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ग़ाज़ा बन गया है एक ‘मृत्यु क्षेत्र’, WHO प्रमुख की चेतावनी

WHO ने अनेक अस्पतालों से अनेक गम्भीर मरीज़ों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानान्तरित करने के मिशन चलाए हैं.
© WHO/Christopher Black
WHO ने अनेक अस्पतालों से अनेक गम्भीर मरीज़ों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानान्तरित करने के मिशन चलाए हैं.

ग़ाज़ा बन गया है एक ‘मृत्यु क्षेत्र’, WHO प्रमुख की चेतावनी

शान्ति और सुरक्षा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने बुधवार को चेतावनी दी कि अब पूरे ग़ाज़ा क्षेत्र में "अमानवीय" स्वास्थ्य और मानवीय स्थिति बन चुकी है और हालात लगातार बिगड़ रहे हैं.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक ने जिनीवा में एक प्रैस वार्ता में संवाददाताओं से कहा, "ग़ाज़ा एक ‘मृत्यु क्षेत्र’ बन गया है."

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उन्होंने कहा, “अधिकांश क्षेत्र नष्ट हो गया है. 29 हज़ार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं; बहुत से लोग लापता हैं, जिन्हें मृत मान लिया गया है; और बहुत से लोग घायल हैं.''

7 अक्टूबर को युद्ध शुरू होने के बाद, लड़ाई लगातार जारी रहने के कारण, गम्भीर कुपोषण का दायरा बहुत बढ़ गया है. पहले गम्भीर कुपोषण से केवल एक प्रतिशत आबादी प्रभावित थी, मगर अब ये संख्या 15 प्रतिशत से भी अधिक हो गई है.

संयुक्त राष्ट्र की विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) जैसी एजेंसियाँ, ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े तक पहुँचने में असमर्थ हैं.

डॉक्टर टैड्रॉस ने, इस स्थिति पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए, "युद्ध जितना लम्बा चलेगा और सहायता आपूर्ति बाधित होगी, पीड़ितों की ये संख्या और बढ़ेगी."

डब्ल्यूएफ़पी ने मानवीय कर्मियों और सहायता के ज़रूरतमन्द लोगों की सुरक्षा के लिए ख़तरे तो देखते हुए, ग़ाज़ा में अपने सहायता वितरण कार्यों को रोक दिया है.

'हम किस दुनिया में रहते हैं'

डॉक्टर टैड्रॉस ने अफ़सोस जताते हुए कहा, "हम किस प्रकार की दुनिया में रह रहे हैं, जहाँ लोगों को भोजन और पानी नहीं मिल पा रहा है, और जो लोग चलने-फिरने में असमर्थ हैं, उन्हें स्वास्थ्य देखभाल नहीं मिल पा रही है?"

उन्होंने कहा, "हम किस प्रकार की दुनिया में रह रहे हैं जब स्वास्थ्य कर्मियों पर बमबारी का ख़तरा है क्योंकि वे जीवन बचाने का अपना काम कर रहे हैं, [और] अस्पतालों को बन्द करना पड़ रहा है क्योंकि मरीज़ों को बचाने में मदद करने के लिए, कोई बिजली या दवाएँ नहीं हैं?"

उन्होंने तत्काल युद्धविराम, बन्धकों को रिहा किए जाने, बन्दूकें शान्त करने और निर्बाध मानवीय सहायता पहुँच की आवश्यकता को रेखांकित किया.

डॉक्टर टैड्रॉस ने कहा, "मानवता की जीत होनी चाहिए."

अस्पताल से मरीज़ों की निकासी

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी और साझीदारों ने, पिछले तीन दिनों के दौरान, बच्चों सहित गम्भीर रूप से बीमार रोगियों को निकालने के लिए, ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े में स्थित ख़ान यूनिस में, नासिर चिकित्सा परिसर में कई आपातकालीन मिशन चलाए हैं.

डॉक्टर टैड्रॉस ने कहा, "गहन चिकित्सा इकाइयाँ अब काम नहीं कर रही हैं, डब्ल्यूएचओ ने मरीज़ों को अन्यत्र सुरक्षित स्थानों के लिए स्थानान्तरित करने में मदद की है. इनमें से अनेक रोगी चल भी नहीं सकते."

इसराइल के जारी सैन्य हमलों, बिजली और ताज़ा पानी की कमी और घटती जीवनरक्षक चिकित्सा सामग्री के बीच, लगभग 130 बीमार व घायल मरीज़, और कम से कम 15 डॉक्टर और नर्स, अब भी अस्पताल में हैं.