महंगाई

पाकिस्तान में काम की तलाश में कुछ व्यक्ति सड़क के किनारे बैठे हुए हैं.
IMF Photo/Saiyna Bashir

वर्ष 2023 में आर्थिक वृद्धि दर 1.9 प्रतिशत रह जाने की आशंका

संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अर्थशास्त्रियों ने सचेत किया है कि कोविड-19 महामारी, यूक्रेन में जारी युद्ध, बढ़ती मुद्रास्फीति, क़र्ज़ के दबाव और जलवायु आपात स्थिति सहित अन्य वैश्विक संकटों के कारण. वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भीषण असर हुआ है. इस पृष्ठभूमि में, वर्ष 2023 में आर्थिक वृद्धि की दर 1.9 प्रतिशत पर पहुँच जाने की सम्भावना है. वर्ष 2022 में यह दर तीन प्रतिशत अनुमानित थी.

इथियोपिया के अदीस अबाबा में युवा महिला कामगार बीन्स की पैकिंग कर रही हैं.
© ILO/Sven Torfinn

बढ़ती महंगाई, लुढ़कती आय से निर्धनता व सामाजिक अशान्ति गहराने का जोखिम, ILO रिपोर्ट

अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने बुधवार को प्रकाशित अपनी एक नई रिपोर्ट में सचेत किया है कि बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण अनेक देशों में, वास्तविक मासिक आय में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे करोड़ों घर-परिवारों की क्रय क्षमता पर असर हुआ है. इसके मद्देनज़र, यूएन एजेंसी ने निर्धनता, असमानता और सामाजिक अशान्ति की रोकथाम के लिये तत्काल ठोस नीतियाँ अपनाए जाने का आग्रह किया है.

बांग्लादेश की एक परिधान फ़ैक्ट्री में कामगार.
ILO/Marcel Crozet

UNCTAD: नीतिगत ग़लतियों से भड़क सकती है – बदतरीन मन्दी

संयुक्त राष्ट्र के व्यापार और विकास संगठन (UNCTAD) ने सोमवार को एक नई रिपोर्ट जारी की है जिसमें कहा गया है कि अगर कुछ विकसित अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों में लागू व्यापक प्रभाव वाली वित्तीय और मुद्रा नीतियों को बहुत तेज़ी से नहीं बदला गया तो दुनिया एक वैश्विक मन्दी और एक दीर्घकालीन ठहराव की तरफ़ बढ़ती नज़र आ रही है.

तंज़ानिया के दार अस्सलाम में एक कामगार ट्रक पर गेहूँ की बोरी लादते हुए.
© FAO/Giuseppe Bizzarri

‘काला सागर अनाज पहल’: यह क्या है, और विश्व के लिये क्यों अहम है

फ़रवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की शुरुआत के बाद, यूक्रेन से अनाज और रूस से खाद्य वस्तुओं व उर्वरकों की आपूर्ति पर भीषण असर हुआ. आपूर्ति में आए इस व्यवधान की वजह से क़ीमतों में उछाल दर्ज किया गया, जिसकी वजह से विश्व में खाद्य संकट जैसे हालात भी पनपने लगे. इसके बाद, संयुक्त राष्ट्र और तुर्कीये के मध्यस्थता प्रयासों के फलस्वरूप ‘काला सागर अनाज पहल’ के ज़रिये, यूक्रेन से दुनिया भर में खाद्य सामग्री व उर्वरक निर्यात को सम्भव बनाने के लिये प्रयास किये गए. इसी पहल के विषय में कुछ अहम जानकारी…

श्रीलंका में लोग खाद्य पदार्थों और ईंधन की बढ़ती क़ीमतों और ज़रूरी चीज़ों की भारी क़िल्लत के बीच, अपनी खाद्य और पोषण आवश्यकताएँ पूरी करने में, संघर्ष कर रहे हैं.
© WFP/Josh Estey

श्रीलंका: ख़राब कृषि उत्पादन और बढ़ती क़ीमतों के कारण, खाद्य सुरक्षा पर संकट

खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) और विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने सोमवार को प्रकाशित अपनी एक नई रिपोर्ट में आगाह किया है कि श्रीलंका में 63 लाख लोग, मध्यम से गम्भीर स्तर पर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं. जीवनरक्षक सहायता और आजीविका सम्बन्धी समर्थन के अभाव में हालात के बद से बदतर होने की आशंका व्यक्त की गई है. 

