वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

महिलाएँ

कॉप28 में, लिंग मुद्दा व जलवायु विषय पर सोमवार को चर्चा के बाद, कुछ महिला हस्तियाँ तस्वीर खिंचाने के लिए एकत्र हुईं.
© COP28/Christophe Viseux

COP28: महिलाएँ और जलवायु पैरोकार, परिवर्तन के लिए हुए एकजुट

दुबई में चल रहे यूएन जलवायु सम्मेलन - COP28 के पैरोकारों ने सोमवार को कहा कि महिलाओं पर जलवायु परिवर्तन के असंगत प्रभावों का मुक़ाबला करने के लिए, निर्णयकर्ताओं को न केवल ऐसी अधिक नीतियाँ बनानी चाहिए जो उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करती हों, बल्कि महिलाओं के अद्वितीय ज्ञान और विशेषज्ञता को भी पहचानना चाहिए जिसका उपयोग प्रभावी जलवायु कार्रवाई का समर्थन करने के लिए किया जा सकता है.

ग़ाज़ा पट्टी के दक्षिणी इलाक़े में स्थित ख़ान यूनिस में अल नासिर अस्पताल में, महिलाएँ अपने परिजनों की मौत पर शोक सन्तप्त.
©UNICEF/UNI472270/Zaqout

ग़ाज़ा: हिंसा समाप्ति व बातचीत फिर शुरू किए जाने की अपील

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने, रविवार को कहा है कि फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में, युद्धक गतिविधियाँ फिर भड़कने और आम लोगों पर उनके अति विनाशकारी व हृदय विदारक प्रभावों ने, हिंसा को रोके जाने और एक दीर्घकालीन राजनैतिक समाधान की ज़रूरत को और भी प्रबल रूप में उजागर किया है.

यूएनवीमेन के प्रशिक्षण के ज़रिए, महिलाएँ अपने समुदायों में लैंगिक कुरीतियों के ख़िलाफ़ लड़ते हुए बदलाव लाने के प्रयास रही हैं.
UN Women/Ruhani Kaur

भारत: थोड़ा समर्थन, थोड़ा प्रशिक्षण, महिला सशक्तिकरण के लिए नई राह

सामने एक विशाल चुनौती, मगर कुछ समर्थन और कुछ प्रशिक्षण मिला तो खुल गया सफलता का एक रास्ता. भारत में संयुक्त राष्ट्र महिला संस्था (UNWomen), असम के चाय बागानों की महिला श्रमिकों को घरेलू हिंसा, जागरूकता व महिला सशक्तिकरण सहित, विभिन्न क़ानूनों एवं नीतियों पर प्रशिक्षण देकर, अपने समुदायों में लैंगिक कुरीतियों के ख़िलाफ़ लड़ाई में सक्षम बनाने के प्रयास कर रही है.

 

ग़ाज़ा में इसराइल के भीषण हमलों से बचने के लिए, बहुत से लोगों ने अल-क़ुद्स अस्पताल में पनाह ली. (2023)
WHO

ग़ाज़ा में महिलाओं व बच्चों के लिए, यूएन एजेंसियों की एकजुट अपील

संयुक्त राष्ट्र की तीन एजेंसियों की प्रमुखों ने, फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में, महिलाओं और लड़कियों द्वारा भुगती जा रही ग़ैर-आनुपातिक तकलीफ़ों को बुधवार को सुरक्षा परिषद में रेखांकित किया है. उन्होंने बेहद कमज़ोर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, एक सामूहिक कार्रवाई किए जाने और युद्ध की चपेट में आईं महिलाओं व लड़कियों के लिए दीर्घकालीन शान्ति के लिए प्रतिबद्धता का आग्रह भी किया है.

यूएन जनसंख्या कोष (UNFPA) का अनुमान है कि भारत के बिहार प्रदेश में, वर्ष 2022 में, 63 प्रतिशत लड़कियों का विवाह, 18 वर्ष की उम्र से पहले ही कर दिया गया था.
UNICEF/Vishwanathan

भारत: रूढ़िवादिता की बेड़ियाँ तोड़ती, रौशनी परवीन

भारत की 24 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता रौशनी परवीन, बाल विवाह की पीड़िता रहीं हैं और अब इस प्रथा के विरुद्ध अभियान चलाती हैं. रौशनी परवीन, शान्ति एवं सुलह पर केन्द्रित, वर्ष 2023 के युवा कार्यकर्ता सम्मेलन (जिनीवा) के विजेताओं में शामिल हैं. रौशनी परवीन की अनेक दोस्तों की तरह हीउनका विवाह भीकेवल 13 साल की उम्र में कर दिया गया था. रौशनी परवीन कोअपने पति से अलग होने का निर्णय लेने परअपने परिवार की कड़ी आलोचना का सामना करना पडा. रौशनी परवीन अब बाल विवाह के सम्भावित जोखिम का सामना करने वाली लड़कियों की पहचान करकेउन्हें जागरूक बनाने के प्रयास करती हैं. एक वीडियो.

