौरा किया और वहाँ की मानवीय स्थिति को चौंकाने वाली, अस्थिर और निराशाजनक बताया.

मानवीय स्थिति

ग़ाज़ा के भीतर ही विस्थापित फ़लस्तीनियों को भोजन, पानी, आश्रय और दवा की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है, जबकि संचारी रोग तेज़ी से बढ़ रहे हैं, अस्वच्छ हालात हैं और क़ानून और व्यवस्था "लगभग पूरी तरह से ठप" हो गई है.

उन्होंने कहा कि उनके मानवीय सहायता समन्वयक के पास आवश्यक चीज़ें - भोजन, आश्रय, दवा और पानी/स्वच्छता - वितरित करने की योजना मौजूद है, मगर इन चीज़ों को लोगों में वितरित करने की, संयुक्त राष्ट्र की क्षमता, समन्वित मानवीय आवागमन सुविधाओं, पक्षों के साथ प्रभावी सम्पर्क और आवश्यक संचार उपकरणों व बख्तरबन्द वाहनों के लिए इसराइली मंज़ूरी पर निर्भर करती है. 

"ये सभी हालात, सहायता कर्मचारियों को सुरक्षित रूप से काम करने के लिए न्यूनतम शर्तें हैं."

उन्होंने ज़ोर देकर कहा, "इसमें सुधार किया जाना चाहिए - संयुक्त राष्ट्र के क़ाफ़िलों और परिसरों पर हमला नहीं किया जाना चाहिए और हमारे उपकरणों को मंज़ूरी की ज़रूरत है."

उन्होंने कहा, "ग़ाज़ा पट्टी को जीवनरक्षा की जर्जर व्यवस्था पर निर्भर रखने से, ना केवल हताश आबादी जीवन-रक्षक सहायता से वंचित हो रही है, बल्कि इससे और भी अधिक अराजकता फैल रही है जो मानवीय सहायता वितरण में और बाधा डाल रही है."

संवाद हो, हिंसा नहीं

मध्य पूर्व के लिए विशेष दूत टोर वैनेसलैंड ने चेतावनी देते हुए कहा कि ये संकट का ये स्तर, देखते ही देखते, क़ाबू से बाहर हो सकता है.

उन्होंने अपील करते हुए कहा कि ना केवल ग़ाज़ा पट्टी में तत्काल संकट का हल निकालने के लिए, बल्कि फ़लिस्तीनियों और इसराइलियों के लिए समान रूप से एक राजनैतिक क्षितिज को बहाल करने में मदद करने के लिए सामूहिक, समन्वित और व्यापक कार्रवाई की आवश्यकता है.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा, "ऐसा करने के लिए, हमें तत्काल मानवीय युद्धविराम और बन्धकों की रिहाई के लिए एक समझौते की ज़रूरत है." उन्होंने हिंसा पर बातचीत के लिए जगह बनाने की ज़रूरत पर भी जोर दिया.

टोर वैनेसलैंड ने कहा, "आख़िरकार, ग़ाज़ा के लिए एकमात्र दीर्घकालिक समाधान राजनैतिक है."

उन्होंने कहा, "इसराइल की वैध सुरक्षा चिन्ता को ध्यान में रखते हुए, ग़ाज़ा सहित, इसराइल के क़ब्ज़े वाले सम्पूर्ण फ़लस्तीनी क्षेत्र में एकल, प्रभावी फ़लस्तीनी शासन को बहाल करने की दिशा में एक स्पष्ट रास्ता होना चाहिए."

दो-देश समाधान

टोर वैनेसलैंड ने कहा कि इसके साथ ही, आन्तरिक और अन्तरराष्ट्रीय वैधता को बेहतर बनाने की ख़ातिर, फ़लस्तीनी प्राधिकरण को मज़बूत करने और उसमें सुधार करने के लिए, अन्तरराष्ट्रीय समर्थन महत्वपूर्ण होगा.

उन्होंने इन स्थितियों को बनाने के लिए, फ़लस्तीनी क्षेत्रों पर इसराइल का क़ब्ज़ा समाप्त करने और दो-देश समाधान पर बातचीत करने के लिए, एक समयबद्ध राजनैतिक ढाँचे का आहवान किया.

उन्होंने निष्कर्षतः कहा, "अगर हमें इस दुःस्वप्न से उबरकर एक ऐसे पथ पर पहुँचना है जो फ़लस्तीनियों और इसराइलियों को स्थाई शान्ति का मौक़ा दे सके, तो इन प्रयासों को एकजुट और तेज़ करना होगा."