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ग़ाज़ा में आम लोगों की, 'अभूतपूर्व और अतुलनीय' मौतें, गुटेरेश

फ़लस्तीनी क्षेत्र ख़ान यूनिस में, शरणार्थियों के लिए बनाए गए शिविर में, यूनीसेफ़ ने पानी का वितरण किया है.
© UNICEF/Eyad El Baba
फ़लस्तीनी क्षेत्र ख़ान यूनिस में, शरणार्थियों के लिए बनाए गए शिविर में, यूनीसेफ़ ने पानी का वितरण किया है.

ग़ाज़ा में आम लोगों की, 'अभूतपूर्व और अतुलनीय' मौतें, गुटेरेश

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने, सोमवार को कहा है कि ग़ाज़ा में इसराइली सेनाओं और फ़लस्तीनी चरमपंथियों के बीच मौजूदा युद्ध में, दुनिया, वर्ष 2017 में महासचिव बनने के बाद, किसी भी अन्य टकराव की तुलना में, आम लोगों की मौतों का, "एक अतुलनीय और अभूतपूर्व" स्तर देख रही है.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरश ने, सोमवार को मुख्यालय में नवीनतम उत्सर्जन रिपोर्ट जारी करने के मौक़े पर, पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान, टकराव में बच्चों की स्थिति पर जितनी भी रिपोर्ट जारी की गई हैं, उनमें यह स्पष्ट है कि ग़ाज़ा में मौजूदा युद्ध में, हज़ारों बच्चों की मौतें हुई हैं, जबकि यमन और सीरिया में ये संख्या सैकड़ों में थी.

उन्होंने कहा कि ग़ाज़ा में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी संख्या या आँकड़ों की प्रामाणिकता के बारे में चर्चा किए बिना भी बात करें, जबकि इन आँकड़ों को यूएन एजेंसियाँ विश्वसनीय मानती हैं, तो, "जो स्पष्ट है वो ये है कि हमने देखा है कि कुछ सप्ताहों के भीतर, हज़ारों बच्चे मारे जा चुके हैं."

स्वास्थ्य अधिकारियों से मिली नवीनतम ख़बरों में संकेत मिलता है कि 7 अक्टूबर को इसराइल में हमास के हमलों और उसके बाद ग़ाज़ा में इसराइली आक्रमण में, ग़ाज़ा पट्टी में 13 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, "यही है जो बहुत महत्वपूर्ण है. हम इस स्तर पर आम लोगों की मौतें देख रहे हैं, जो मेरे महासचिव बनने के बाद से, किसी भी टकराव में के स्तर से, अतुलनीय और अभूतपूर्व हैं.

'त्रासदी में से निकालें अवसर'

इसराइली हमले और बेदख़ली के आदेश के बाद, ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े से लाखों लोग, अन्यत्र जाने को विवश हुए हैं.
© UNRWA/Ashraf Amra

ग़ाज़ा में युद्ध रुकने के बाद, क्षेत्र के सामने उपलब्ध आगे के रास्ते का बारे में, यूएन प्रमुख ने कहा कि "यह बहुत महत्वपूर्ण है कि इस त्रासदी को अवसर में तब्दील करने का रास्ता निकाला जाए."

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "ऐसा सम्भव बनाने के लिए, यह बहुत ज़रूरी है कि युद्ध के बाद, हम दो देशों की स्थापना वाले एक दृढ़ और अपरिवर्तनीय रास्ते की तरफ़ बढ़ें."

यूएन महासचिव ने कहा, "इसका यह मतलब भी है कि युद्ध के बाद - और ये मेरा मत है - मेरा विश्वास है कि युद्ध के बाद यह अहम है कि ग़ाज़ा में एक और अधिक मज़बूत फ़लस्तीनी प्राधिकरण, ज़िम्मेदारियाँ संभाले."

उन्होंने कहा कि एक मानवीय युद्धविराम, पहला अति महत्वपूर्ण क़दम है, उसके साथ ही मानवीय सहायता की निर्बाध आपूर्ति भी हो. "बन्धकों की रिहाई" और अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का उल्लंघन का अन्त हो और आम लोगों का संरक्षण सुनिश्चित हो.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि ग़ाज़ा में फ़लस्तीनी प्राधिकरण, स्पष्ट रूप से तब तक प्रशासनीय ज़िम्मेदारियाँ नहीं संभाल सकता, जब तक वहाँ इसराइली टैंक मौजूद रहेंगे, जिसका मतलब है कि "एक परिवर्तन दौर" की ज़रूरत होगी.

ग़ौरतलब है कि फ़लस्तीनी क्षेत्र पश्चिमी तट में फ़लस्तीनी प्राधिकरण का शासन है और ग़ाज़ा में वर्ष 2006 में हुए चुनावों में, उसे हमास ने हरा दिया था, तब से ग़ाज़ा पट्टी में हमास का शासन है.

यूएन संरक्षित प्रशासन, समाधान नहीं

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, "मैं नहीं समझता कि ग़ाज़ा में, संयुक्त राष्ट्र संरक्षित प्रशासन, कोई समाधान है. मेरा विचार है कि हमें एक ऐसे बहु-हितधारक नज़रिए की दरकार है जिसमें विभिन्न देश, विभिन्न संगठन, परस्पर सहयोग करेंगे. इसराइल की सुरक्षा के लिए, स्वभाविक रूप से, संयुक्त राज्य अमेरिका मुख्य गारंटर है. फ़लस्तीनियों के लिए, पड़ोसी और क्षेत्र के अरब देश आवश्यक हैं."

उन्होंने कहा, "इसलिए परिवर्तन के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ सृजित करने की ख़ातिर, हर किसी को एक साथ आना होगा, जिसमें ग़ाज़ा में एक मज़बूत फ़लस्तीनी प्रशासन को ज़िम्मेदारी संभालने की अनुमति दी जाए."

"उसके आधार पर, आख़िरकार... दो-देशों की स्थापना वाले एक दृढ़संकल्पित और अपरिवर्तनीय समाधान की दिशा में बढ़ा जाए, जो उन सिद्दान्तों पर आधारित हो, जिन्हें आमतौर पर अन्तरराष्ट्रीय समुदाय ने स्थापित किया है और मैं भी उन्हें बार-बार रेखांकित करता रहा हूँ."