वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

यूनीसेफ़ ने इसराइल-फ़लस्तीन के बीच हिंसा तुरन्त रोके जाने की अपील दोहराई

ग़ाज़ा पट्टी के राफ़ाह में हवाई कार्रवाई के बाद उठता धुँआ.
UNICEF/Eyad El Baba
ग़ाज़ा पट्टी के राफ़ाह में हवाई कार्रवाई के बाद उठता धुँआ.

यूनीसेफ़ ने इसराइल-फ़लस्तीन के बीच हिंसा तुरन्त रोके जाने की अपील दोहराई

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ की कार्यकारी निदेशक हैनरिएटा फ़ोर ने इसराइल और फ़लस्तीनियों के बीच ग़ाज़ा में जारी हिंसा को तुरन्त रोके जाने की अपील दोहराई है.

Tweet URL

यूनीसेफ़ की कार्यकारी निदेशक हैनरिएटा फ़ोर ने रविवार को अपनी ये अपील ऐसे समय में दोहराई है जब इसराइल-फ़लस्तीन के बीच इस ताज़ा हिंसा को एक सप्ताह हो गया है और संकटपूर्ण हालात पर चर्चा के लिये, संयुक्त राष्ट्र की विशेष बैठक हुई है.

हैनरिएटा फ़ोर ने रविवार को जारी एक वक्तव्य में कहा, “पिछले एक सप्ताह के दौरान फ़लस्तीन में 55 बच्चे और इसराइल में 2 बच्चे मारे गए हैं.”

”दोनों ही पक्षों की डर और तबाही लगातार बढ़ रहे हैं.”

वक्तव्य में कहा गया है, “ग़ाज़ा में स्कूल तबाह कर दिये गए हैं, बहुत से घर और दफ़्तर मलबे के ढेर में तब्दील कर दिये गए हैं, और पूरे के पूरे परिवारों को विस्थापित होना पड़ा है.”

“इसराइल में भी, स्कूल, घर और इमारतें क्षतिग्रस्त हुए हैं.”

यूनीसेफ़ की कार्यकारी निदेशक ने कहा, “हिंसा, हत्याएँ और नफ़रत को रोकना होगा. अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों व अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का पालन सुनिश्चित करना होगा. नागरिक आबादी व नागरिक बुनियादी ढाँचे की हिफ़ाज़त सुनिश्चित करनी होगी.”

उन्होंने कहा, “स्थिति का एक मात्र समाधान कूटनैतिक समाधान है – बच्चों और उनके भविष्य की ख़ातिर.

मध्य पूर्व और उत्तर अफ्रीका के लिये यूनीसेफ़ के क्षेत्रीय निदेशक टेड शायबन ने शनिवार को कहा था कि हिंसा का स्तर बहुत व्यापक और भीषण है. इस तनाव का सबसे ज़्यादा दंश बच्चों को झेलना पड़ रहा है.

“सभी पक्षों को अपने क़दम रोकते हुए पीछे हटना होगा और हिंसा को रोकना होगा. सभी पक्षों के कंधों पर आम आबादी की सुरक्षा सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी है जिनमें बच्चे भी हैं. साथ ही, मानवीय सहायता के लिये निर्बाध रास्ते खोलने होंगे. हिंसा को भड़काने वाले मौजूदा कारक, और ज़्यादा हिंसा के ज़रिये हल नहीं किये जा सकते.”

उन्होंने कहा कि ग़ाज़ा में 1000 से भी ज़्यादा लोगों के घायल होने की ख़बरें हैं जिनमें कुछ की हालत अत्यन्त गम्भीर बताई गई है. इनमें एक बड़ी संख्या बच्चों की भी है.

इस बीच ग़ाज़ा में 35 स्कूल ध्वस्त कर दिये गए हैं और कम से कम 29 स्कूलों में, ऐसे बहुत से परिवारों को पनाह दी गई है जिन्हें भारी हिंसा के कारण अपने घरों से विस्थापित होना पड़ा है. 

यूनीसेफ़ ने कहा है कि दस हज़ार से ज़्यादा लोगों को विस्थापित होना पड़ा है जिनमें अधिकतर बच्चे हैं.

यूएन बाल एजेंसी को मिली ख़बरों के अनुसार, इसराइल में तीन स्कूल क्षतिग्रस्त हुए हैं.