वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

वर्ष 2021 में, वैश्विक खाद्य क़ीमतों में हुआ तेज़ उछाल

रवाण्डा में एक किसान, बीन्स की उपज दिखाते हुए.
© WFP/Fredrik Lerneryd
रवाण्डा में एक किसान, बीन्स की उपज दिखाते हुए.

वर्ष 2021 में, वैश्विक खाद्य क़ीमतों में हुआ तेज़ उछाल

आर्थिक विकास

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य व कृषि संगठन (FAO) ने गुरूवार को सूचित किया है कि वर्ष 2021 के दौरान खाद्य और उपभोक्ता मूल्यों के सूचकांक में उससे पिछले वर्ष 2020 की तुलना में, औसतन तेज़ वृद्धि हुई.

यूएन एजेंसी के खाद्य मूल्य सूचकांक में अन्तरराष्ट्रीय क़ीमतों में मासिक बदलावों पर नज़र रखी जाती है जोकि वर्ष 2021 के दौरान औसत 125.7 अंक रहा, और ये वर्ष 2020 की तुलना में, 28.1 प्रतिशत ज़्यादा था.

Tweet URL

यूएन खाद्य और कृषि संगठन के वरिष्ठ अर्थशास्त्री अब्दुल रज़ा अब्बासियाँ ने बताया कि आमतौर पर मांग पूर्ति के अनुसार उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने के हालात में, उच्च मूल्यों में कुछ नरमी आने की उम्मीद की जाती है.

मगर इस बार, लगातार बढ़ती लागत, वैश्विक महामारी और सबसे ज़्यादा - विस्फोटक जलवायु परिस्थितियों ने, कुछ ज़्यादा टिकाऊ बाज़ार परिस्थितियों की वापसी के बारे में आशावाद के लिये, बहुत कम जगह छोड़ी, और ऐसे ही हालात वर्ष 2022 के दौरान भी रहने की सम्भावना है.

वर्ष का अन्त

आँकड़े दिखाते हैं कि वर्ष 2021 के अन्त में, विश्व खाद्य मूल्यों में मामूली गिरावट दर्ज की गई क्योंकि वनस्पति तेल और शर्करा (Sugar) के मूल्यों में ख़ासी गिरावट देखी गई.

खाद्य मूल्य सूचकांक औसतन 133.7 अंक रहा जोकि नवम्बर की तुलना में 0.9 प्रतिशत कम था.

अन्न मूल्य सूचकांक में भी 0.6 प्रतिशत की गिरावट आई, अलबत्ता पूरे वर्ष के दौरान ये सूचकांक, वर्ष 2012 के बाद से अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुँचा, जोकि 27.2 प्रतिशत वृद्धि थी.

सबसे ज़्यादा उछाल मक्का के मूल्यों में देखा गया जोकि 44.1 प्रतिशत था. उसके बाद गेहूँ के मूल्यों में 31.3 प्रतिशत उछाल हुआ. एक अन्य महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ - चावल के मूल्यों में, 4 प्रतिशत की गिरावट हुई.

तेल और शर्करा

वनस्पति तेल मूल्य सूचकांक में दिसम्बर में 3.3 प्रतिशत कमी आई जोकि वैश्विक स्तर पर निर्यात की मांग में हुई कमी के कारण रही. 

ऐसा, कोविड-19 के बढ़ते मामलों के प्रभावों पर चिन्ताओं से जुड़ा हो सकता है, जिनके कारण आपूर्ति श्रृंखला में देरी होने के मामले सामने आए हैं.

कुल मिलाकर पूरे वर्ष के दौरान, तेल सूचकांक में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है जो वर्ष 2020 की तुलना में 65.8 प्रतिशत थी.

एक अन्य भोज्य पदार्थ शर्करा के मूल्यों में, नवम्बर 2021 की तुलना में, दिसम्बर महीने में 3.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई, जोकि पाँच महीनों के दौरान सबसे कम थी.

संयुक्त राष्ट्र की खाद्य और कृषि एजेंसी (FAO) के विश्लेषण के अनुसार इन परिस्थितियों में ओमिक्रॉन वैरिएण्ट को लेकर चिन्ताएँ झलकती हैं.

पूर्व वर्ष के दौरान, शर्करा मूल्य सूचकांक में 29.8 प्रतिशत वृद्धि हुई और ये वर्ष 2016 के बाद अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुँचा.

माँस और दुग्ध पदार्थ

माँस मूल्य सूचकांक, दिसम्बर 2021 के दौरान आमतौर पर स्थिर रहा, मगर पूरे वर्ष के दौरान इसमें 12.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

डेयरी यानि दुग्ध पदार्थ एक मात्र ऐसी श्रेणी रही जिसके मूल्यों में, वर्ष 2021 के आख़िरी महीने में वृद्धि दर्ज की गई, जोकि नवम्बर की तुलना में 1.8 प्रतिशत थी. 

ऐसा पश्चिमी योरोप और ओसीनिया क्षेत्र में कम दुग्ध उत्पादन के कारण हुआ.

पनीर (Cheese) के मूल्यों में दिसम्बर में कुछ गिरावट हुई, मगर पूरे वर्ष के दौरान डेयरी मूल्य सूचकांक औसतन वर्ष 2020 की तुलना में 16.9 प्रतिशत ज़्यादा रहा.