वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

हूथी

यमन में अपने विस्थापन गृह में पानी खींचकर लाती एक बुज़ुर्ग महिला. देश में युद्ध ने करोड़ों लोगों के लिए भुखमरी के हालात उत्पन्न कर दिए हैं.
UNOCHA/Giles Clarke

यमन: अकाल, लड़ाई और सहायताकर्मियों की नज़रबन्दी से संकट बढ़ने पर चिन्ता

यमन में लगातार जारी हिंसा और भुखमरी में दीगर बढ़ोत्तरी से, लाखों लोगों के भुखमरी का ख़तरा बढ़ गया है और पड़ोसी देशों में अस्थिरता का भी ख़तरा है. व्यापक क्षेत्रीय टकरावों से गहराई से जुड़ा यह संकट, मानवीय सहायता प्रयासों पर दबाव डाल रहा है और मध्य पूर्व में तनाव बढ़ा रहा है.

यमन में कई वर्षों के युद्ध ने देश में बड़ी आबादी को भुखमरी के निकट पहुँचा दिया है.
© IOM Yemen

यमन: 'क्षेत्रीय उथल-पुथल से शान्ति की सम्भावनाओं को झटका'

यमन के लिए विशेष दूत हैंस ग्रुंडबर्ग ने, देश में सरकारी बलों और हूथी लड़ाकों के बीच हाल के समय में हुई झड़पों पर चिन्ता व्यक्त की है. अलबत्ता दोनों पक्षों के बीच, स्थाई शान्ति की उम्मीद भी बरक़रार हैं.

अक्टूबर 2023 में ग़ाज़ा युद्ध भड़कने के बाद से लाल सागर में हूथी लड़ाकों ने, इसराइल को जाने वाले कुछ जहाज़ों को निशाना बनाया है.
© UNICEF

लाल सागर में जहाज़ों पर, हूथी लड़ाकों के हालिया हमलों की निन्दा

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने, यमन के तट के पास लाल सागर में जहाज़ों पर हाल में, हूथी लड़ाकों के हमलों की निन्दा की है.

यमन में यूएन एजेंसियाँ ज़रूरतमन्द लोगों को मानवीय सहायता मुहैया कराने में सक्रिय हैं. (फ़ाइल फ़ोटो)
IOM Photo

यमन में बढ़ती हिंसा पर गहरी चिन्ता, 'अधिकतम संयम' की अपील

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने, इस सप्ताह अमेरिका द्वारा, यमन के राअस ईसा बन्दरगाह में और उसके आसपास किए गए हमलों पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है. इन हमलों में अनेक आम लोगों के हताहत होने की ख़बरें हैं.

संयुक्त राष्ट्र के यमन दूत हैंस ग्रुंडबर्ग, देश के बारे में सुरक्षा परिषद को जानकारी देते हुए.
UN Photo/Eskinder Debebe

यमन: जहाज़ के चालक दल की रिहाई, ‘सही दिशा में उठाया गया क़दम’

यमन के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत हैंस ग्रुंडबर्ग और अन्तरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) के प्रमुख आर्सेनियो डोमिंगुएज़ ने हूथी लड़ाकों द्वारा एक वाणिज्यिक जहाज़ के चालक दल के सदस्यों को रिहा किए जाने का स्वागत किया है. इन लोगों को, हूथी लड़ाकों ने एक साल से अधिक समय से बन्धक बना रखा था.

20 जुलाई को यमन के हुदायदाह बन्दरगाह और आसपास के ठिकानों पर इसराइली हमलों के बाद, भयानक आग लग गई थी.
© UNOCHA

यमन में शान्ति स्थापना के लिए, कूटनैतिक प्रयास अब भी हैं कुंजी

यमन के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत हैंस ग्रुंडबर्ग ने सुरक्षा परिषद को बताया है कि देश में शान्ति स्थापना सम्भव है जिसके लिए अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का निरन्तर समर्थन आवश्यक है.

लगभग एक दशक से युद्धग्रस्त यमन में, यूएन एजेंसियाँ विभिन्न तरह की सहायता मुहैया करा रही हैं.
जिन 60 से अधिक लोगों को बन्दी बनाया हुआ है, वो सभी यमनी नागरिक हैं. उनमें 13 यूएन स्टाफ़ और सिविल सोसायटी के सदस्य, स्थानीय और अ

यमन में बन्दी यूएन स्टाफ़ व अन्य लोगों की तुरन्त रिहाई का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, यमन के हूथी विद्रोहियों से, यूएन स्टाफ़, मानवीय सहायता कर्मियों, कूटनैतिक कर्मचारियों और अन्य लोगों को तुरन्त और बिना शर्त रिहा कर दिए जाने का आग्रह किया है. इन लोगों को दो महीने से भी अधिक अवधि से बन्दी बनाया हुआ है.

20 जुलाई को यमन के हुदायदाह बन्दरगाह और आसपास के ठिकानों पर इसराइली हमलों के बाद, भयानक आग लग गई थी.
© UNOCHA

यमन में पूर्ण स्तर के युद्ध की वापसी का ख़तरा, क्षेत्रीय तनाव में भी वृद्धि

यमन में फिर से पूर्ण स्तर के युद्ध का जोखिम उत्पन्न हो गया है और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को एक साझा हित और अपनी ज़िम्मेदारी निभाने की ख़ातिर, ऐसा होने से रोकना होगा.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, ताजिकिस्तान के दुशाम्बे शहर में, पत्रकारों से बातचीत करते हुए.
UN Tajikistan/Didor Sadulloev

हुदायदाह में इसराइली हवाई हमलों पर यूएन प्रमुख ने जताई गहरी चिन्ता

संयक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, यमन के हुदायदाह बन्दरगाह पर और उसके आसपास शनिवार को इसराइली हवाई हमले किए जाने की ख़बरें पर चिन्ता व्यक्त की है. इस हमले में कम से कम 6 लोगों की मृत्यु और 80 से अधिक लोगों के घायल होने की ख़बरें हैं.

यमन के अदन में विस्थापितों के लिए बनाए गए एक शिविर में एक महिला भोजन पकाते हुए. ये महिला ख़ुद भी कुपोषण की शिकार हैं.
© UNICEF/Saleh Bin Hayan YPN

यमन में शान्ति प्रक्रिया, ग़ाज़ा युद्ध के साए से प्रभावित

यमन के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत हैंस ग्रुंडबर्ग ने बुधवार को कहा है कि ग़ाज़ा में युद्ध के झटकों की गूंज, व्यापक मध्य पूर्व क्षेत्र में सुनी और देखी जा रही है और यमन में भी स्थिति कुछ महीने पहले की तुलना में कहीं अधिक जटिल है.