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यूनीसेफ़ – ग़ाज़ा में बाल कुपोषण की स्थिति चिन्ताजनक

विस्थापित फ़लस्तीनी, रफ़ाह के अल-शबौरा शिविर में भोजन का इन्तज़ार करते हुए.
© WHO
विस्थापित फ़लस्तीनी, रफ़ाह के अल-शबौरा शिविर में भोजन का इन्तज़ार करते हुए.

यूनीसेफ़ – ग़ाज़ा में बाल कुपोषण की स्थिति चिन्ताजनक

शान्ति और सुरक्षा

ग़ाज़ा पट्टी में हिंसा के कारण हज़ारों बच्चों की मौत हो चुकी हैऔर बच्चों के रहने की स्थिति बदतर होती जा रही है. बच्चों में डायरिया के मामलों व खाद्य निर्धनता में वृद्धि हुई हैजिससे बाल मृत्यु का जोखिम बढ़ गया है. वीडियो.

7 दिसम्बर के बाद, केवल एक सप्ताह के भीतर ही, 5 साल से कम उम्र के बच्चों में, दस्त के मामलों की संख्या 48 हज़ार से बढ़कर 71 हज़ार हो गई, यानि प्रति दिन 3,200 नए मामले. 

युद्ध बढ़ने से पहले, 5 साल से कम उम्र के बच्चों में, दस्त के औसतन प्रति माह 2 हज़ार मामले दर्ज किए जाते थे. ऐसे में नवीनतम आँकड़े, लगभग 2000 प्रतिशत की आश्चर्यजनक वृद्धि दर्शाते हैं. 

यूनीसेफ़ के, 10 दिसम्बर 2023 को किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, दो साल से कम उम्र के लगभग 90 प्रतिशत बच्चे, केवल दो या उससे कम खाद्य पदार्थ समूहों का सेवन कर पा रहे हैं.

यह संख्या, दो सप्ताह पहले किए गए इसी सर्वेक्षण की तुलना में 80 प्रतिशत अधिक है. अधिकाँश परिवारों ने बताया कि उनके बच्चों को केवल अनाज या दूध ही मिल रहा है, जो "गम्भीर खाद्य निर्धनता" का सूचक है. 

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली 25 प्रतिशत महिलाओं ने एक दिन पहले केवल एक प्रकार का भोजन खा पाईं, और लगभग 65 प्रतिशत ने केवल दो प्रकार का भोजन खाया.

यूनीसेफ़, 1 लाख 55 हज़ार से अधिक गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं समेत, दो साल से कम उम्र के 1 लाख 35 हज़ार बच्चों के पोषण को लेकर चिन्तित है.

यूनीसेफ़, युद्ध शुरू होने के समय से ही, ग़ाज़ा पट्टी में महत्वपूर्ण सामग्री की आपूर्ति कर रहा है. इसमें टीके, चिकित्सा सामग्री, स्वच्छता किट, शिशुओं के लिए दुग्ध, विशेष पूरक भोजन, पोषक ख़ुराक और तीव्र कुपोषण की रोकथाम के लिए तैयार भोजन शामिल हैं. 

यूनीसेफ़ ने ईंधन, पानी, पानी की टंकियाँ और जेरी कैन, मोबाइल शौचालय, तिरपाल, तम्बू, सर्दियों के कपड़े और कम्बल भी वितरित किए हैं. 

यूनीसेफ़ ने व्यावसायिक यातायात दोबारा शुरू करने का आह्वान किया है, ताकि दुकानें में दोबारा आपूर्ति भरी जा सके. साथ ही, नागरिक जीवन की रक्षा व पीड़ा कम करने के लिए, तत्काल मानवीय युद्धविराम की अपील की है.