वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

लैंगिक हिंसा

यूएन विशेषज्ञ के अनुसार, लैंगिक कारणों से महिलाओं व लड़कियों को जान से मारने की घटनाएँ अब एक वैश्विक महामारी का रूप ले रही हैं.
© Unsplash/Mika Baumeister

'वैश्विक महामारी' का रूप ले रही है, लैंगिक वजहों से महिलाओं को जान से मारने की घटनाएँ

संयुक्त राष्ट्र के एक स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ ने आगाह किया है कि लैंगिक कारणों से महिलाओं व लड़कियों को जान से मार दिए जाने (femicide) का प्रकोप विश्व भर में फैल रहा है, और सदस्य देश लैंगिक हिंसा के पीड़ितों की रक्षा करने के दायित्व में विफल साबित हो रहे हैं.

सीरिया में विस्थापित कुछ बच्चे, एक अस्थाई शिविर में.
© UNICEF/Hasan Belal

सीरिया व अन्य संकटग्रस्त क्षेत्रों के लिए निरन्तर समर्थन की पुकार

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता समन्वयक मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने शुक्रवार को, व्यापक दायरे वाली एक प्रैस वार्ता में, सीरिया के लिए सहायता जारी रखने, यूक्रेन और रूसी अनाज को, युद्ध के बावजूद वैश्विक बाज़ारों तक पहुँचाने के लिए निर्यात जारी रखने की ज़रूरतों पर ज़ोर दिया.

अफ़ग़ानिस्तान में, अगस्त 2021 में तालेबान की सत्ता वापसी के बाद, महिलाओं और लड़कियों की ज़िन्दगी में तूफ़ान आ गया है.
Sayed Habib Bidel/UNWomen

तालेबान द्वारा महिलाओं के मानवाधिकार उल्लंघन, माने जा सकते हैं - मानवता के विरुद्ध अपराध

संयुक्त राष्ट्र के 11 स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में सत्ताधीन तालेबान शासकों द्वारा महिलाओं और लड़कियों को निशाना बनाने की नवीनत गतिविधियों की जाँच, लैंगिक प्रताड़ना के रूप में की जानी चाहिए.

महिलाओं व लड़कियों के विरुद्ध हिंसा का उन्मूलन करने के लिए, UNiTE अभियान के तहत ग्वाटेमाल सिटी में एक दीवार पर चित्रकारी.
UN Women/Carlos Rivera

‘महिलाओं के विरुद्ध हिंसा का अन्त करना होगा’ यूएन एजेंसियाँ

संयुक्त राष्ट्र की 11 विभिन्न एजेंसियों ने शुक्रवार को, महिलाओं के विरुद्ध हिंसा (VAWG) का उन्मूलन करने के अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर कहा है कि ये हिंसा ना केवल भेदभाव के भीषणतम रूपों में से एक है, बल्कि ये दुनिया भर में सर्वाधिक व्यापक और लगातार मानवाधिकार उल्लंघनों में से एक बनी हुई है.

यूएन जनसंख्या कोष (UNFPA) की वर्ष 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग आधी महिलाएँ अपने शरीरों पर अधिकार से वंचित हैं.
© UNICEF/Richard Humphries

करोड़ों महिलाएँ अन्य लोगों द्वारा नियंत्रित जीवन जीने को विवश

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 57 देशों में, तकरीबन आधी महिलाओं को, अपनी स्वास्थ्य देखभाल, गर्भ निरोधक प्रयोग करने या नहीं करने, या यौन जीवन के बारे में अपनी पसन्द से फ़ैसले करने की शक्ति हासिल नहीं है. 

मेजर सुमन गवानी (बाएँ); कमान्डर कार्ला मोन्तिएरो डे कास्त्रो अराउजो (दाएँ).
UNMISS/MINUSCA/Hervé Serefio

ब्राज़ील और भारत की महिला शान्तिरक्षकों को साझा रूप से पुरस्कार

लैंगिक समानता पर उत्कृष्ट कार्य के लिए भारतीय और ब्राज़ीलियाई महिला शान्तिरक्षकों को वर्ष 2019 के लिए संयुक्त रूप से 'यूएन मिलिट्री जैन्डर एडवोकेट ऑफ़ द ईयर' अवॉर्ड से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई है. ब्राज़ील की नौसैनिक अधिकारी कमान्डर कार्ला मोन्तिएरो डे कास्त्रो अराउजो मध्य अफ़्रीका गणराज्य में यूएन मिशन (MINUSCA) में कार्यरत हैं और भारतीय सेना में मेजर सुमन गवानी दक्षिण सूडान के यूएन मिशन (UNMISS) में सैन्य पर्यवेक्षक के तौर पर ज़िम्मेदारी संभाल चुकी हैं.

संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव आमिना जे मोहम्मद (बाएँ) अफ़ग़ानिस्तान की प्रथम महिला रूला ग़नी से काबुल में मुलाक़ात करते हुए (20 जुलाई 2019)
Fardin Waezi / UNAMA

अफ़ग़ान शांति में महिलाओं की केंद्रीय भूमिका ज़रूरी

संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव आमिना जे मोहम्मद ने रविवार को एक  ज़ोरदारअपील जारी करते हुए कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में सभी पक्षों को अतीत की तकलीफ़ों और मतभेदों को भुलाकर सुलह करनी चाहिए और देश में शांति स्थापना के प्रयासों में महिलाओं को भी अहम भूमिका देनी चाहिए. आमिना मोहम्मद ने संक्षिप्त अफ़ग़ान यात्रा के दौरान रविवार को ये भी कहा कि एक ऐसी राजनैतिक प्रक्रिया क़ायम की जाए जिसमें सभी की भागीदारी हो, ख़ासतौर से महिलाओं की आवाज़ को वास्तविक रूप में प्रमुख जगह मिले.