UNFPA: सूडान के संघर्षरत इलाक़ों में मातृ स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्रयास
यूएन प्रजनन स्वास्थ्य एजेंसी – UNFPA ने, पोर्ट सूडान के एक मात्र प्रसूति अस्पताल में, विस्थापित गर्भवती महिलाओं के लिए, विभिन्न चिकित्सा सेवाएँ मुहैया कराने के प्रयास किए हैं.
सूडान में सशस्त्र सेना और त्वरित समर्थन बल (RSF) के बीच चल रहे संघर्ष को तीन महीने पूरे हो गए हैं.
इस संघर्ष में अब तक 21 लाख से अधिक आन्तरिक रूप से विस्थापित हुए हैं, और लगभग 6 लाख 30 हज़ार लोगों ने पड़ोसी देशों में शरण ली है.
यूएनएफ़पीए का अनुमान है कि सूडान में प्रजनन आयु की 26 लाख 40 हज़ार महिलाओं को मानवीय सहायता की आवश्यकता है.
इनमें दो लाख, 62 हज़ार 800 ऐसी महिलाएँ हैं, जो वर्तमान में गर्भवती हैं.
अगले तीन महीनों के दौरान ऐसी उम्मीद है कि 90 हज़ार से अधिक महिलाएँ, हिंसा, भय और अराजकता के माहौल में ही, अपने बच्चों को जन्म देंगी.
इन सभी के लिए प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच, बेहद महत्वपूर्ण है.
अप्रैल में लड़ाई शुरू होने के बाद से, संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में 60 प्रतिशत से अधिक स्वास्थ्य सुविधाओं को बन्द करना पड़ा है. प्रसूति देखभाल, बलात्कार के बाद के उपचार समेत, ख़ारतूम, दक्षिण और पश्चिम क्षेत्रों में गर्भ निरोधकों, व जीवनरक्षक आपूर्ति अभी भी पहुँच से बाहर है.
मानवीय पहुँच की कमी का असर, राहत सहायता वितरण पर भी पड़ रहा है, और स्वास्थ्य सेवाओं में दवाओं की गम्भीर कमी है.
सुरक्षा सेवाएँ ध्वस्त हो चुकी हैं और संकट के कारण, 40 लाख से अधिक महिलाएँ व लड़कियाँ, लिंग आधारित हिंसा के जोखिम में हैं.
महिलाओं और लड़कियों के साथ, घरों में बलात्कार एवं यौन दुर्व्यवहार की ख़बरें आ रही हैं, और उन्हें सूडान के भीतर और बाहर, सुरक्षा की ज़रूरत है.
बहुत सी महिलाएँ और लड़कियाँ, खुले स्थानों में या अस्थाई आश्रय स्थलों में सोने के लिए विवश हैं, जिससे उन्हें हिंसा का अधिक ख़तरा रहता है.
दारफ़ूर जैसे इलाक़ों में, पानी, भोजन और आवश्यक संसाधनों के लिए भारी खींचतान जारी है.
UNFPA को, महिलाओं व लड़कियों तक महत्वपूर्ण प्रजनन स्वास्थ्य और सुरक्षा सेवाएँ पहुँचाने के लिए, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
इन हालात में, पोर्ट सूडान के इस प्रसूति अस्पताल में, UNFPA और उसकी सहयोगी एजेंसियाँ, सुरक्षित रूप से जन्म देने में, विस्थापित महिलाओं की मदद करने के लिए प्रयासरत हैं.