वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

महिलाधिकारों पर भारी चोट के बीच, अफ़ग़ानिस्तान पर, दबाव बनाए रखने की अपील

अफ़ग़ानिस्तान में, कुछ महिलाएँ, एक जच्चा-बच्चा अस्पताल के बाहर अपनी बारी का इन्तज़ार करते हुए, जो देश में अपनी तरह का पहला अस्पताल है.
© UNICEF/Shehzad Noorani
अफ़ग़ानिस्तान में, कुछ महिलाएँ, एक जच्चा-बच्चा अस्पताल के बाहर अपनी बारी का इन्तज़ार करते हुए, जो देश में अपनी तरह का पहला अस्पताल है.

महिलाधिकारों पर भारी चोट के बीच, अफ़ग़ानिस्तान पर, दबाव बनाए रखने की अपील

मानवाधिकार

लैंगिक समानता के लिए सक्रिय संयुक्त राष्ट्र एजेंसी – UN Women की मुखिया ने मंगलवार को अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से, अफ़ग़ानिस्तान पर बदलाव के लिए दबाव जारी रखने का आग्रह किया है. यूएन महिला संस्था ने, देश में सत्तारूढ़ तालेबान पर, पूरे देश में, महिलाओं और लड़कियों पर बहुत दमनकारी, व्यवस्थित और अतुलनाय हमले करने का आरोप लगाया है.

यूएन वीमैन (UN Women) की कार्यकारी निदेशक सीमा बहौस ने, अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान के दोबारा सत्ता नियंत्रण के दो वर्ष पूरे होने के अवसर पर, एक वक्तव्य में ये अपील की है.

‘लैंगिक रंगभेद’

सीमा बहौस ने कहा है, “तालेबान ने, 50 से ज़्यादा न्यायादेशों, अन्य आदेशों व प्रतिबन्धों के माध्यम से, महिलाओं की ज़िन्दगी के किसी भी पहलू को अनछुआ नहीं छोड़ा है, कोई आज़ादी नहीं छोड़ी है. तालेबान ने, महिलाओं के व्यापक दमन के आधार पर एक ऐसी व्यवस्था बनाई है, जिसे सटीक और व्यापक रूप में, ‘लैंगिक रंगभेद’ (Gender apartheid) माना जा रहा है.”

Tweet URL

“मैं तालेबान से, अफ़ग़ानिस्तान के वर्तमान और भविष्य के लिए, इन गतिविधियों की क़ीमत का अन्दाज़ा लगाने का आग्रह करती हूँ.”

सीमा बहौस ने देश की महिलाओं व लड़कियों को, यूएन वीमैन संस्था के, अडिग और मज़बूत संकल्प को रेखांकित किया.

हिम्मत नहीं हारेंगी

उन्होंने कहा, “अफ़ग़ान महिलाओं ने मुझसे ये भी कहा है कि इन चुनौतियों के बावजूद वो हिम्मत नहीं हारने वाली हैं. वो अपने दमन के ख़िलाफ़ जद्दोजेहद करना जारी रखेंगी.”

सीमा बहौस ने कहा, “अफ़ग़ानिस्तान में बेहद ख़तरनाक हालात के बावजूद, महिलाएँ अपने मानवाधिकार हनन के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलन्द करती हैं, जीवनरक्षक सेवाएँ मुहैया कराती हैं, कारोबार चलाती है और महिलाओं के संगठनों का संचालन करती हैं. उनकी बहादुरी से हमें, और अधिक कार्रवाई करने व और भी अधिक दृढ़ संकल्प के लिए प्रेरणा लेनी चाहिए.”

दबाव जारी रहे

सीमा बहौस ने अफ़ग़ान महिलाओं के लिए और भी अधिक समर्थन की अपील की, जिसमें उनकी आवाज़ों, प्राथमिकताओं और सिफ़ारिशों को बुलन्द किए जाने से लेकर, उनकी ज़रूरत वाली सेवाओं को धन मुहैया कराकर और उनके व्यवसायों व संगठनों को समर्थन दिए जाने की अपील शामिल है.

उन्होंने कहा, “मैं अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से अफ़ग़ानिस्तान में बदलाव के लिए सभी सम्भव तरीक़े अपनाने और हर तरह का दबाव बनाने का आग्रह करती हूँ. इसमें मानवीय सहायता समुदाय की पुकारों को सुनना और अफ़ग़ानिस्तान के लिए मानवीय सहायता अपील को पूर्ण धन दान करने का आग्रह भी शामिल है.”

मानवाधिकारों को क़ायम रखें

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने इस मौक़े पर, अफ़ग़ानिस्तान में सत्तारूढ़ तालेबान प्रशासन को, सर्वजन के अधिकारों का सम्मान करने की ज़िम्मेदारी याद दिलाई है, जिनमें महिलाओं व लड़कियों के अधिकार भी शामिल हैं.

संयुक्त राष्ट्र का मानवाधिकार स्टाफ़, अफ़ग़ानिस्तान में, तमाम मानवाधिकार मुद्दों की निगरानी करने, उनके आलेखन और उनकी पैरोकारी करने का काम जारी रखे हुए, जिनमें बुनियादी आज़ादियाँ, सशस्त्र संघर्षों में आम लोगों का संरक्षण और बन्दियों के अधिकारों का मुद्दा शामिल है.

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय – OHCHR की प्रवक्ता लिज़ थ्रॉसेल ने, मंगलवार को जिनीवा में कहा, “हम इन मुद्दों पर देश के प्रशासन के साथ सम्पर्क क़ायम रखे हुए हैं और उन्हें अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून के तहत, उनकी ज़िम्मेदारियाँ याद दिला रहे हैं.”

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से, अफ़ग़ान लोगों की तकलीफ़ों को नहीं भुला देने का आग्रह किया है.