यूक्रेन: युद्ध में लगभग 1,000 बच्चे हताहत, तत्काल युद्ध विराम की पुकार

यूक्रेन की एक 11 वर्षीय लड़की की दोनों टांगें, एक मिसाइल हमले में जाती रहीं, लवीव के एक अस्पताल में उसका इलाज हुआ है.
© Courtesy of Lviv Territorial Medical Union Hospital
यूक्रेन की एक 11 वर्षीय लड़की की दोनों टांगें, एक मिसाइल हमले में जाती रहीं, लवीव के एक अस्पताल में उसका इलाज हुआ है.

यूक्रेन: युद्ध में लगभग 1,000 बच्चे हताहत, तत्काल युद्ध विराम की पुकार

शांति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – UNICEF की प्रमुख कैथरीन रसैल ने सोमवार को कहा है कि यूक्रेन में युद्ध से लगभग 1,000 लड़के व लड़कियाँ या तो मारे गए हैं या घायल हुए हैं. उन्होंने यह जानकारी देते हुए शान्ति की तत्काल ज़रूरत को भी रेखांकित किया है.

यूनीसेफ़ की कार्यकारी निदेशिका कैथरीन रसैल ने एक वक्तव्य में कहा है, “जैसा कि युद्धों में होता है, एक बार फिर, वयस्कों के निर्णय, बच्चों को गम्भीर जोखिम में डाल रहे हैं. इस तरह के कोई भी सशस्त्र अभियान ऐसे नहीं होते हैं जिनके परिणाम बच्चों के लिये हानिकारक ना हों.”

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नुक़सान का आकलन कम है

यूक्रेन पर रूसी हमला लगभग छह महीने पहले शुरू हुआ था, और यूनीसेफ़ की पुष्ट जानकारी के अनुसार, कम से कम 972 बच्चे हिंसा में या तो मारे गए हैं या घायल हुए हैं.

ये संख्या औसतन पाँच प्रतिदिन बैठती है, मगर कैथरान रसैल ने कहा कि “हमारा मानना है कि वास्तविक संख्या इससे कहीं ज़्यादा होगी.”

उन्होंने कहा कि बच्चों के हताहत होने के ज़्यादा मामले विस्फोटक हथियारों के प्रयोग के परिणामस्वरूप हुए हैं, जो, स्वभाविक रूप से, आम लोगों और लड़ाकों में कोई फ़र्क़ नहीं करते हैं, विशेष रूप से घनी आबादी वाले इलाक़ों में.

इस बीच, यूक्रेन में लगभग हर बच्चे को गहन तकलीफ़ में डालने वाली घटनाओं का सामना करना पड़ा है. 

जो लोग हिंसा से बचकर भाग रहे हैं, उनके परिवारों से बिछुड़ जाने, दुराचार, यौन शोषण, और ज़्यादा हमलों और तस्करी के शिकार बन जाने का बहुत ज़्यादा जोखिम है.

शिक्षा हमले की चपेट में

कैथरीन रसैल ने बताया कि सप्ताह भर के भीतर स्कूल वर्ष शुरू होने वाला है जो याद दिलाता है कि यूक्रेन में बच्चों को कितना कुछ खोना पड़ा है.

बढ़ती युद्धक गतिविधियों ने शिक्षा प्रणाली को तहस-नहस करके रख दिया है. 

यूनीसेफ़ का अनुमान है कि 10 में से एक स्कूल या तो क्षतिग्रस्त हुए हैं या तबाह हो गए हैं.

स्कूलों पर हमले किये गए हैं, या युद्धरत पक्षों ने लड़ाई में प्रयोग किये हैं, जिसका मतलब है कि परिवार, अपने बच्चों को शिक्षा के लिये स्कूल भेजने में सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं.

युद्ध विराम तत्काल लागू हो

कैथरीन रसैल ने कहा, “सभी बच्चों को अपनी शिक्षा जारी रखने के लिये स्कूलों में होना चाहिये, जिनमें वो बच्चे भी शामिल हैं जो आपदाओं की स्थितियों में फँसे हुए हैं. यूक्रेन के बच्चे, या इस युद्ध से विस्थापित हुए बच्चे, कोई अपवाद नहीं हैं.”

यूनीसेफ़ ने तत्काल एक युद्ध विराम लागू किये जाने की पुकार दोहराई है. बच्चों को किसी भी तरह के नुक़सान से बचाया जाना बहुत अनिवार्य है, जिसमें घनी आबादी वाले इलाक़ों में विस्फोटक हथियारों के क्रूर प्रयोग को रोकना भी शामिल है, साथ ही नागरिक ठिकानों और बुनियादी ढाँचों पर भी हमले भी रोके जाने होंगे.

कैथरीन रसैल ने कहा, “यूक्रेन के बच्चों को तत्काल सुरक्षा, स्थिरता, शिक्षा तक पहुँच, बाल संरक्षण सेवाओं और मनोवैज्ञानिक मदद की तत्काल आवश्यकता है.”

“मगर सबसे कहीं ज़्यादा, यूक्रेन के बच्चों के शान्ति की आवश्यकता है.”