सीरिया: आर्थिक बदहाली, फैलती भुखमरी, बढ़ती मानवीय राहत ज़रूरतें

सीरिया की अर्थव्यवस्था एक बेहद कठिन दौर से गुज़र रही है और पिछले डेढ़ वर्षों में, देश ने आर्थिक मोर्चे पर अनेक झटकों का सामना किया है. संयुक्त राष्ट्र में आपात राहत मामलों के समन्वयक मार्क लोकॉक ने गुरुवार को सुरक्षा परिषद को, हालात से अवगत कराते हुए बताया कि सीरियाई मुद्रा के लुड़कने और बेरोज़गारी बढ़ने से स्थानीय लोगों के लिये बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करना संघर्षपूर्ण साबित हो रहा है.
मानवीय राहत मामलों के लिये अवर महासचिव मार्क लोकॉक ने विश्व खाद्य कार्यक्रम द्वारा जारी खाद्य सुरक्षा सम्बन्धी आँकड़ों का ज़िक्र करते हुए बताया कि देश की 60 फ़ीसदी आबादी के पास नियमित रूप से सुरक्षित व पोषक भोजन उपलब्ध नहीं है.
Around 60% of Syrians - 12.4 million people - do not have regular access to enough safe & nutritious food.My latest update to the Security Council on the economic crisis, humanitarian access, and the protection of civilians.https://t.co/v2xOIqbLnt
UNReliefChief
मार्क लोकॉक ने वीडियो के ज़रिये सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए कहा, “यह बढ़ोत्तरी स्तब्धकारी हो सकती है, लेकिन इसे आश्चर्यजनक नहीं कहा जा सकता.”
घरों का ख़र्चा, औसतन अब आमदनी से लगभग 20 फ़ीसदी ज़्यादा है, जिससे लाखों लोगों को जीवित रहने के लिये हताशा भरे उपायों का सहारा लेना पड़ रहा है.
70 फ़ीसदी से अधिक सीरियाई नागरिकों ने, नए सिरे से क़र्ज़ लेने की बात कही है, और वे अपनी सम्पत्तियों व मवेशियों को बेचने के लिये मजबूर है.
अभिभावक अपने बच्चों का पेट भरने के लिए कम मात्रा में भोजन खा रहे हैं, जबकि बच्चे पढ़ाई-लिखाई के बजाय, काम करने के लिए मजबूर हैं.
“जिन लोगों के लिये विकल्प समाप्त हो गए हैं, उन्हें भूखे पेट रहना पड़ रहा है.
यूएन अधिकारी ने आगाह किया कि पाँच वर्ष से कम उम्र के पाँच लाख से ज़्यादा बच्चे, नाटेपन का शिकार हैं.
उन्होंने कहा कि ये चुनौतियाँ देश के अनेक हिस्सों में दिखाई देती हैं, लेकिन पश्चिमोत्तर और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में हालात ज़्यादा ख़राब हैं.
मार्क लोकॉक ने कहा, “एक अस्पताल में एक बाल रोग विशेषज्ञ ने मुझे बताया कि मरीज़ों के लिये 80 बिस्तरों में से, आधी संख्या में बिस्तरों पर कुपोषण का शिकार बच्चे हैं.” इनमें से पाँच की मौत हो चुकी है
बताया गया है कि कुपोषण इतनी सामान्य बात हो गई है कि अभिभावक अपने बच्चों में उसके लक्षण ही नहीं पहचान पा रहे हैं.
मार्क लोकॉक के अनुसार कुछ चिकित्सकों ने अपनी चिन्ताएँ उनके साथ व्यक्त करते हुए बताया कि सीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़े में सीमा-पार से राहत सामग्री पहुँचाने में व्यवधान पैदा हो सकता है.
इसके मद्देनज़र, अवर महासचिव ने मानवीय राहत सामग्री के रास्तों को खुला रखने पर ज़ोर दिया है. “पश्चिमोत्तर सीरिया में प्रवेश करने वाली मानवीय राहत सामग्री सीमा-पार से वितरित की जाती है.”
इससे हर महीने, 24 लाख लोगों को हर महीने राहत पहुँचाई जाती है, और इसके अभाव में “हालात भयावह से विनाशकारी हो जाएँगे.”
उन्होंने आगाह किया कि अगर सुरक्षा परिषद सीमा-पार सहायता की अवधि बढ़ाने में विफल रही तो इससे पीड़ा गहरा जाएगी, और बड़े पैमाने पर जान-माल का नुक़सान होने की आशंका है.
यूएन अधिकारी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र का उल्लेख करते हुए बताया कि हाल के दिनों में पसरे तनाव से, लाखों लोगों के लिये आपात राहत पहुँचाने के कार्य में व्यवधान उत्पन्न हुआ है.
संयुक्त राष्ट्र ने चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति का काम जारी रखा है, लेकिन उसकी पहुँच का दायरा बढ़ाया जाना, मंज़ूरी मिलने, सुरक्षा परिस्थितियों और पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है.
उनके अनुसार सिलसिलेवार बम धमाकों में अनेक लोगों की मौत हुई है और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं.
इनमें एक मानवीय राहतकर्मी की मौत तब हुई जब वो कोविड-19 से पीड़ित लोगों को सहायता प्रदान कर रहा था. एक अन्य इमारत पर हुए मिसाइल हमले में पास के अस्पताल को क्षति पहुँची है.
मार्क लोकॉक ने ज़ोर देकर कहा कि सीरिया में राहत सामग्री वितरण के काम में जुटे मानवीय राहतकर्मियों को बेहद कठिन परिस्थितियों में और निजी जोखिम का सामना करते हुए काम करना पड़ रहा है और उन्हें हर हाल में सुरक्षा प्रदान की जानी होगी.