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ग़ाज़ा: दक्षिणी इलाक़े में भीषण बमबारी, उत्तरी इलाक़े में भी सहायता आपूर्ति पूरी तरह ठप

ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े से विस्थापित लोग, दक्षिणी इलाक़े की तरफ़ पलायन करने को विवश.
© UNRWA/Ashraf Amra
ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े से विस्थापित लोग, दक्षिणी इलाक़े की तरफ़ पलायन करने को विवश.

ग़ाज़ा: दक्षिणी इलाक़े में भीषण बमबारी, उत्तरी इलाक़े में भी सहायता आपूर्ति पूरी तरह ठप

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसियों ने, सोमवार को कहा है कि ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े में सप्ताहान्त के दौरान भी इसराइली भीषण बमबारी में सैकड़ों लोगों के मारे जाने की ख़बरें हैं, जिससे वहाँ पनाह लिए हुए आम लोगों की सुरक्षा के बारे में चिन्ताएँ और बढ़ गई हैं. इस बीच सहायता टीमों को बहुत सीमित पहुँच हासिल है, और उत्तरी इलाक़े में तो पहुँच, पूरी तरह प्रतिबन्धित कर दी गई है.

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संयुक्त राष्ट्र सहायता समन्वय कार्यालय, OCHA की नवीनतम जानकारी में, "हवा, ज़मीन और समुद्र से भारी इसराइली बमबारी" में हताहतों की बढ़ती संख्या और तबाही की पुष्टि की गई है.

यूए एजेंसी की जानकारी में बताया गया है, कि "(शनिवार) 2 दिसम्बर की दोपहर से (रविवार) 3 दिसम्बर की दोपहर तक, ग़ाज़ा में कम से कम 316 लोग मारे गए और कम से कम 664 अन्य घायल हो गए." 

एजेंसी ने ये भी बताया है कि सप्ताहान्त में ग़ाज़ा पट्टी में एक इसराइली सैनिक भी मारा गया है और एक अन्य इसराइली सैनिक की मौत, पहले से लगे घावों के कारण हो गई.

गत शुक्रवार, 1 दिसम्बर को हमास और इसराइल के बीच मानवीय युद्ध-ठहराव टूटने के बाद, मौजदा रक्तपात फिर शुरू हो गया. 

कोई भी स्थान सुरक्षित नहीं है

फ़लस्तीनी शरणार्थियों की सहायता के लिए यूएन एजेंसी – UNRWA ने, हिंसा में फँसे आम लोगों के प्रति मानवीय सहायता एजेंसियों की चिन्ताओं को व्यक्त करते हुए, कहा है कि दक्षिण में रफ़ाह शहर में, हवाई हमलों की पृष्ठभूमि में लोगों को भागने के लिए मजबूर किया जा रहा है.

UNRWA मामलों के निदेशक थॉमस व्हाइट ने कहा है, "लोग इस बारे में सलाह के लिए गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें सुरक्षा कहाँ मिलेगी. हमारे पास उन्हें बताने के लिए कुछ नहीं है."

इसराइली बलों द्वारा अक्टूबर के मध्य में ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े के निवासियों को वो इलाक़ा छोड़कर चले जाने का आदेश जारी किए जाने के बाद लगभग 18 लाख ग़ाज़ावासी, दक्षिणी इलाक़े के लिए पलायन करने को विवश हुए थे.

ओसीएचए ने एक नए घटनाक्रम में बताया कि इसरायली सेना ने, रविवार को "ख़ान यूनिस शहर के लगभग 20 प्रतिशत हिस्से को तत्काल ख़ाली कर दिए जाने वाला इलाक़ा घोषित किया है, और यह क्षेत्र "एक ऑनलाइन मानचित्र में चिन्हित किया गया जिसे सोशल मीडिया पर प्रकाशित किया गया था."

संयुक्त राष्ट्र सहायता समन्वय कार्यालय (UNOCHA) ने कहा कि मौजूदा युद्धक गतिविधियों की शुरुआत से पहले, इस क्षेत्र में लगभग एक लाख 17 हज़ार लोग रहते थे. 

एजेंसी ने बताया है कि इस क्षेत्र में 21 आश्रय स्थल बने हुए हैं जिनमें, आन्तरिक रूप से विस्थापित लगभग 50 हज़ार लोग (IDPs) रहते हैं. इनमें से अधिकांश लोग, कुछ सप्ताह पहले उत्तरी ग़ाज़ा से विस्थापित हुए थे.

सहायता सामग्री की आपूर्ति जारी

इस बीच, ओसीएचए ने बताया कि रविवार देर शाम को, मिस्र से ग़ाज़ा के लिए, कुछ जीवनरक्षक मानवीय सहायता आपूर्ति जारी रही, हालाँकि उनकी सटीक संख्या और सामग्री स्पष्ट नहीं थी. 

दस मानवीय सहायता कर्मी भी रफ़ाह सीमा चौकी के ज़रिए ग़ाज़ा में दाख़िल हुए. साथ ही, 566 विदेशी नागरिकों, 13 घायल लोगों और उनके 11 संगियों को भी ग़ाज़ा से बाहर भेजा गया.

ग़ाज़ा पट्टी के दक्षिणी इलाक़े में स्थित ख़ान यूनिस में अल नासिर अस्पताल में, महिलाएँ अपने परिजनों की मौत पर शोक सन्तप्त.
©UNICEF/UNI472270/Zaqout