यमन के अबयान इलाक़े में, निर्बल परिस्थितियों वाले परिवारों को, गेहूँ का आटा वितरित किये जाते हुए.
© WFP/Mahmoud Fadel

FAO: वैश्विक खाद्य क़ीमतों में लगातार पाँचवें महीने गिरावट

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने शुक्रवार को कहा है कि वैश्विक खाद्य क़ीमतों में, लगातार पाँचवें महीने में भी गिरावट दर्ज की गई है, मगर ये क़ीमतें, एक वर्ष पहले की तुलना में अब भी लगभग 8 प्रतिशत ऊँचाई पर हैं.

श्रीलंका के एक गाँव में रहने वाली 36 वर्षीय एस.ए. प्रियंगनी और उनके पति, आर्थिक संकट के कारण पहले ही अपने नौ सदस्यों के परिवार का भरण-पोषण करने के लिये संघर्ष कर रहे थे. खाद्य मुद्रास्फ़ीति के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुँचने के साथ ही, उनके लिये दैनिक भोजन ज
© WFP/Josh Estey

श्रीलंका में गम्भीर खाद्य असुरक्षा से निपटने के लिये, 6.3 करोड़ डॉलर की अपील

श्रीलंका आर्थिक संकट की चपेट में है, जिससे लाखों लोग पर्याप्त भोजन, ईंधन, दवाओं और अन्य आवश्यक चीजें ख़रीदने में असमर्थ हैं. 63 लाख लोग खाद्य-असुरक्षा के शिकार हैं, 67 लाख लोग पोषक आहार नहीं ले पा रहे हैं और इस संकट के और गहराने की सम्भावना है. श्रीलंका में विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) 34 लाख लोगों को आपातकालीन खाद्य सामग्री, पोषण और स्कूली भोजन प्रदान करने के प्रयासों में लगा है. यूएन न्यूज़ ने श्रीलंका में विश्व खाद्य कार्यक्रम के देश निदेशक, अब्दुर रहीम सिद्दीक़ी के साथ विस्तार से बातचीत करके, स्थिति की गम्भीरता का जायज़ा लिया.

© WFP Haiti/Theresa Piorr

यूएन न्यूज़ हिन्दी बुलेटिन, 5 अगस्त 2022

इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...

  • हमारा साझा एजेण्डा - OCA है - वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिये ब्लूप्रिण्ट, कहना है यूएन प्रमुख का.
  • वैश्विक महंगाई के बीच ऊर्जा कम्पनियों द्वारा भारी मुनाफ़ा कमाने को बताया गया अनैतिक.
  • दुनिया भर में जुलाई महीने में खाद्य वस्तुओं की क़ीमतों में कुछ गिरावट से राहत के संकेत.
  • दुनिया, बढ़ते तनावों के बीच, परमाणु विनाश के बहुत निकट, कहा यूएन प्रमुख ने.
  • नवजीवन की शुरुआत में, स्तनपान है शिशुओं के अच्छे स्वास्थ्य की आधारशिला, कहना है यूएन एजेंसियों का.
ऑडियो
10'3"
अफ़ग़ानिस्तान में गेहूँ, एक मुख्य अनाज है जो देश में खाद्य और पोषण सुरक्षा मुहैया कराने में अहम भूमिका निभाता है.
©FAO/Danfung Dennis

वैश्विक खाद्य क़ीमतों में जुलाई में बड़ी गिरावट, मगर भविष्य की आपूर्ति पर चिन्ता बरक़रार

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने शुक्रवार को कहा है कि फ़रवरी में यूक्रेन में युद्ध शुरू होने पर खाद्य वस्तुओं के मूल्यों में रिकॉर्ड उछाल आने के बाद, जुलाई में लगातार पाँचवें महीने, इन क़ीमतों में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई है.

भारत में एक महिला, सौर ऊर्जा से खाना पकाने का तरीक़ा बताते हुए.
UNDP India

आसमान छूती महंगाई के बीच, ऊर्जा कम्पनियों का विशाल मुनाफ़ा 'अनैतिक'

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार को कहा है कि यूक्रेन में युद्ध द्वारा तबाही मचाए जाने के दौरान ही, दुनिया भर में आसमान छूती ऊर्जा क़ीमतें करोड़ों लोगों के लिये, जीवन यापन करने की लागत को और ज़्यादा जटिल व विशाल बना रही हैं. उन्होंने खाद्य, ऊर्जा और वित्त पर वैश्विक संकट प्रतिक्रियात्मक कार्रवाई समूह (GCRG) की ताज़ा जानकारी के बारे में बुलाई गई प्रैस वार्ता में ये बात कही.