प्रसव

ग्वाटेमाला में एक गर्भवती महिला के स्वास्थ्य की जाँच की जा रही है.
© UNICEF/Patricia Willocq

गर्भावस्था या प्रसव के दौरान, हर दो मिनट में एक महिला की मौत

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने आगाह किया है कि मातृत्व स्वास्थ्य में बेहतरी के लिए जारी प्रयासों को झटका लगा है, और हर दो मिनट में गर्भावस्था या प्रसव के दौरान एक महिला की मौत हो रही है. गुरूवार को जारी एक नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, विश्व के लगभग सभी क्षेत्रों में मातृत्व मौतों की संख्या में या तो वृद्धि हुई है या फिर ये संख्या हर जगह उसी स्तर पर बनी हुई हैं.

कम्बोडिया के एक अस्पताल में एक गर्भवती महिला की देखभाल की जा रही है.
World Bank/Chhor Sokunthea

प्रसव के दौरान बुरा बर्ताव, 'स्वास्थ्य देखभाल व मानवाधिकार समस्या'

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और मानव प्रजनन कार्यक्रम (HRP) का एक नया अध्ययन दर्शाता है कि विश्व भर में महिलाओं को प्रसव के दौरान बुरे बर्ताव का सामना करना पड़ता है, जोकि अस्वीकार्य है.

यूएन जनसंख्या कोष की कार्यकारी निदेशक डॉक्टर नतालिया कानेम (बाएँ) यमन के एक अस्पताल में एक मरीज़ से बातचीत कर रही हैं.
© UNFPA Yemen

संकटग्रस्त क्षेत्रों में प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं के लिये, 83 करोड़ डॉलर की अपील  

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) ने कहा है कि मौजूदा दौर में, जीवनरक्षक यौन व प्रजनन स्वास्थ्य सेवाएँ पहले से कहीं ज़्यादा अहम हो गई हैं. यूएन एजेंसी ने इन हालात के मद्देनज़र, वर्ष 2022 में, संकटपूर्ण हालात में जीवन गुज़ारने वाले लोगों को सहारा देने के लिये, 83 करोड़ 50 लाख डॉलर की एक मदद अपील जारी की है.

राजधानी जयपुर से दूर स्थित होने के कारण, जैसलमेर में विशेष रूप से माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवा स्तर पर विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है.
ARVIND JODHA/UNFPA INDIA

बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिये समन्वित प्रयास

जैसलमेर, भारत के राजस्थान राज्य का सबसे बड़ा ज़िला है, मगर यहाँ स्वास्थ्य ज़रूरतों को पूरा करने, विशेषकर मातृत्व व प्रसव सम्बन्धी सेवाओं के लिये विशेषज्ञों की कमी एक बड़ी चुनौती रही है. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) ने वर्ष 2013 में महिला स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये ज़िला प्रशासन व राज्य स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर प्रयास किये, जिसके सकारात्मक नतीजे दिखाई दिये हैं. इस क्षेत्र में हुई प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अधिकारियों व स्वास्थ्यकर्मियों से एक मुलाक़ात....

यमन के एक अस्पताल में एक दाई ने नवजात शिशु को अपनी गोद में लिया हुआ है.
UNFPA Yemen

ख़ुद की ज़िन्दगी जोखिम में डाल, नन्हीं जानों को दुनिया में लाती दाइयॉं

संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को ‘अन्तरराष्ट्रीय दाई दिवस’ पर सभी देशों की सरकारों व साझीदार संगठनों से इन अहम स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा व स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिये हरसम्भव उपाय किये जाने की पुकार लगाई है. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) की प्रमुख नतालिया कनेम ने कहा है कि कोविड-19 के कारण कठिन परिस्थितियों में भी दाइयॉं गर्भवती महिलाओं, माताओं व नवजात शिशुओं को मूल्यवान सेवाएँ मुहैया करा रही हैं.   

मंगोलिया के उलानबाटर के एक स्वास्थ्य केंद्र में एक माँ अपने नवजात शिशु के साथ. (4 सितंबर 2015)
UNICEF/Jan Zammit

प्रसव के दौरान महिलाओं के साथ हुआ दुर्व्यवहार

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का एक नया अध्ययन दर्शाता है कि निम्न आय वाले चार देशों में कराए गए सर्वे में शामिल लगभग एक तिहाई महिलाओं ने बताया कि प्रसव के दौरान उनके साथ दुर्यवहार किया गया. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए रणनीति का ख़ाका भी साझा किया है. घाना, गिनी, म्यांमार और नाईजीरिया से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर यह अध्ययन ‘द लांसेट’ सायंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है.

बांग्लादेश के कॉक्सेस बाज़ार के एक स्वास्थ्य केंद्र पर एक बच्चे को टीका लगाती स्वास्थ्यकर्मी.
UNICEF/Brown

प्रसव के दौरान मौतों के मामलों में गिरावट लेकिन चुनौती बरक़रार

संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं और बच्चों की मौतों के मामलों में पिछले दो दशकों के दौरान बड़ी गिरावट दर्ज की गई है लेकिन अब भी हर 11 सेकेंड में एक गर्भवती महिला या उसके शिशु की मौत होती है. अधिकांश मौतें जिन कारणों से होती हैं उनकी रोकथाम की जा सकती है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वर्ष 2000 की तुलना में स्थिति में सुधार सुलभ और क़िफ़ायती स्वास्थ्य सेवाओं के ज़रिए संभव हो पाया है.