वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

यूक्रेन: एक महीने से युद्ध जारी, बच्चों की आधी आबादी विस्थापित

यूक्रेन की सीमा पार करके परिवारों ने पोलैण्ड में शरण ली है.
© UNICEF/Tom Remp
यूक्रेन की सीमा पार करके परिवारों ने पोलैण्ड में शरण ली है.

यूक्रेन: एक महीने से युद्ध जारी, बच्चों की आधी आबादी विस्थापित

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने कहा है कि यूक्रेन में एक महीने से जारी युद्ध के कारण 43 लाख बच्चे विस्थापन का शिकार हुए हैं, जोकि देश में कुल 75 लाख बच्चों की आधी से अधिक आबादी है. इनमें 18 लाख बच्चों ने शरणार्थियों के तौर पर यूक्रेन के पड़ोसी देशों में शरण ली है, जबकि 25 लाख बच्चे घरेलू विस्थापित हैं.

यूएन एजेंसी की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसैल ने, यूक्रेन में युद्ध का एक महीना पूरा होने पर कहा, “इस युद्ध की वजह से, दूसरे विश्व युद्ध के बाद से अब तक, बच्चों के लिये सबसे तेज़ी से व्यापक स्तर पर विस्थापन हुआ है.” 

“यह एक दुखद पड़ाव है, जिसके आने वाली पीढ़ियों के लिये लम्बे समय तक जारी रहने वाले दुष्परिणाम हो सकते हैं. बच्चों की सुरक्षा, कल्याण और अति-आवश्यक सेवाओं की सुलभता, सभी निरन्तर जारी भयावह हिंसा के कारण ख़तरे में हैं.”

Tweet URL

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के अनुसार, 24 फ़रवरी को शुरू हुए युद्ध के बाद से अब तक, यूक्रेन में 78 बच्चों की मौत हुई है और 105 घायल हुए हैं.

इसके बावजूद, ये आँकड़े संयुक्त राष्ट्र द्वारा पुष्ट ख़बरों के आधार पर ही तैयार हुए हैं और वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक होने की आशंका है.   

यूएन एजेंसी के मुताबिक़, युद्ध का नागरिक प्रतिष्ठानों और बेहद ज़रूरी सेवाओं पर भी विनाशकारी असर पड़ा है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बताया है कि पिछले चार सप्ताह के दौरान, देश भर में स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों पर 52 हमले हुए हैं.

यूक्रेन के शिक्षा एवं विज्ञान मंत्रालय ने कहा है कि 500 से अधिक शिक्षण केंद्रों को नुक़सान पहुँचा है.

बुनियादी सेवाओं पर असर

एक अनुमान के अनुसार 14 लाख बच्चों के लिये सुरक्षित जल सुलभ नहीं है, और 46 लाख बच्चों को जल की या तो सीमित उपलब्धता है या फिर उसकी आपूर्ति कट जाने का जोखिम है. 

छह से 23 महीने की आयु के साढ़े चार लाख से अधिक बच्चों को पूरक आहार समर्थन की आवश्यकता है. 

यूनीसेफ़ ने नियमित टीकाकरण और बाल्यावस्था में ख़सरा, पोलियो समेत अन्य प्रकार के टीकाकरण की कवरेज में गिरावट दर्ज की है, जिससे ऐसे रोगों के प्रकोप की आशंका है, जिनकी वैक्सीन से रोकथाम की जा सकती है. 

यूनीसेफ़ प्रमुख ने कहा कि कुछ ही हफ़्तों में युद्ध ने यूक्रेन के बच्चों के लिये तबाही भरे हालात पैदा कर दिये हैं.  

उन्होंने बच्चों के लिये शान्ति व संरक्षण सुनिश्चित किये जाने का आग्रह करते हुए तत्काल युद्धविराम की पुकार लगाई है. 

“अस्पतालों, स्कूलों और नागरिकों को आश्रय देने वाली इमारतों समेत, जिन अति-महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचों पर बच्चे निर्भर हैं, उन पर कभी हमला नहीं होने देना होगा.”

मानवीय राहत प्रयास

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष और अन्य साझीदार संगठन यूक्रेन व अन्य पड़ोसी देशों में ज़रूरतमन्दों तक मानवीय सहायता पहुँचाने के लिये प्रयासरत हैं. 

यूनीसेफ़ ने कीयेफ़, ख़ारकीफ़, लिविफ़ समेत 9 क्षेत्रों के 49 अस्पतालों में चिकित्सा आपूर्ति की है, जिससे चार लाख माताओं, नवजात शिशुओं और बच्चों के लिये स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को बेहतर बनाया गया है. 

इसके अलावा, घेराबन्दी वाले इलाक़ों में समुदायों तक जल और स्वच्छता किट भी वितरित की गई हैं.

युद्ध प्रभावित इलाक़ों में सचल बाल संरक्षण दलों की संख्या 22 से बढ़ाकर 50 की गई है और 22 लाख लोगों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिये 63 ट्रकों में जीवनरक्षक सामग्री पहुँचाई गई है. 

कुछ अस्थाई आवास में रहते यूक्रेनी शरणार्थी
© WHO/Agata Grzybowska/RATS Agency
कुछ अस्थाई आवास में रहते यूक्रेनी शरणार्थी

यूनीसेफ़ के मुताबिक़, आने वाले दिनों में सर्वाधिक निर्बल परिवारों के लिये आपात नक़दी हस्तांतरण सेवा भी शुरू की जाएगी और देश भर में अहम स्थानों पर बच्चों के लिये अनुकूल स्थल स्थापित किये जाएंगे.

ब्लू डॉट्स सेवा

इस बीच, यूनीसेफ़ और यूएन शरणार्थी एजेंसी ने देशों की सरकारों और नागरिक समाज संगठनों की साझीदारी से ‘ब्लू डॉट्स’ नामक सेवा स्थापित की है, जिसके ज़रिये यूक्रेन छोड़कर जाने वाले बच्चों व परिवारों के लिये संरक्षण व समर्थन सेवाएँ प्रदान की जाएंगी.

‘ब्लू डॉट्स’ के ज़रिये, कठिन यात्रा कर रहे परिवारों को अहम जानकारी मुहैया कराई जाएगी, बिछुड़ गए या अकेले यात्रा कर रहे बच्चों की शिनाख़्त करने के अलावा, उनकी रक्षा सुनिश्चित की जाएगी. 

साथ ही, यह अति-आवश्यक सेवाओं के लिये एक हब के रूप में भी काम करेगा. 

‘ब्लू डॉट्स’ को उन देशों में पहले ही स्थापित कर दिया गया है, जो यूक्रेनी महिलाओं व बच्चों की मेज़बानी कर रहे हैं और आने वाले दिनों में इसका विस्तार करने का प्रयास किया जाएगा.