इंडोनेशिया की पुलिस प्रथम सारजेंट रेनिता रिसमयन्ती को वर्ष 2023 के, यूएन शान्तिरक्षा के, महिला पुलिस अधिकारी पुरस्कार के लिए चुना गया है.
© Herve Serefio

इंडोनेशियाई शान्तिरक्षक को, ‘यूएन महिला पुलिस अधिकारी’ पुरस्कार

मध्य अफ़्रीकी गणराज्य में यूएन शान्तिरक्षा मिशन (MINUSCA) में सेवारत, इंडोनिशियाई शान्तिरक्षक रेनिता रिसमयन्ती को, इस वर्ष के प्रतिष्ठित, महिला पुलिस अधिकारी पुरस्कार के लिए चुना गया है.

फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में, एक फ़लस्तीनी शरणार्थी परिवार, यूएन राहत एजेंसी के शिविर में पनाह लिये हुए.
©UNRWA Photo/Mohamed Hinnawi

ग़ाज़ा: 'मौत से लड़कर' बच्चों को जन्म देने की तैयारी

इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र - ग़ाज़ा में लगभग साढ़े पाँच हज़ार गर्भवती महिलाएँ कुछ ही सप्ताहों के दौरान, बच्चों को जन्म देने वाली हैं. क्षमता से अधिक मरीज़ों का इलाज़ कर रहे अस्पताल, पहले से ही अत्यधिक दबाव में हैं. ऐसे में, भीड़ भरे अस्पतालों में डॉक्टर, या तो कम, या बिना ऐनिस्थीसिया (बेहोश करने की दवा), या फिर केवल मोबाइल फ़ोन की रौशनी में ही प्रसव कराने के लिए मजबूर हैं.

यूएन उप महासचिव आमिना जे मोहम्मद, सऊदी अरब के जेद्दाह शहर में आयोजित, इस्लाम में महिलाएँ नामक विषय पर अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए.
UN Saudi Arabia/Shady Ahmed Tantwe

इस्लाम में महिलाएँ: शिक्षा, सशक्तिकरण और शान्ति पर कार्रवाई की पुकार

संयुक्त राष्ट्र उप महासचिव आमिना मोहम्मद ने सोमवार को सऊदी अरब में कहा कि इस्लामी सभ्यता में महिलाओं के असाधारण योगदान के बावजूद, अनेक देशों में महिलाएँ अब भी पीछे हैं.

भारत के गुजरात राज्य में महिला नेताओं की एक बैठक.
© UN Women/Gaganjit Singh

वैश्विक शान्ति व सुरक्षा में महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए, ठोस क़दम उठाए जाने की दरकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सुरक्षा परिषद में ‘महिलाएँ, शान्ति व सुरक्षा’ विषय पर प्रस्ताव 1325 पर बुधवार को चर्चा के दौरान कहा कि पिछले वर्ष 18 शान्ति समझौतों पर सहमति बनी, मगर केवल एक समझौते पर ही महिलाओं के किसी समूह या संगठन के प्रतिनिधि द्वारा हस्ताक्षर किए गए.

गैंबियन स्कूली छात्राओं ने प्रजनन और माहवारी के बारे में जानकारी.
UNFPA

महिलाओं के यौन व प्रजनन अधिकार, अभी एक अपूर्ण एजेंडा

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने, महिलाओं के यौन व प्रजनन स्वास्थ्य अधिकारों की प्राप्ति के अपूर्ण एजेंडा पर प्रगति दर्ज किए जाने की पुकार लगाई है. उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय जनसंख्या और विकास सम्मेलन (ICPD) की 30वीं वर्षगाँठ पर गुरूवार को जिनीवा में आयोजित एक कार्यक्रम में यह आहवान किया है.