SDG: दुनिया 2030 विकास एजेंडा के आधे पड़ाव पर, पाँच अहम तथ्य
दुनिया, टिकाऊ विकास के महत्वाकांक्षी 2030 एजेंडा को साकार करने की यात्रा में, अपना आधा रास्ता तय कर चुकी है. संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश, नवप्रवर्तक, और अग्रणी हस्तियाँ इस अहम पड़ाव पर सोमवार को यूएन मुख्यालय में एक उच्चस्तरीय फ़ोरम में हिस्सा लेने के लिए एकत्र हो रहे हैं. यूएन की आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ECOSOC) इस अवसर पर एक नई रिपोर्ट जारी करेगी, जोकि वैश्विक महामारी के बाद, 2030 एजेंडा पर प्रगति के लिए प्रयासों में तेज़ी लाने पर केन्द्रित है.
हमने इस विषय पर आपके लिए कुछ अहम जानकारी जुटाई है:
1) लक्ष्य प्राप्ति के मार्ग पर वापिसी
कोविड-19 महामारी की वजह से टिकाऊ विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति को गहरा धक्का पहुँचा है. संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि यदि मौजूदा रुझान जारी रहे, तो वर्ष 2030 तक साढ़े 57 करोड़ लोग अत्यधिक निर्धनता के गर्त में धँसे रहेंगे.
वैश्विक औसत तापमान में पूर्व औद्योगिक काल के स्तर की तुलना में 1.1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो चुकी है और यह दर 2035 तक 1.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुँचने या उसे पार करने की आशंका है.
इस पृष्ठभूमि में, देशों को वापिस 2030 एजेंडा को हासिल करने के मार्ग पर लाने के लिए, संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक एवं सामाजिक परिषद एक उच्चस्तरीय राजनैतिक फ़ोरम सोमवार को आरम्भ हुआ है.
इस फ़ोरम में यूएन के सदस्य देश, नागरिक समाज व उद्योग जगत के प्रतिनिधि, नवप्रवर्तक (innovators), 20 जुलाई तक एकत्र होंगे, और 17 टिकाऊ विकास लक्ष्यों में से पाँच लक्ष्यों पर अपना ध्यान केन्द्रित करेंगे.
इस फ़ोरम के निष्कर्ष, सितम्बर 2023 में होने वाली महत्वपूर्ण एसडीजी बैठक में शामिल किए जाएंगे.
आर्थिक एवं सामाजिक परिषद की अध्यक्ष लाचेज़ारा स्टोएवा ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि 17 टिकाऊ विकास लक्ष्यों पर प्रगति, गम्भीर रूप से पटरी से उतर चुकी है.
“हम आशा करते हैं कि आधे रास्ते पर हम लामबन्द होकर फिर से ध्यान केन्द्रित कर सकेंगे.”
कोविड-19 के बाद पुनर्बहाली प्रक्रिया में तेज़ी लाने की थीम पर, लगभग 40 देशों द्वारा सफल समाधानों के साथ-साथ प्रगति मार्ग में अवरोध प्रस्तुत किए जाएंगे.
100 से अधिक मंत्रियों के अलावा, नागरिक समाज, शिक्षा जगत और दुनिया भर के नवप्रवर्तक, नवाचारी समाधानों के साथ अब तक लिए गए सबक़ को भी साझा करेंगे.
![भारत के हरयाणा राज्य के जगाधरी शहर में एक किसान परिवार, सौर ऊर्जा से संचालित जल पम्प का इस्तेमाल कर रहे हैं. भारत के हरयाणा राज्य के जगाधरी शहर में एक किसान परिवार, सौर ऊर्जा से संचालित जल पम्प का इस्तेमाल कर रहे हैं.](https://global.unitednations.entermediadb.net/assets/mediadb/services/module/asset/downloads/preset/Collections/Embargoed/14-06-2023-CGIAR-India-solar.jpg/image1170x530cropped.jpg)
2) स्वच्छ जल, साफ़-सफ़ाई और ऊर्जा
विश्व भर में दो अरब लोग अब भी सुरक्षित रूप से प्रबन्धित पेयजल सेवाओं के बिना जीवन गुज़ार रहे हैं, जोकि टिकाऊ विकास के छठे लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक विशाल चुनौती है.
बिजली तक पहुँच से दूर लोगों की संख्या 2010 में एक अरब 20 करोड़ थी, मगर 2020 में यह घटकर 73 करोड़ रह गई.
इसके बावजूद, Tracking SDG 7: The Energy Progress Report नामक रिपोर्ट में चेतावनी जारी की गई है कि एसडीजी 7 की समय पर प्राप्ति के लिए मौजूदा प्रयास पर्याप्त नहीं हैं.
