इथियोपिया: टीगरे में भुखमरी से गम्भीर हालात, यूएन एजेंसियों ने तेज़ किये राहत प्रयास
विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के प्रमुख डेविड बीज़ली ने इथियोपिया के टीगरे क्षेत्र में तत्काल जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने के लिये रास्तों को खोले जाने का आग्रह किया है. सरकारी सुरक्षा बलों और हथियारबन्द गुटों के बीच लड़ाई जारी रहने से, हिंसा प्रभावित इलाक़े में साढ़े तीन लाख लोगों पर अकाल का ख़तरा मंडरा रहा है.
यूएन एजेंसी के कार्यकारी निदेशक के मुताबिक विनाश को टालने के लिये यह ज़रूरी है कि मानवीय राहत मार्गों को सुलभ बनाया जाए.
हाल ही में जारी आँकड़े दर्शाते हैं कि 40 लाख लोगों के सामने गम्भीर भुखमरी का शिकार होने की चुनौती खड़ी हो गई है.
यूएन एजेंसी इलाक़े में आपात खाद्य सहायता अभियान चला रही है और भोजन वितरण का दायरा बढ़ाते हुए, सहायता को 14 लाख लोगों तक पहुँचाया गया है.
मगर, यूएन एजेंसी प्रमुख ने आगाह किया है कि यह, कुल ज़रूरतमन्दों की आधी संख्या ही है.
उन्होंने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि महत्वपूर्ण सेवाओं तक पहुँच पाने की लोगो की क्षमता और यूएन एजेंसी के उन तक खाद्य सहायता पहुँचा पाना विनाश टालने के लिये ज़रूरी है.
विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ-साथ खाद्य एवँ कृषि संगठन और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने उत्तरी इथियोपिया में खाद्य असुरक्षा को दूर करने और टीगरे में अकाल को टालने के लिये तत्काल कार्रवाई की पुकार लगाई है.
दशक में सबसे बड़ा संकट
यूएन एजेंसियों की यह अपील, गुरुवार को Integrated Food Security Phase Classification (IPC) विश्लेषण के प्रकाशित होने के बाद जारी की गई है, जिसे यूएन और साझीदार संगठनों ने तैयार किया है.
रिपोर्ट बताती है कि टीगरे में साढ़े तीन लाख से अधिक लोग पहले से ही विनाशकारी परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं, जोकि पिछले एक दशक में, किसी एक दशक में सबसे बड़ी संख्या है.
इसके अलावा, वहाँ और पड़ोसी अमहारा व अफ़ार क्षेत्रों में 55 लाख लोग, खाद्य असुरक्षा के गम्भीर स्तर से जूझ रहे हैं.
बताया गया है कि तत्काल कार्रवाई के अभाव में आपात स्तर की खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे, 20 लाख लोग, भुखमरी के गर्त में धँस सकते हैं.
मौजूदा हिंसक संघर्ष पिछले वर्ष नवम्बर में केंद्रीय सरकारी बलों और क्षेत्रीय गुट ‘टीगरे पीपल्स लिबरेशन फ़्रण्ट’ के लड़ाकों के बीच शुरू हुआ, जोकि अब गम्भीर खाद्य असुरक्षा की मुख्य वजह बन गया है.
इलाक़े में जारी लड़ाई से व्यापक स्तर पर विस्थापन हुआ है, बड़े पैमाने पर आजीविकाएँ ध्वस्त हुई हैं और बुनियादी ढाँचे व रोज़गार का नुक़सान हुआ है.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने चिन्ता जताई है कि ऐसे नवजात शिशुओं व छोटे बच्चों की संख्या बढ़ रही है जो बीमार हैं, और जिनकी कुपोषण के कारण मौत होने की आशंका है.
यूनीसेफ़ की कार्यकारी निदेशक हेनरीएटा फ़ोर ने बताया कि उनका संगठन, साझीदारों के साथ मिलकर पोषण, स्वास्थ्य, देखभाल और स्वच्छ जल सेवाओं को मुहैया कराने के प्रयासों मे जुटा है.
मगर, मानवीय रास्ता सुलभ ना होने की वजह से, पहुँच से बाहर टीगरे के इलाक़ो में गम्भीर कुपोषण का शिकार 33 हज़ार बच्चों की मौत होने का जोखिम है.
उन्होंने कहा, "दुनिया ऐसा होने देने की अनुमति नहीं दे सकती."
वित्तीय संसाधनों की ज़रूरत
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों व साझीदार संगठनों ने अपने अभियान का स्तर बढ़ाते हुए, निर्बाध आवाजाही और निवेश की आवश्यकता पर बल दिया है.
विश्व खाद्य कार्यक्रम, टीगरे के पश्चिमोत्तर और दक्षिणी इलाक़ों में 21 लाख लोगों तक पहुँचने का प्रयास कर रहा है, और इस वर्ष के अन्त तक 20 करोड़ डॉलर की दरकार होगी.
खाद्य एवँ कृषि संगठन ने बताया कि जून, फ़सल की बुआई का महीना है, जिसके बाद रोपण का समय ख़त्म हो जाएगा.
पिछले महीने, यूएन एजेंसी ने 20 हज़ार लोगों को बीज प्रदान किये थे जिनकी अब बुआई की जा रही है. आने वाले हफ़्तों में ढाई लाख और लोगों तक पहुँचने की योजना है.
एजेंसी के मुताबिक वर्ष 2022 के अन्त तक, सात करोड़ 70 लाख डॉलर की आवश्यकता होगी.
एक अनुमान के अनुसार टीगरे में 56 हज़ार बच्चों को इस वर्ष उपचार की आवश्यकता होगी, लेकिन अगर आवाजाही सुनिश्चित नहीं की गई तो 33 हज़ार इससे वंचित रह जाएँगे.
यूनीसेफ़ ने टीगरे, अमहारा व अफ़ार क्षेत्रों में बच्चों को समर्थन प्रदान करने के लिये एक करोड़ डॉलर की सहायता राशि की माँग की है.