यमन में हूथी लड़ाकों का, ब्रितानी व अमेरिकी यूएन स्टाफ़ को देश छोड़ने का आदेश
यमन में हूथी अधिकारियों ने संयुक्त राष्ट्र व अन्य मानवीय सहायता एजेंसियों के अमेरिकी और ब्रितानी पासपोर्ट धारक स्टाफ़ को, एक महीने के भीतर, देश छोड़ देने का आदेश दिया है.
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने बुधवार को, यमन के अनेक क्षेत्रों के साथ-साथ राजधानी सना को नियंत्रित करने वाले हूथी अधिकारियों के आदेश की पुष्टि करते हुए, संवाददाताओं से कहा कि यह मांग उन क़ानूनी शर्तों के विपरीत है जिनके तहत संयुक्त राष्ट्र और अन्य ग़ैर सरकारी संगठन अपना काम करते हैं.
यमन में 2015 से पूर्ण युद्ध जारी है जिसमें हूथी लड़ाके देश की सरकार के बलों के साथ युद्धरत हैं. देश की सरकार को सऊदी नेतृत्व वाले गठबन्धन के साथ-साथ, अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है.
मोटे तौर पर, यमन की सीमाओं के भीतर एक नाज़ुक युद्धविराम लागू है, मगर हूथी लड़ाकों ने, ग़ाज़ा में इसराइल के साथ युद्धरत फ़लस्तीनी चरमपंथियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए, लाल सागर में जहाज़ों पर हमले किए हैं.
उन हमलों के जवाब में, हाल के दिनों में, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन ने दर्जनों हवाई हमले किए गए हैं.
मालवाहक जहाजों को लाल सागर से रास्ता बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा है, जिससे वैश्विक व्यापार और अन्तरराष्ट्रीय आर्थिक पुनर्बहाली को खत़रा है.
कोई क़ानूनी आधार नहीं
यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने न्यूयॉर्क में पत्रकारों के सवालों के जवाब में यमन की राजधानी सना में स्थित यूएन कर्मचारियों के बाहर निकल जाने की मांग करने वाले पत्र की पुष्टि की.
प्रवक्ता ने ज़ोर देकर कहा कि “केवल किसी कर्मचारी की राष्ट्रीयता के आधार पर, संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों को देश छोड़ने का कोई भी अनुरोध या आवश्यकता, संयुक्त राष्ट्र पर लागू क़ानूनी ढाँचे के साथ मेल नहीं खाती है.
उन्होंने कहा कि यह आदेश "यमन में सभी लोगों का समर्थन करने के शासनादेश को पूरा करने की हमारी क्षमता में बाधा डालता है, और हम यमन में सभी अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं कि हमारे कर्मचारी, संयुक्त राष्ट्र की ओर से अपना कार्य करना जारी रख सकें.”
राजधानी सना में हूथी लड़ाकों के वास्तविक विदेश मंत्रालय का पत्र, कथित तौर पर संयुक्त राष्ट्र के कार्यवाहक मानवीय सहरायता समन्वयक पीटर डॉकिंस को भेजा गया है, जो ख़ुद एक ब्रितानी नागरिक हैं.
इस पत्र में, कथित रूप से, विदेशी संगठनों से, भविष्य में अमेरिकी और ब्रितानी कर्मियों को काम पर नहीं रखने का भी आदेश दिया गया है.
यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने याद दिलाया कि संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारी "निष्पक्ष रूप से सेवा करते हैं और संयुक्त राष्ट्र के ध्वज की सेवा करते हैं – किसी अन्य पक्ष की नहीं."