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सीरिया व अन्य संकटग्रस्त क्षेत्रों के लिए निरन्तर समर्थन की पुकार

सीरिया में विस्थापित कुछ बच्चे, एक अस्थाई शिविर में.
© UNICEF/Hasan Belal
सीरिया में विस्थापित कुछ बच्चे, एक अस्थाई शिविर में.

सीरिया व अन्य संकटग्रस्त क्षेत्रों के लिए निरन्तर समर्थन की पुकार

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता समन्वयक मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने शुक्रवार को, व्यापक दायरे वाली एक प्रैस वार्ता में, सीरिया के लिए सहायता जारी रखने, यूक्रेन और रूसी अनाज को, युद्ध के बावजूद वैश्विक बाज़ारों तक पहुँचाने के लिए निर्यात जारी रखने की ज़रूरतों पर ज़ोर दिया.

संयुक्त राष्ट्र के आपदा राहत प्रमुख, यूएन मुख्यालय में शुक्रवार को पत्रकारों से ऐसे समय में बात कर रहे थे, जब यूक्रेन व रूस की सामग्रियों के निर्यात सम्बन्धी पहल और सीरिया के पश्चिमोत्तर हिस्से में सहायता की अनुमति देने वाले जीवनरक्षक समझौतों की अवधि, अगले कुछ दिनों के दौरान समाप्त होने वाली है.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) जैसे देशों में लिंग आधारित हिंसा पर चिन्ता व्यक्त की और सूडान में जारी संकट के मामले में आशा के अभाव को भी रेखांकित किया.

सीरिया के लिए सीमा-पार सहायता समझौता

सीरिया का पश्चिमोत्तर इलाक़ा, देश में विपक्ष के नियंत्रण में अन्तिम क्षेत्र बचा है. उस इलाक़े में एक ऐसी सीमा-पार व्यवस्था के माध्यम से सहायता मुहैया कराई जा रही है, जिसे यूएन सुरक्षा परिषद ने पहली बार वर्ष 2014 में मंज़ूर किया था.

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मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा कि इस प्रस्ताव के तहत सीमा-पार सहायता के प्रावधान को आगे बढ़ाने के लिए वार्ताएँ अन्तिम अवस्था में हैं.

उन्होंने कहा, “मेरा ख़याल है कि हम, उस समाधान के नवीनीकरण के लिए निर्णय-बिन्दु से, केवल तीन दिन दूर हैं, और इसके बारे में हम सभी बहुत स्पष्ट हैं.” 

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने सीरिया के लिए और ज़्यादा मानवीय सहायता सुनिश्चित करने की ज़रूरत को भी रेखांकित किया, जहाँ एक दशक से भी लम्बी अवधि के युद्ध के कारण, 90 प्रतिशत आबादी, निर्धनता रेखा के नीचे जीवन जी रही है.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने काला सागर अनाज निर्यात पहल का भी ज़िक्र किया, जिस पर जुलाई 2022 में, संयुक्त राष्ट्र व तुर्कीये की मध्यस्थता से, रूस और यूक्रेन ने हस्ताक्षर किए थे.

अनाज निर्यात पहल की अवधि

काला सागर अनाज निर्यात पहल के तहत, यूक्रेनी अनाज व अन्य खाद्य सामग्रियों की लाखों टन मात्रा का निर्यात किया गया है. 

इसी तरह की व्यवस्था रूसी खाद्य व उर्वरक सामग्रियों के निर्यात के लिए है. इस पहल की अवधि जुलाई के मध्य में समाप्त होने वाली है और रूस बार-बार कहता रहा है कि उसे इस समझौते में बने रहने का कोई कारण नज़र नहीं आता है.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शुक्रवार को एक वक्तव्य में, इन समझौतों के पूर्ण और निरन्तर क्रियान्वयन की महत्ता को दोहराया है.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कहा, “दुनिया ने काला सागर पहल का मूल्य देखा है. तो ये कुछ ऐसी बात है, जिसे नज़रअन्दाज़ नहीं किया जा सकता.”

सूडान में कोई आशा नहीं

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स, सूडान मुद्दे पर इस सप्ताहान्त होने वाली एक बैठक में शिरकत करने के लिए, इथियोपिया के लिए रवाना होंगे. ग़ौरतलब है कि सूडान में प्रतिद्वन्द्वी सेनाओं के बीच युद्ध ने, मध्य अप्रैल के बाद से लगभग 30 लाख लोगों को विस्थापित कर दिया है.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा, “सुडान एक ऐसी सुर्ख़ी है जिसमें बीते कुछ सप्ताहों के दौरान कोई बेहतर नहीं आई है.”

लिंग आधारित हिंसा

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में लिंग आधारित हिंसा के मुद्दे पर भी अपनी राय रखी, और इस मुद्दे को, देश में बहुत ही गम्भीर त्रासदियों में से एक क़रार दिया.

उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि अगर मौजूदा दर पर ही घटनाएँ जारी रहीं, तो इस वर्ष मामलों की संख्या सवा लाख तक पहुँच सकती है.

उन्होंने कहा कि हमें इस मुद्दे पर गहरी रौशनी डालनी होगी क्योंकि ऐसा केवल डीआरसी में नहीं हो रहा है. “यूएन महासचिव इस सन्दर्भ में हेती के बारे में भी बोल चुके हैं. ये सूडान में भी हो रहा है. मगर मुझे, महिलाओं व लड़कियों के लिए, पुरुष की अमानवीय प्रकृति के बारे में डीआरसी की तस्वीर अधिक भयावह नज़र आती है.”

जलवायु परिवर्तन

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने जलवायु परिवर्तन का ज़िक्र करते हुए, हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका में, पाँच वर्ष से लगातार बारिश नहीं होने के कारण पड़े असाधारण सूखे की तरफ़ ध्यान दिलाया.

सीरिया व तुर्कीये में फ़रवरी 2023 में आए भूकम्प, और पाकिस्तान में 2022 के दौरान आई ऐतिहासिक और भीषण बाढ़ से हुई तबाही के हालात में, मानवीय सहायता जारी है.

उन्होंने कहा कि मानवीय सहायता कर्मियों ने संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन सम्मेलनों (COPs) में अपनी सक्रियता बढ़ाई है, जिनमें से नवीनतम सम्मेलन, इस वर्ष नवम्बर में संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित होगा.