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इथियोपिया: यूएन प्रमुख, शान्ति निर्माण के ज़ाहिरा प्रयासों पर प्रसन्न

इथियोपिया के उत्तरी क्षेत्र टीगरे में, युद्ध से प्रभावित एक परिवार
© UNICEF/Christine Nesbitt
इथियोपिया के उत्तरी क्षेत्र टीगरे में, युद्ध से प्रभावित एक परिवार

इथियोपिया: यूएन प्रमुख, शान्ति निर्माण के ज़ाहिरा प्रयासों पर प्रसन्न

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार को कहा है कि वो ये देखकर अति प्रसन्न हैं कि इथियोपिया में, अन्ततः शान्ति की दिशा में, नज़र आने वाले प्रयास किये जा रहे हैं, जो नज़र भी आ रहे हैं. महासचिव को इस आशय की जानकारी, हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका के लिये अफ़्रीकी संघ के उच्च प्रतिनिधि ओलुसेगुन ओबेसेन्जो की तरफ़ से मुहैया कराई गई है.

यूएन प्रमुख के प्रवक्ता द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया है कि एंतोनियो गुटेरेश ने, उच्च प्रतिनिधि और नाइजीरिया के पूर्व राष्ट्रपति ओलुसेगुन ओबेसेन्जो के साथ फ़ोन पर बातचीत की है, और इथियोपिया में जारी संघर्ष पर विचारों का आदान-प्रदान किया.

ग़ौरतलब है कि इथियोपिया के उत्तरी क्षेत्र टीगरे में नवम्बर 2020 में भड़की लड़ाई के कारण, पूरे देश व क्षेत्र भर में, करोड़ों लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. 

अफ़्रीकी यूनियन के उच्च प्रतिनिधि ओलुसेगुन ओबेसेन्जो ने, इस वार्तालाप के दौरान, हाल ही में की गई, इथियोपिया की राजधानी अदिस अबाबा, और टीगरे की राजधानी मेकैल्ले की – अपनी यात्रा के बारे में भी, यूएन महासचिव को बताया.

ओलुसेगुन ओबेसेन्जो ने एंतोनियो गुटेरेश को, इथियोपिया सरकार व टीगरे पीपुल्स लिबरेशन फ़्रण्ट (TPLF) द्वारा, हिंसक संघर्ष का समाधान निकालने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों के बारे में भी बताया.

इस वार्तालाप में, ओलुसेगुन ओबेसेन्जो ने ये आशा भी व्यक्त की कि इस संघर्ष का एक राजनैतिक व कूटनैतिक समाधान निकालने के लिये, इस समय वाक़ई अच्छा अवसर मौजूद है.

चुनौतियाँ

इथियोपिया के उत्तरी क्षेत्र टीगरे की राजधानी मेकैल्ले में, एक विस्थापित महिला अपने बच्चे के साथ.
©UNICEF/ Esiey Leul
इथियोपिया के उत्तरी क्षेत्र टीगरे की राजधानी मेकैल्ले में, एक विस्थापित महिला अपने बच्चे के साथ.

यूएन प्रमुख ने, इस आशावाद के बावजूद कहा कि मौजूदा सैन्य अभियान, शान्ति प्रक्रिया के लिये एक चुनौती बने हुए हैं और ऐसे विश्वास निर्माण उपायों को तार-तार करते हैं, जो हमारी उम्मीद के मुताबिक़, संघर्ष के सभी पक्ष अपना रहे हैं. 

यूएन प्रमुख ने तमाम पक्षों से अपनी ये पुकार भी दोहराई कि वो शान्ति निर्माण की सही दिशा में आगे बढ़ने की ख़ातिर, तमाम तरह की हिंसक व युद्धक कार्रवाइयाँ तुरन्त बन्द कर दें.

उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र इथियोपिया में, तमाम पूर्ण-समावेशी और राष्ट्रीय दायरे वाले वार्तालाप, शान्ति, सुरक्षा, और मेल-मिलाप प्रक्रिया को समर्थन व सहायता देने के लिये मुस्तैद है.”

यूएन प्रमुख के अनुसार, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को इस ज़रूरत पर ज़ोर देते रहना होगा कि सभी पक्षों को, शान्ति प्रक्रिया के लिये, सच्चाई व संकल्प दिखाना होगा.

नवम्बर 2020 में भड़की इस लड़ाई में अभी तक हज़ारों लोग मारे जा चुके हैं और बीस लाख से भी ज़्यादा लोगों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तरफ़ भागना पड़ा है. बड़े पैमाने पर मानवाधिकार हनन के भी आरोप लगे हैं.

पिछले कुछ महीनों के दौरान, हत्याएँ, लूटपाट और स्वास्थ्य केन्द्रों, सिंचाई प्रणालियों सहित कृषि ढाँचे को विध्वंस का निशाना बनाए जाने के कारण, मानवीय ज़रूरतें बहुत तेज़ी से बढ़ी हैं.

मानवीय स्थिति

इथियोपिया के उत्तरी क्षेत्र टीगरे की राजधानी में मेकैल्ले, विस्थापित बच्चे, पानी भरते हुए.
©UNICEF/ Esiey Leul
इथियोपिया के उत्तरी क्षेत्र टीगरे की राजधानी में मेकैल्ले, विस्थापित बच्चे, पानी भरते हुए.

यूएन प्रमुख ने अपने वक्तव्य में, युद्ध से सम्बद्ध तमाम पक्षों से ये पुकार फिर दोहराई कि वो मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के स्थानीय व अन्तरराष्ट्रीय प्रयासों को समर्थन दें और रास्ते आसान करें.

उन्होंने कहा, “निसन्देह, हम अफ़्रीकी यूनियन की अगुवाई में चल रही शान्ति प्रक्रिया पर, विशाल आशा के साथ नज़रें टिकाए हुए हैं, दूसरी तरफ़ हम, इथियोपिया के अनेक हिस्सों में, युद्ध से उत्पन्न हुई मानवीय स्थिति को लेकर चिन्तित भी हैं.”

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने पिछले सप्ताह बताया था कि इथियोपिया के उत्तरी क्षेत्र में सहायता और खाद्य वितरण अभियान, जारी लड़ाई, रक्तपात और धन की कमी के कारण, ठप हो जाने के नज़दीक हैं.

इथियोपिया में इस समय लगभग 94 लाख लोगों को मानवीय खाद्य सहायता की आवश्यकता है. इस संख्या में कुछ महीने पहले की तुलना में, 27 लाख की वृद्धि हुई है.

यूएन खाद्य एजेंसी, टीगरे क्षेत्र में 21 लाख लोगों तक, और पड़ोसी अमहारा क्षेत्र में लगभग साढ़े छह लाख लोगों, व अफ़ार क्षेत्र में क़रीब पाँच लाख, 34 हज़ार लोगों तक खाद्य सहायता पहुँचाने के लक्ष्य पर काम कर रही है.