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रफ़ाह चौकी पर टर्क का बयान, इसराइल और हमास दोनों ने किए हैं युद्धापराध

यूएन मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क, मिस्र-ग़ाज़ा की सीमा पर स्थित रफ़ाह चौकी पर, मीडिया के साथ बातचीत करते हुए (नवम्बर 2023).
© OHCHR
यूएन मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क, मिस्र-ग़ाज़ा की सीमा पर स्थित रफ़ाह चौकी पर, मीडिया के साथ बातचीत करते हुए (नवम्बर 2023).

रफ़ाह चौकी पर टर्क का बयान, इसराइल और हमास दोनों ने किए हैं युद्धापराध

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने इसराइल और हमास के बीच, तत्काल युद्धविराम लागू किए जाने की पुकार दोहराई है. उन्होंने ये पुकार, बुधवार को, रफ़ाह सीमा चौकी और मिस्र के अल आरिश अस्पताल का दौरान करने के दौरान लगाई.

वोल्कर टर्क ने रफ़ाह सीमा चौकी पर विरोधाभासी स्थिति को रेखांकित किया और इसे उन्होंने, पिछले एक महीने के दौरान, ग़ाज़ा के 23 लाख लोगों के लिए जीवनरेखा परिभाषित किया, अलबत्ता “अन्यायपूर्ण ढंग से और भीषण रूप में बहुत बारीक रेखा.”

उन्होंने कहा कि, इसके बावजूद यहाँ से एक जीते-जागते दुस्वप्न के दरवाज़े भी खुलते हैं क्योंकि लगातार बमबारी के बीच, ग़ाज़ा के लोगों का दम घुट रहा है, वो अपने परिवारों का शोक मना रहा हैं, पानी, भोजन, बिजली और ईंधन के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

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अभूतपूर्व ख़तरा

7 अक्टूबर को इसराइल में हमास के हमले के बाद से, संयुक्त राष्ट्र के अनेक वरिष्ठ अधिकारी, क्षेत्र की यात्रा कर चुके हैं, जिनमें वोल्कर टर्क का नाम भी जुड़ गया है. हमास के उस हमले में लगभग 1400 से अधिक लोग मारे गए थे, और उन्होंने 240 से अधिक लोगों को बन्धक भी बना लिया था, जिन्हें ग़ाज़ा में रखा गया है.

इसराइल ने, इस हमले के जवाब में, फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा पट्टी में, पूर्ण नाकाबन्दी करने के साथ-साथ, ताबड़तोड़ बमबारी की है और ज़मीनी हमला भी शुरू किया है. इसराइल ने, ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में रहने वाले लोगों को, अन्यत्र चले जाने का आदेश भी जारी किया है.

वोल्कर टर्क ने कहा कि फ़लस्तीनी सशस्त्र गुटों द्वारा किए गए अत्याचार और बन्धकों को अपने क़ब्ज़े में रखना जघन्य और युद्धापराध हैं. 

उन्होंने कहा, “इसराइल द्वारा फ़लस्तीनी लोगों को सामूहिक दंड देना भी एक युद्धापराध है. साथ ही लोगों को अपने मूल स्थानों से बलपूर्वक निकल जाने के आदेश देना भी युद्धापराध है.”

उन्होंने कहा कि फ़लस्तीनी क्षेत्र पर, 56 वर्ष के इसराइली क़ब्ज़े के सन्दर्भ में भी, ये स्थिति ना केवल ग़ाज़ा, इसराइल और पश्चिमी तट के लोगों के लिए, बल्कि क्षेत्र के लिए भी बेहद ख़तरनाक है.

वोल्कर टर्क ने युद्धरत पक्षों से, तत्काल एक युद्धविराम के लिए सहमत होने की आपात अपील की ताकि मानवाधिकारों से सम्बन्धित तीन अति महत्वपूर्ण लक्ष्य हासिल किए जा सकें.

उन्होंने ग़ाज़ा में पर्याप्त संख्या में सहायता सामग्री की पहुँच को सुलभ बनाए जाने, सभी बन्धकों की रिहाई और इसराइली क़ब्ज़े के एक अन्तिम व टिकाऊ अन्त के लिए, राजनैतिक स्थान बनाए जाने की पुकार लगाई. ये समाधान फ़लस्तीनियों और इसराइलियों – दोनों के ही आत्मनिर्णय पर आधारित हो.

हमास और फ़लस्तीनियों के बीच भेद करें: गुटेरेश

इस बीच, यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार क कहा है कि ग़ाज़ा में मारे जा रहे आम लोगों की संख्या से प्रदर्शित होता है कि हमास के विरुद्ध इसराइल के अभियानों में, कुछ “स्पष्ट रूप से ग़लत” है.

उन्होंने समाचार एजेंसी रॉयटर्स द्वारा न्यूयॉर्क में आयोजित NEXT सम्मेलन में कहा कि हमास जब मानव ढाल का प्रयोग करते हैं तो उससे मानवाधिकारों का हनन होता है. मगर इसराइली सैन्य अभियानों में मारे गए आम लोगों की संख्या को अगर देखें तो, कुछ ऐसा है जो स्पष्ट रूप से ग़लत है.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “इसराइल के लिए यह समझना भी बहुत अहम है कि फ़लस्तीनी लोगों की नाटकीय मानवीय ज़रूरतों की हृदय विदारक तस्वीरें रोज़ाना देखना, स्वयं इसराइल के हित में भी नहीं है.”

“इससे, वैश्विक जनमत में, इसराइल को कोई मदद नहीं मिलती है.”

एंतोनियो गुटेरेश ने इसराइल पर हमास के हमले की तीखी निन्दा की और कहा, “हमें भेद करना होगा – हमास एक चीज़ हैं, फ़लस्तीनी लोग उनसे अलग पक्ष हैं.”

उन्होंने साथ ही कहा कि “अगर हम ये भेद नहीं करते हैं, तो मेरा विचार है कि वो स्वयं मानवता है, जो अपना अर्थ खो देगी.”