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Gaza: वोल्कर टर्क ने लगाई, 'भयावहता' से निकलने के राजनैतिक रास्ते की पुकार

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क, जिनीवा में प्रैस को सम्बोधित करते हुए.
UN Geneva/Daniel Johnson
यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क, जिनीवा में प्रैस को सम्बोधित करते हुए.

Gaza: वोल्कर टर्क ने लगाई, 'भयावहता' से निकलने के राजनैतिक रास्ते की पुकार

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने, फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में मानवीय युद्धविराम की पुकार लगाने वाले, सुरक्षा परिषद प्रस्ताव का स्वागत करते हुए, युद्धरत पक्षों से अपने हथियार डाल देने की सीधी अपील की है.

वोल्कर टर्क ने, गुरूवार को जिनीवा में प्रैस को सम्बोधित करते हुए बताया कि ग़ाज़ा में, डॉक्टरों को, रोते-बिलखते बच्चों के ऑपरेशन, ऐनिस्थीसिया के बिना ही करने पड़ रहे हैं, और रौशनी के लिए, मोबाइल फ़ोन से काम चलाना पड़ रहा है.

मानवाधिकार उच्चायुक्त ने, युद्धरत पक्षों से "इस भयावहता से बाहर निकलने के लिए राजनैतिक स्थान बनाने" का आग्रह किया.

वोल्कर टर्क ने पिछले पाँच सप्ताहों के भीषण टकराव में, आम लोगों को व्यापक रूप से निशाना बनाए जाने की निन्दा की और मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन के लिए जवाबदेही निर्धारित किए जाने का आग्रह किया.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि "अस्पतालों, स्कूलों, बाज़ारों और बेकरियों" पर किए गए हमलों के साथ-साथ "ग़ाज़ा पर लगाए गई इसराइली नाकाबन्दी और घेराबन्दी के मामले में" सामूहिक दंड, अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के तहत निषिद्ध है.

फ़लस्तीनी सशस्त्र समूहों द्वारा "इसराइल के दक्षिणी हिस्से में अन्धाधुन्ध गोले दागना", लोगों को बन्धक बनाना और "सैन्य अभियानों से स्थानों को बचाने के लिए नागरिकों का उपयोग करना" भी इसी श्रेणी में आता है.

उन्होंने कहा, "मैं हर उस नागरिक के पक्ष में हूँ, चाहे फ़लस्तीनी हों या इसराइली, जिन्हें नुक़सान हुआ है, या जो डर में जी रहे हैं."

युद्धविराम लागू हो, बिल्कुल अभी

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वोल्कर टर्क ने जिनीवा में सदस्य देशों और पत्रकारों को नवीनतम जानकारी देने के बाद, ग़ाज़ा पट्टी में भयावह मानवीय स्थिति का ज़िक्र करते हुए, ग़ाज़ा के अल शिफ़ा अस्पताल में, अनेक मरीज़ों की मौत को रेखांकित किया. 

उन्होंने साथ ही, ग़ाज़ा पट्टी में स्वास्थ्य सेवाओं पर ताबड़तोड़ हमलों में आई बढ़ोत्तरी का भी ज़िक्र किया. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, ग़ाज़ा पट्टी में, स्वास्थ्य सेवाओं पर 137 हमले दर्ज किए गए हैं.

यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने इसराइली बमबारी से मजबूर होकर, ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े की तरफ़ होने वाले विस्थापन और ज़मीन पर हो रही लड़ाई का भी ज़िक्र किया.

वोल्कर टर्क ने, युद्धक गतिविधियाँ रोकने से मानवीय सहायता कार्रवाई के लिए जगह बनेगी, जैसाकि सुरक्षा परिषद द्वारा बुधवार को पारित प्रस्ताव 2712 में आहवान किया गया है, और ये बहुत अहम है.

उन्होंने युद्धरत पक्षों से, सुरक्षा परिषद की पुकारों पर, तत्काल प्रभाव से अमल करने का आग्रह किया है.

सुरक्षा क्षेत्र ‘असमर्थनीय’

यूएन मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने, आपदा राहत समन्वयक मार्टिन ग्रिफ़िथ्स द्वारा, बुधवार को पेश की गई 10 बिन्दु योजना को भी समर्थन दिया, जिसमें सहायता ट्रकों, अस्पतालों, बेकरियों और जल परिशोधन संयंत्रों को ईंधन मुहैया कराने की तात्कालिक आवश्यकता को रेखांकित किया गया है.

वोल्कर टर्क ने, मार्टिन ग्रिफ़िथ्स की ही तर्ज़ पर आगाह किया कि तथाकथित “सुरक्षा क्षेत्र” असमर्थनीय है क्योंकि यह क्षेत्र, “भारी संख्या में ज़रूरतमन्द लोगों के लिए ना तो सुरक्षित हैं और ना ही सुलभ हैं.”

युद्धापराधों की जाँच

उन्होंने, न्याय और जवाबदेही की ज़रूरत के बारे में बात करते हुए कहा कि तमाम तरह के मानवाधिकार उल्लंघन के बारे दस्तावेज़ और आलेखन तैयार करना, एक लम्बी व अनिवार्य प्रक्रिया है. 

उन्होंने स्वतंत्र निगरानी के लिए, इसराइल और उसके क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र, दोनों में ही सुलभ पहुँच की महत्ता पर ज़ोर दिया.

वोल्कर टर्क ने कहा कि जहाँ देशों के राष्ट्रीय अधिकारी जाँच करने में अनुच्छुक या असमर्थ साबित होते हैं, और जहाँ कुछ विशिष्ट घटनाओं के बारे में भिन्न और विपरीत दृष्टिकोण होते हैं, वहाँ अन्तरराष्ट्रीय जाँच कराई जानी चाहिए.

युद्ध फैलाव का जोखिम

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने ज़ोर देकर कहा कि ये संकट, ग़ाज़ा की सीमाओं से भी परे तक फैला हुआ है, जहाँ इसराइल के क़ब्ज़े वाले पश्चिमी तट में भी स्थिति, सम्भावित रूप से विस्फोटक है क्योंकि वहाँ बसे हुए यहूदी नागरिक, फ़लस्तीनियों के ख़िलाफ़ हमले करते हैं और क़ानून लागू करने वाले अभियानों में, सैन्य साधनों का प्रयोग बढ़ रहा है.

यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने गत सप्ताह मध्य पूर्व क्षेत्र का दौरा किया है, जिसके दौरान उन्होंने बहुत से मध्यस्थकारों और जानकारों से बातचीत में सामने आए ये विचार साझा किए कि अगर मौजूदा स्थिति जारी रही तो, इस संकट के मध्य पूर्व क्षेत्र में अन्य इलाक़ों में भी फैल जाने का जोखिम है.

उन्होंने और अधिक ध्रुवीकरण के जाल में फँसने के विरुद्ध आगाह किया और ज़ोर दिया कि हम में से सभी को एक साझा धरातल और एक समाधान तलाश करने के लिए, जद्दोजहद करनी होगी.