इस समस्या की एक बड़ी वजह धनराशि है, और इसलिए इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए निजी सैक्टर व अन्य नए साझीदारों को साथ लेकर चलना होगा, ताकि निवेश के नए अवसर सृजित किए जा सकें.
समय तेज़ी से बदल रहा है. हरित ऊर्जा को अब एक प्रगति की सम्भावना वाले सैक्टर के रूप में देखा जाता है, जहाँ रोज़गारों और समृद्धि को बढ़ावा दिया जा सकता है.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, वर्ष 2022 में पहली बार हरित ऊर्जा में निवेश की गई धनराशि, जीवाश्म ईंधन में हुए निवेश से अधिक थी.
उच्चस्तरीय राजनैतिक फ़ोरम में मध्य अफ़्रीकी गणराज्य भई अपनी बात रखेंगे, जोकि अपने साझीदारों के साथ मिलकर आगे बढ़ रहे हैं.
मध्य अफ़्रीकी गणराज्य की सरकार ने देश में नए सौर ऊर्जा क्षेत्र और बोआली जलविद्युत ऊर्जा स्टेशन की फिर से बहाली के ज़रिेए, शहरों में बिजली की सुलभता 2018 में 14.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 2022 में 32 प्रतिशत तक करने में सफलता प्राप्त की है.
![आईटीयू टेलीकॉम वर्ल्ड 2019 के दौरान चाइना टेलीकॉम का 5-जी चालित रोबोट. आईटीयू टेलीकॉम वर्ल्ड 2019 के दौरान चाइना टेलीकॉम का 5-जी चालित रोबोट.](https://global.unitednations.entermediadb.net/assets/mediadb/services/module/asset/downloads/preset/Libraries/Production%20Library/26-06-20-ITU-Telecom-World-2019-China-Telecom.jpg/image1170x530cropped.jpg)
3) रोबोट से सहनसक्षमता निर्माण में निहित लाभ
वैश्विक महामारी के कारण विनिर्माण उद्योग में हर तीन में से एक रोज़गार प्रभावित हुआ. इसके बावजूद, शोध एवं विकास के लिए कॉरपोरेट और सरकारी बजट में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई और नवाचार में निवेश में मज़बूती बनी रही.
सबसे अधिक वृद्धि वैन्चर कैपिटल में देखी गई, जोकि अफ़्रीका, लातिन अमेरिका और कैरीबियाई क्षेत्र में बहुत सक्रिय रहा है.
रोबोट से होने वाले लाभों को सँवारने से लेकर जेन गुडऑल, सियारा, और यो-यो मा जैसी अग्रणी हस्तियों को साथ लेकर चलने तक, संयुक्त राष्ट्र और साझेदार संगठन अनेक प्रकार की पहल के ज़रिेए देशों को विभिन्न सैक्टरों में हरित प्रगति के लिए मदद प्रदान कर रहे हैं.
इसके ज़रिेए टिकाऊ विकास के 9वें लक्ष्य को हासिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जोकि उद्योग, नवाचार व बुनियादी ढाँचे पर केन्द्रित है.
उच्चस्तरीय फ़ोरम के दौरान, विज्ञान, टैक्नॉलॉजी और नवाचारी साझेदारियों पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित रहेगा और 200 से अधिक अन्य आयोजनों में विविध प्रकार के रचनात्मक समाधान दर्शाए जाएंगे.
उदाहरणस्वरूप, ऊर्जा के मुद्दे पर यूएन का एक नया नीतिपत्र जारी किया जाएगा, जोकि खाना पकाने के लिए न्यायसंगत व समावेशी ढंग से स्वच्छ ऊर्जा के इस्तेमाल का रोडमैप होगा.
वहीं, ‘मेयर्स गो डिजिटल’ कार्यक्रम में डिजिटल सहयोग के लिए मेयर्स के वैश्विक गठबन्धन को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि सतत एवं समावेशी शहरी विकास के लिए इन टैक्नॉलॉजी का सहारा लिया जा सके.
![अंगोला का लुआन्डा शहर. अंगोला का लुआन्डा शहर.](https://global.unitednations.entermediadb.net/assets/mediadb/services/module/asset/downloads/preset/Libraries/Production%20Library/26-05-2023-UNDP-Angola-HIV-AIDS.jpg/image1170x530cropped.jpg)
4) सर्वजन के लिए हरित शहर
टिकाऊ विकास के 2030 एजेंडा को साकार करने में शहरों की अहम भूमिका है.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने जून में आगाह किया कि शहर, कुल वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 70 प्रतिशत के लिए ज़िम्मेदार हैं, वहाँ आधी मानवता बसती है और हरित विकास के लिए शहर, अग्रिम मोर्चे पर हैं.
