सूडान: सुरक्षा के लिए पलायन की लम्बी व ख़तरनाक राह
सूडान की राजधानी ख़ारतूम में जब अप्रैल में लड़ाई शुरू हुई, तब 25 वर्षीय आरफ़ा, अपने दो छोटे बच्चों के साथ घर पर अकेली थीं. कितने ख़तरों से भरा हुआ है, जान बचाने के लिए पलायन का सफ़र...
सूडान की राजधानी ख़ारतूम में जब अप्रैल में लड़ाई शुरू हुई, तब 25 वर्षीय आरफ़ा, अपने दो छोटे बच्चों के साथ घर पर अकेली थीं. कितने ख़तरों से भरा हुआ है, जान बचाने के लिए पलायन का सफ़र...
मिस्र के तटीय शहर शर्म अल-शेख़ में कॉप27 जलवायु सम्मेलन में स्थानीय समयानुसार रविवार तड़के एक महत्वपूर्ण समझौते पर अन्तत: सहमति बन गई, जिसके तहत जलवायु-जनित आपदाओं से प्रभावित निर्बल देशों में होने वाली ‘हानि व क्षति’ के लिए मुआवज़ा दिए जाने की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही, दो हफ़्तों से जारी गहन चर्चा के बाद यूएन का वार्षिक जलवायु सम्मेलन समाप्त हो गया है.
मिस्र के शर्म अल-शेख़ में संयुक्त राष्ट्र वार्षिक जलवायु सम्मेलन, कॉप27 का समापन अपनी निर्धारित अवधि के कम से कम एक दिन बाद होगा. कॉप27 अध्यक्ष ने शुक्रवार को इस आशय की घोषणा करते हुए वार्ताकारों से अपने प्रयासों में तेज़ी लाने का आग्रह किया है ताकि जिन मुद्दों पर बातचीत अटकी हुई है, उन पर सहमति बनाई जा सके.
मिस्र के शर्म अल-शेख़ में जारी यूएन जलवायु सम्मेलन, कॉप27, के दौरान बुधवार को किसी एक ख़ास विषय पर आधारित कार्यक्रम दिवस आरम्भ हुए और सबसे पहले जलवायु वित्त पोषण की थीम पर चर्चा हुई. जलवायु कार्यकर्ताओं ने शुरुआत में ही स्पष्ट कर दिया था कि हर वर्ष जीवाश्म ईंधन में निवेश किये जाने वाले सैकड़ों अरबों डॉलर का उपयोग, अब सामुदायिक नेतृत्व में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को सहायता प्रदान करने के लिये किया जाना होगा.
बढ़ते ऊर्जा संकटों, ग्रीन हाउस गैसों की रिकॉर्ड सघनता, और चरम मौसम की बढ़ती घटनाओं के बीच, मिस्र के शर्म अल-शेख़ में संयुक्त राष्ट्र का वार्षिक जलवायु सम्मेलन कॉप27 आयोजित हो रहा है, जहाँ यूएन महासचिव ने जलवायु आपदा को टालने के रास्ते पर आगे बढ़ाने की पुकार लगाई है. उन्होंने आगाह किया है कि दुनिया इस लड़ाई में फ़िलहाल पिछड़ रही है, मगर “मानवता के पास विकल्प मौजूद है: सहयोग या नाश. ये विकल्प है – या तो जलवायु एकजुटता समझौता – या फिर सामूहिक आत्महत्या समझौता.” एक वीडियो रिपोर्ट...
विश्व भर में कार्बन उत्सर्जन से मुक्त होने का संकल्प लेने वाले देशों और ग़ैर-सरकारी पक्षों की संख्या बढ़ रही है, मगर नैट-शून्य उत्सर्जन प्रतिबद्धताओं के लिये मानदण्डो में बचाव के इतने रास्ते हो सकते हैं कि उनके बेअसर होने की आशंका बढ़ जाती है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समूह द्वारा, शर्म अल-शेख़ में कॉप27 सम्मेलन के दौरान इस विषय में अपनी पहली रिपोर्ट मंगलवार को प्रकाशित किये जाने पर यह चिंता व्यक्त की गई है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को यूएन जलवायु सम्मेलन कॉप27 के दौरान दो दिवसीय जलवायु क्रियान्वयन सम्मेलन का उदघाटन करते हुए, धनी और विकासशील देशों के बीच, क्षमताओं की एकजुटता के वास्ते एक ऐतिहासिक समझौते का आहवान किया है. उन्होंने साथ ही दुनिया को कार्बन उत्सर्जनों में कमी करने, ऊर्जा प्रणालियों में रूपान्तरकारी बदलाव लाने और जलवायु आपदा को टालने के रास्ते पर आगे बढ़ाने की पुकार भी लगाई है.
जलवायु परिवर्तन मामलों के लिये यूएन संस्थान (UNFCCC) के नए कार्यकारी सचिव साइमन स्टीएल ने रविवार को मिस्र के तटीय शहर शर्म अल-शेख़ में संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक जलवायु सम्मेलन (कॉप27) के उदघाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस आयोजन से विश्व को मानवता की विशालतम चुनौती से निपटने कि दिशा में आगे बढ़ाने में मदद मिलनी चाहिए. इस क्रम में उन योजनाओं को लागू किया जाना महत्वपूर्ण है जिन पर अतीत में सहमति बनी है.
संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों के एक समूह ने शुक्रवार को मिस्र सरकार से ये सुनिश्चित करने के लिये कहा कि वहाँ नवम्बर में होने वाले यूएन जलवायु सम्मेलन कॉप27 के दौरान, सिविल सोसायटी सुरक्षित और पूर्ण रूप से अपनी भागीदारी कर सके. इन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने सम्मेलन से पहले ही अनेक तरह की पाबन्दियों पर चिन्ता जताई है.
संयुक्त राष्ट्र का अगला जलवायु सम्मेलन कॉप27, मिस्र के शर्म-अल-शेख़ में होने वाला है, जिसके ऐजेण्डा को आकार देने की तैयारियों के सिलसिले में, काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य की राजधानी किंशासा में एक बैठक (प्री-कॉप) हो रही है. इसके मद्देनज़र, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को न्यूयॉर्क में पत्रकारों से कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने का कार्य भी, विश्व भर में जलवायु प्रभावों जितना ही विशाल है.