लड़कियाँ

स्कूली पढ़ाई रुक जाने के बाद एक अफ़ग़ान लड़की अपने पिता की मदद से घर पर पढ़ाई कर रही है.
© UNICEF/Munir Tanwee/Daf recor

अफ़ग़ानिस्तान: स्कूलों में लड़कियों की पढ़ाई पर रोक बरक़रार, 'सपने बिखरे'

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसैल ने अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान प्रशासन से, नया स्कूल-सत्र आरम्भ होने पर माध्यमिक स्कूलों में लड़कियों की वापसी सुनिश्चित किए जाने का आग्रह किया है. उन्होंने आगाह किया है कि स्कूलों में लड़कियों की अनुपस्थिति से उनके मानसिक स्वास्थ्य, उनके स्वास्थ्य-कल्याण और भविष्य पर भयावह असर हुआ है.

बाएँ से: चैंटल नियोनकुरु; सिज़ोलवेथु मफंगा और मरियम सईद मुहम्मद.
Photos courtesy of the subjects

‘कोडिंग पहल’ के ज़रिए, बेहतर भविष्य के लिए डिजिटल कौशल का निर्माण

संयुक्त राष्ट्र महिला संस्था (UN Women) व भागीदारों द्वारा 2018 में शुरू किए गए AGCCI कार्यक्रम के ज़रिए, सम्पूर्ण अफ़्रीका में लड़कियों को डिजिटल साक्षरता प्रदान करके, कम्प्यूटर एवं तकनीकी करियर की दिशा में आगे बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

भारत के बिहार राज्य के गाँव की कुछ महिलाएँ, एक सामुदायिक बैठक के लिए एकत्रित हुई हैं.
UN Women

CSW: 1946 से महिला अधिकारों की पैरवी के लिए प्रयासरत

महिलाओं की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र आयोग यानि CSW में हर साल मार्च में, व्यापक असमानताओं, हिंसा और भेदभाव जैसे उन सभी मुद्दों पर चर्चा होती है, जिनका सामना आज भी, दुनिया भर की महिलाएँ कर रही हैं. यहाँ प्रस्तुत है - इसी उच्च-स्तरीय संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम की पाँच-सूत्रीय जानकारी.

आठ बच्चों की इस माँ को, अफ़ग़ानिस्तान के बदख्शां प्रांत में अपने बच्चों का पेट भरने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है.
© UNICEF/Mark Naftalin

अफ़ग़ानिस्तान में गम्भीर मानवीय संकट बरक़रार

संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन और आर्थिक मन्दी से, अफ़ग़ानिस्तान में संकट और गहरा होता जा रहा है. उन्होंने कहा कि लड़कियों को स्कूली कक्षाओं में वापस लाने की दिशा में भी कोई "उत्साहजनक प्रगति" नहीं हुई है.

अमेरिकी की मिज़ूरी युनिवर्सिटी में छात्राएँ अपने बनाए हुए रोबोट का परीक्षण कर रही हैं.
© Missouri S&T/Michael Pierce

विज्ञान में अधिक संख्या में महिलाएँ व लड़कियाँ, बेहतर विज्ञान के समान, यूएन प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ‘विज्ञान में महिलाओं व लड़कियों के अन्तरराष्ट्रीय दिवस’ पर, इस क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं की संख्या बढ़ाने और लड़कियों को हरसम्भव समर्थन देने की पुकार लगाई है ताकि वे भी भविष्य में विज्ञान जगत में अपनी ज़्यादा उपस्थिति दर्ज करा सकें.

अफ़ग़ानिस्तान के नूरिस्तान प्रान्त के एक हाई स्कूल में, कुछ छात्राएँ अपनी कक्षा में बैठे हुए. तालेबान के शासन में लड़कियों की शिक्षा पर अनेक तरह की पाबन्दियाँ लगी हैं.
© UNICEF/Sayed Bidel

अफ़ग़ानिस्तान: 'तालेबान द्वारा महिला अधिकारों के उल्लंघन के ख़िलाफ़ सुरक्षा परिषद की एकता अनिवार्य'

अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि रोज़ा ओटुनबायेवा ने शुक्रवार को कहा है कि देश में महिलाओं और लड़कियों के बुनियादी अधिकारों को लुप्त करने वाली तालेबान की नीतियों का विरोध करने के लिए सुरक्षा परिषद को एकजुट होना होगा.

संयुक्त राष्ट्र की प्रजनन स्वास्थ्य एजेंसी - UNFPA, केनया में महिला जननांग विकृति (FGM), को ख़त्म करने के लिये भी सहायता करती है.
© UNFPA/Georgina Goodwin

संकट प्रभावित महिलाओं व लड़कियों की मदद के लिये, 1.2 अरब डॉलर की अपील

संयुक्त राष्ट्र की यौन व प्रजनन स्वास्थ्य एजेंसी – UNFPA ने, दुनिया भर में बढ़ती मानवीय ज़रूरतों के मद्देनज़र, महिलाओं, लड़कियों और सघर्ष व अशान्ति से प्रभावित 65 देशों में युवजन की सहायता करने के लिये, मंगलवार को 1.2 अरब डॉलर की धनराशि जुटाने के लिये, सहायता अपील जारी की है.

यूएन महासभा के हॉल में महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के सम्बोधन के दौरान बैठक स्थल का एक दृश्य.
UN Photo/Cia Pak

‘समावेशी, न्यायोचित और शान्तिपूर्ण’ विश्व के लिये, शिक्षा में रूपान्तरकारी बदलाव की दरकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शिक्षा में रूपान्तरकारी बदलाव लाने पर केन्द्रित शिखर बैठक के समापन दिवस पर अपने सम्बोधन में आगाह किया है कि शिक्षा एक गहरे संकट से जूझ रही है, जिससे निपटने के लिये मौजूदा शिक्षा प्रणालियों को 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप और समावेशी व न्यायसंगत बनाया जाना होगा. 

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल के नवाबाद ज़िले में, एक अफ़ग़ान लड़की
© UNICEF/Mohammad Haya Burhan

अफ़ग़ानिस्तान की महिलाओं व लड़कियों के लिये यूएन एजेंसियों की प्रतिबद्धता

संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों ने सोमवार को कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान के एक साल के शासन के दौरान महिलाओं और लड़कियों की ज़िन्दगियों के हालात बहुत ख़राब हुए हैं, जिससे मानवाधिकारों के तमाम क्षेत्र प्रभावित हुए हैं. यूएन एजेंसियों ने तालेबान शासन के एक साल बाद, देश की महिलाओं और लड़कियों को अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है.

अफ़ग़ानिस्तान के कन्दाहार में एक स्वास्थ्य क्लीनिक में प्रतीक्षा करती कुछ महिलाएँ
© UNICEF/Alessio Romenzi

अफ़ग़ानिस्तान: 'मानवाधिकारों में सुधार के बिना, भविष्य स्याह'

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा है कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को अफ़ग़ानिस्तान में सत्ता पर क़ाबिज़ अधिकारियों (तालेबान) को बुनियादी मानवाधिकार सिद्धान्तों का पालन करने का आग्रह करने के लिये अपने प्रयास बहुत तेज़ी से बढ़ाने की दरकार है.