यूएन के अनुमान दर्शाते हैं कि 30 वर्षों के भीतर, दो-तिहाई से अधिक आबादी बड़े नगरों व शहरों में रहना चाहेगी, जिसकी एक बड़ी वजह वहाँ रहने में निहित लाभ हैं.
शहर, आर्थिक प्रगति के महत्वपूर्ण वाहक हैं और वे वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 80 प्रतिशत से अधिक योगदान देते हैं.
मगर, 2020 में, एक अरब से अधिक लोग झुग्गियों और अनौपचारिक बस्तियों में रहने के लिए मजबूर थे, मुख्य रूप से एशिया और सब-सहारा अफ़्रीका में.
जैसे-जैसे शहरी आबादी बढ़ती है, इन झुग्गियों में भी कहीं अधिक तेज़ी से विस्तार होता है.
टिकाऊ विकास का 11वाँ लक्ष्य, इन चुनौतियों से निपटने और 2030 तक शहरों व मानव बस्तियों को समावेशी, सुरक्षित, सुदृढ़ व सतत बनाने पर केन्द्रित है.
इसका अर्थ है – समाधान तलाश किया जाना और उच्चस्तरीय फ़ोरम में इसी विषय पर विचार-विमर्श होगा.
इसके लिए, झुग्गियों व पुरानी आवास व्यवस्था को हटाकर, रहने के लिए पर्याप्त सुविधा का निर्माण करना, पहुँच के भीतर और भरोसेमन्द परिवहन व्यवस्था स्थापित करना, और अति-आवश्यक सेवाओं की सुलभता सुनिश्चित करना है.
इसके समानान्तर, शहरी इलाक़ों में हरित सार्वजनिक स्थलों का निर्माण किया जाना होगा, जोकि सर्वजन के लिए सुलभ हो सकें.
![वेनेज़ुएला में एक वैज्ञानिक एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध की जाँच कर रहा है, जिसे शीर्ष 10 सार्वजनिक स्वास्थ्य ख़तरों के रूप में देखा जाता है. वेनेज़ुएला में एक वैज्ञानिक एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध की जाँच कर रहा है, जिसे शीर्ष 10 सार्वजनिक स्वास्थ्य ख़तरों के रूप में देखा जाता है.](https://global.unitednations.entermediadb.net/assets/mediadb/services/module/asset/downloads/preset/Libraries/Production%20Library/24-03-2023-WHO-antimicrobial.jpg/image1170x530cropped.jpg)
5) नवाचारी साझेदारियाँ
आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ECOSOC) की अध्यक्ष ने शुक्रवार को बताया कि टिकाऊ विकास लक्ष्य मज़बूत साझेदारियों के ज़रिेए ही हासिल किए जा सकते हैं.
इसके मद्देनज़र, उच्चस्तरीय राजनैतिक फ़ोरम में नागरिक समाज, निजी सैक्टर और शिक्षा जगत के प्रतिनिधियों की आवाज़ सुनी जाएगी.
इस चुनौती का एक बड़ा हिस्सा, विकास धनराशि से जुड़ा है. ECOSOC प्रमुख लाचेज़ारा स्टोएवा ने कहा कि हमें निजी सैक्टर को इस प्रक्रिया में शामिल करने और टिकाऊ विकास एजेंडा के वित्त पोषण के लिए नए रास्ते तलाश करने होंगे.
साथ ही, नए साझीदारों की भी आवश्यकता होगी, और इन प्रयासों को बढ़ावा देने में मीडिया भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.
ये सभी लक्ष्य आपस में गुँथे हुए हैं, जिसे परिलक्षित करते हुए, एसडीजी 17 में विज्ञान, टैक्नॉलॉजी और नवाचार पर सहयोग और उनकी सुलभता सुनिश्चित किए जाने का आहवान किया गया है.
इस फ़ोरम के ज़रिेए, देश और अहम हितधारक अपने अनुभवों को साझा और साझेदारियों में निहित लाभों के ज़रिेए, टिकाऊ विकास के मार्ग में मौजूद सबसे बड़ी चुनौतियों का सामूहिक रूप से सामना करने के लिए जुट रहे हैं.
लक्ष्य स्पष्ट है: 2030 एजेंडा की दिशा में प्रगति में तेज़ी लाना और किसी को भी पीछे नहीं छूटने देना.