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टीगरे में लाखों प्रभावितों तक सहायता पहुँचाने के लिये निर्बाध पहुँच की दरकार

इथियोपिया के टीगरे क्षेत्र में, लड़ाई भड़कने के कारण बाधित हुए मानवीय सहायता अभियान फिर से शुरू कर दिये हैं.
WFP/Rein Skullerud
इथियोपिया के टीगरे क्षेत्र में, लड़ाई भड़कने के कारण बाधित हुए मानवीय सहायता अभियान फिर से शुरू कर दिये हैं.

टीगरे में लाखों प्रभावितों तक सहायता पहुँचाने के लिये निर्बाध पहुँच की दरकार

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने इथियोपिया के युद्धग्रस्त इलाक़े टीगरे में सहायता अभियान फिर से शुरू कर दिये हैं. उस क्षेत्र में पिछले सप्ताह लड़ाई भड़कने के बाद सहायता अभियान रोकने पड़े थे, हालाँकि यूएन एजेंसी ने शुक्रवार को आगाह भी किया है कि वहाँ सम्पूर्ण मानवीय सहायता कार्य करने के रास्ते में “गम्भीर चुनौतियाँ” दरपेश हैं.

यूएन खाद्य सहायता एजेंसी गुरूवार को दस हज़ार ऐसे लोगों तक आपात सहायता पहुँचाई थी जो संघर्ष के कारण विस्थापित हुए हैं. इन लोगों में लगभग तीन हज़ार महिलाओं और बच्चों को पौष्टिकता से भरपूर भोजन सामग्री मुहैया कराई गई क्योंकि में से बहुत सी महिलाएँ और बच्चे कुपोषण से पीड़ित थे.

एजेंसी को उम्मीद है कि वो सप्ताहान्त के दौरान टीगरे के पश्चिमोत्तर इलाक़े में, 30 हज़ार लोगों तक सहायता पहुँचा सकेगी.

धरातल पर नाटकीय बदलाव

इथियोपिया सरकार द्वारा इस सप्ताह के आरम्भ में युद्धविराम की घोषणा किये जाने के बाद की परिस्थितियों में, संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता मामलों के कार्यालय (OCHA) ने शुक्रवार को ताज़ा जानकारी देते हुए बताया कि टीगरे क्षेत्र में राजनैतिक समीकरण नाटकीय ढंग से बदल गए हैं.

सोमवार को इथियोपिया सरकार द्वारा घोषित इकतरफ़ा युद्धविराम के बाद टीगरे की रक्षा सेनाओं ने कथित रूप से नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया है क्योंकि क्षेत्रीय राजधानी मेकेल्ले और अन्य इलाक़ों से इथियोपियाई और इरिट्रीयन सेनाएँ वापिस लौट रही हैं.

इसके साथ ही, टीगरे में मानवीय सहायता अभियान भी अनिश्चितता की स्थिति का सामना कर रहे हैं.

बाधाओं के बीच मानवीय सहायता

विश्व खाद्य कार्यक्रम ने ऐसी गम्भीर चुनौतियों के बारे में आगाह किया है जिनके कारण क्षेत्र में मानवीय सहायता अभियानों पर जोखिम मंडरा रहा है.

यूएन खाद्य एजेंसी एक तरफ़ तो प्रभावित परिवारों तक खाद्य सामग्री पहुँचाने में सक्रिय है, वहीं दूसरी तरफ़ चेतावनी भी जारी की गई है कि अगर रास्ते पूरी तरह नहीं खोले गए, और लड़ाकों ने मानवीय सहायता सामग्री लेने जाने वाले वाहनों और काफ़िलों को ख़तरे में डालने वाली गतिविधियाँ और व्यवधान बन्द नहीं किये, तो लोगों की ज़िन्दगियाँ भी ख़त्म हो सकती हैं.