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यूक्रेन: महासभा में प्रस्ताव पारित, युद्ध का अन्त करने और मानवीय राहत पहुँचाने की पुकार

यूक्रेन में जारी युद्ध से जान बचाने के लिये परिवार, सीमा पार करके पोलैण्ड में शरण ले रहे हैं.
© UNICEF/Tom Remp
यूक्रेन में जारी युद्ध से जान बचाने के लिये परिवार, सीमा पार करके पोलैण्ड में शरण ले रहे हैं.

यूक्रेन: महासभा में प्रस्ताव पारित, युद्ध का अन्त करने और मानवीय राहत पहुँचाने की पुकार

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 11वें आपात विशेष सत्र के दौरान, सदस्य देशों ने यूक्रेन के विरुद्ध रूसी आक्रामकता से उपजे मानवीय हालात के मुद्दे पर पेश किये गए एक प्रस्ताव को भारी मतों से पारित किया है. इस प्रस्ताव का मसौदा यूक्रेन ने तैयार किया और 90 देशों ने इसे सह-प्रायोजित किया.

यूएन महासभा में गुरूवार को इस प्रस्ताव के पक्ष में 140 मत पड़े, जबकि पाँच देशों – रूस, सीरिया, कोरिया लोकतांत्रिक जनगणराज्य (उत्तर कोरिया), ऐरिट्रीया और बेलारूस – ने इसके विरोध में मतदान किया.

38 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. 

इस प्रस्ताव में, रूस से यूक्रेन में आक्रामकता तुरन्त रोकने, और नागरिक आबादी व प्रतिष्ठानों पर हमले तत्काल बन्द किये जाने की मांग की गई है.

साथ ही, आम लोगों को युद्धग्रस्त इलाक़ों से सुरक्षित बाहर निकलने का रास्ता मुहैया कराने और ज़रूरतमन्दों तक राहत पहुँचाने की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने का आग्रह किया है.

प्रस्ताव में कहा गया है कि यूक्रेनी शहरों की घेराबन्दी, विशेष रूप से मारियूपोल शहर में हालात से नागरिक आबादी के लिये विकट हालात पैदा हो रहे हैं. 

इससे लोगों को सुरक्षित वहाँ से निकलने में बाधाएँ पेश आ रही हैं. इसके मद्देनज़र, यूएन महासभा ने यूक्रेन में शहरों की घेराबन्दी का अन्त किये की पुकार लगाई है. 

यूक्रेन द्वारा पेश किये गए प्रस्ताव पर मतदान नतीजा.
UN Web TV
यूक्रेन द्वारा पेश किये गए प्रस्ताव पर मतदान नतीजा.

प्रतिस्पर्धी प्रस्ताव

इससे पहले बुधवार को जनरल असेम्बली में, यूक्रेन में मानवीय संकट के मुद्दे पर दो प्रतिस्पर्धी प्रस्तावों को पेश किया गया था, जिन पर चर्चा गुरूवार भी जारी रही. 

यूक्रेन द्वारा पेश किया गया प्रस्ताव का मसौदा 90 देशों द्वारा सह-प्रायोजित था, जिसके अनुसार, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के कारण विकट मानवीय स्थिति पैदा हुई है. 

इसके मद्देनज़र, प्रस्ताव में एक मानवीय राहत गलियारे की मांग की गई है और लड़ाई रोकने व सैन्य बलों को वापिस बुलाने पर ज़ोर दिया गया है. 

वहीं, दक्षिण अफ़्रीका ने एक अन्य प्रस्ताव का मसौदा पेश किया, जोकि यूक्रेन में हिंसा के कारण उपजी मानवीय स्थिति पर तो आधारित है, मगर मसौदे में रूस का उल्लेख नहीं किया गया है.

यूक्रेन द्वारा पेश किये गए प्रस्ताव के पारित होने के बाद, दक्षिण अफ़्रीका के प्रस्ताव पर मतदान होने या ना होने के सवाल पर तो वोटिंग हुई, मगर पर्याप्त समर्थन ना मिल पाने के अभाव में उस पर मतदान नहीं हुआ.

इसके बाद प्रस्ताव को वापिस ले लिया गया. 

यूक्रेन की राजधानी कीयेफ़ में एक व्यक्ति, एक रिहायशी इमारत से मलबा हटा रहा है.
© WHO/Anastasia Vlasova
यूक्रेन की राजधानी कीयेफ़ में एक व्यक्ति, एक रिहायशी इमारत से मलबा हटा रहा है.

यूएन महासभा में इन प्रस्तावों पर चर्चा, यूक्रेन में युद्ध को एक महीना पूरा होने के दुखद पड़ाव पर हो रही है.

इससे पहले, 2 मार्च को यूएन महासभा में यूक्रेन पर रूसी आक्रामकता की निन्दा करने वाले प्रस्ताव के पक्ष में 141 मत पड़े थे, जबकि पाँच देशों ने उसके विरोध में मतदान किया था.

चीन, भारत समेत 35 अन्य देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया था.