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अशान्ति

दक्षिण सूडान की एक सीमा चौकी के पास, यूएन शरणार्थी एजेंसी के आवागमन केन्द्र एक परिवार
© UNHCR/Charlotte Hallqvist

सूडान में जारी युद्ध में, विस्थापितों की संख्या हुई 10 लाख

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कर्मियों ने, सूडान में युद्ध जारी रहने के मद्देनज़र, शुक्रवार को आगाह करते हुए कहा है कि देश में सुरक्षा की ख़ातिर पलायन करने वाले लोगों की संख्या, 10 लाख से भी ज़्यादा हो गई है.

सूडान की राजधानी ख़ार्तूम का एक दृश्य.
UN News/Abdelmonem Makki

सूडान: ख़ारतूम में सशस्त्र बलों के बीच लड़ाई की कड़ी निन्दा

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश और सूडान में यूएन मिशन के प्रमुख और कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने, देश की राजधानी ख़ारतूम में सशस्त्र लड़ाई की ख़बरें मिलने के बाद इस हिंसा की कड़ी निन्दा की है.

बुर्कीना फ़ासो के दक्षिणी-पश्चिमी हिस्से में, लोगों को खाद्य सहायता सामग्री का वितरण.
© WFP/Cheick Omar Bandaogo

बुर्कीना फ़ासो के लिए 87.7 करोड़ डॉलर की सहायता अपील

संयुक्त राष्ट्र और उसके साझीदार संगठनों ने मंगलवार को कहा है कि बुर्कीना फ़ासो में 20 प्रतिशत आबादी यानि लगभग 47 लाख लोगों को इस वर्ष मानवीय सहायता की आवश्यकता होगी. इन लोगों की तात्कालिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए, 87 करोड़ 70 लाख डॉलर की मानवीय सहायता रक़म जुटाने की अपील जारी की गई है.

नाइजीरिया के ज़्यादातर प्रान्त बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.
© UNICEF/Vlad Sokhin

नाइजीरिया: बाढ़ से लाखों लोग ख़तरे में, बुर्कीना फ़ासो में भी खाद्य अभाव

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने नाइजीरिया में आई भीषण बाढ़ और उससे हुई भारी तबाही पर गहरा दुख व्यक्त किया है जिसमें 28 लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए हैं.

म्याँमार के किसी स्थान का दृश्य
© ADB

म्याँमार: 11 बच्चों की मौत के लिये ज़िम्मेदार हमले की कड़ी निन्दा

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने म्याँमार में, सरकारी सैनिकों द्वारा, विद्रोहियों का गढ़ समझे जाने वाले उत्तरी इलाक़े में एक स्कूल को निशाना बनाकर किये गए हमलों की कड़ी निन्दा की है. इन हमलों में कम से कम 13 लोगों के मारे जाने की ख़बर है, जिनमें 11 बच्चे हैं.

सोमालिया में युद्ध व सूखा के हालात के कारण, देश के अनेक हिस्सों में खाद्य सामान की भारी क़िल्लत हो गई है.
© WFP/Kevin Ouma

‘भुखमरी की सूनामी’ से, बहुत से अकाल पड़ने की आशंका

संयुक्त राष्ट्र के आपदा राहत मामलों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने गुरूवार को सुरक्षा परिषद में बताया है कि संघर्ष जनित अकालों और व्यापक दायरे वाली खाद्य असुरक्षा के जोखिम लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में उन्होंने सुरक्षा परिषद से इन आपस में गुँथे हुए संकटों का सामना करने और प्रभावित क्षेत्रों में टिकाऊ शान्ति स्थापना की दिशा में काम करने का आग्रह किया है.

सीरिया के पूर्वी ग्रामीण इलाक़े - रक़्क़ा की एक अनौपचारिक बस्ती में, एक महिला अपने बच्चे के साथ, सर्दियों के कपड़े लेने के इन्तेज़ार में.
© UNICEF/Delil Souleiman

सीरिया: ‘बच्चों की एक पूरी पीढ़ी ग़ायब हो जाने का जोखिम’

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता मामलों की सहायक महासचिव जॉयस म्सूया ने सोमवार को सुरक्षा परिषद को बताया है कि सीरिया में अन्तरराष्ट्रीय प्रयासों के लिये पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं होने के कारण, आम लोगों को अपरिवर्तनीय नुक़सान हो रहा है, और एक पूरी पीढ़ी का भविष्य दाव पर लग गया है.

श्रीलंका में आर्थिक संकट ने, बहुत से परिवारों के लिये, दैनिक ज़रूरतों की पूर्ति भी बहुत मुश्किल बना दी है.
© UNICEF/Chameera Laknath

श्रीलंका: बच्चों के लिये विनाशकारी संकट, दक्षिण एशिया के लिये एक चेतावनी

दक्षिण एशिया के लिये यूनीसेफ़ के क्षेत्रीय निदेशक जियॉर्ज लैरयी-ऐडजेई ने शुक्रवार को ध्यान दिलाते हुए कहा है कि श्रीलंका में मुख्य भोजन आहार, लोगों की ख़रीद शक्ति से बाहर हो गए हैं, जबकि संकट ग्रस्त देश श्रीलंका में, पहले ही गम्भीर कुपोषण की दर क्षेत्र में सबसे ऊँची थी.

अफ़ग़ानिस्तान के पक्तिका और ख़ोस्त प्रान्तों में 5.9 तीव्रता वाले भूकम्प के बाद हुए व्यापक विनाश के बाद, बहुत से लोगों को प्लास्टिक की चादरों से बने शिविरों में सोना पड़ रहा है, जिनमें बच्चे भी हैं.
© UNICEF/Ali Nazari

विश्व मानवीय दिवस: सहायताकर्मी ख़तरों के बीच, ज़िन्दगियाँ बचाने में सक्रिय

प्रति वर्ष 19 अगस्त को मनाए जाने वाले विश्व मानवय दिवस (WHD) के अवसर पर, सीरिया में सहायताकर्मी अहमद अलराग़ेब और अफ़ग़ानिस्तान में स्थित वैरोनिका हाउज़र, इन देशों में अति महत्वपूर्ण मानवीय सहायता प्रयासों, उनके व उनके सहयोगियों के सामने दरपेश चुनौतियों के बारे में बात कर रहे हैं.

अफ़ग़ानिस्तान के कन्दाहार में, एक मेडिकल क्लीनिक में, एक महिला अपने बच्चे के साथ.
© UNICEF/Alessio Romenzi

अफ़ग़ानिस्तान: मानवीय सहायता से ज़िन्दगियाँ बचीं, मगर विशाल ज़रूरतें बरक़रार

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कार्यालय (OCHA) ने गुरूवार को कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में पिछले लगभग एक साल के दौरान सहायता में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी के बावजूद, अब भी विशाल ज़रूरतें मौजूद हैं और भविष्य स्याह नज़र आता है.