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निर्धनता मुक्त विश्व के लिए संकल्प में, फिर से ऊर्जा भरने का आहवान

यमन में, जहाँ हर दो में से एक बच्चा अविकसित है, अल हुदायदाह के पास एक गाँव में एक चिकित्साकर्मी छोटे बच्चों का माप लेते हुए.
© UNOCHA/Giles Clarke
यमन में, जहाँ हर दो में से एक बच्चा अविकसित है, अल हुदायदाह के पास एक गाँव में एक चिकित्साकर्मी छोटे बच्चों का माप लेते हुए.

निर्धनता मुक्त विश्व के लिए संकल्प में, फिर से ऊर्जा भरने का आहवान

एसडीजी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने मंगलवार, 17 अक्टूबर, को ‘अन्तरराष्ट्रीय निर्धनता उन्मूलन दिवस’ के अवसर पर क्षोभ व्यक्त किया है कि विश्व में लगभग 70 करोड़ लोग, विकट हालात से जूझ रहे हैं और प्रतिदिन केवल 2.15 डॉलर पर गुज़ारा करने के लिए मजबूर हैं. उन्होंने मौजूदा हालात को अस्वीकार्य क़रार देते हुए निर्धनता की चुनौती पर पार पाने का आहवान किया है, जिसके लिए अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय तंत्र में सुधार और टिकाऊ विकास लक्ष्यों में निवेश अहम है.

यूएन प्रमुख ने इस अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर निर्धनता से मुक्त, विश्व को आकार देने का आहवान किया है, जिसकी थीम है: शिष्ट एवं उपयुक्त कामकाज और सामाजिक संरक्षा: सर्वजन के लिए गरिमा सुनिश्चित करने का प्रयास.

इस थीम के ज़रिये, अत्यधिक निर्धनता में घिरे उन लोगों पर ध्यान केन्द्रित किया गया है, जिन्हें अक्सर लम्बे, थका देने वाले, ख़तरनाक, बिना नियामन वाले माहौल में घंटों काम करना पड़ता है, मगर उनके पास अपना और अपने परिवार का ध्यान रखने के लिए पर्याप्त आय नहीं होती.

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महासचिव गुटेरेश ने अपने सन्देश में कहा कि समृद्धि से परिपूर्ण हमारे विश्व में, निर्धनता का कोई स्थान नहीं होना चाहिए. इसके बावजूद एक अरब से अधिक लोग अपनी बुनियादी ज़रूरतों, जैसेकि भोजन, जल, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा से वंचित हैं. 

वहीं, अरबों लोग बिना साफ़-सफ़ाई व्यवस्था के रहते हैं और ऊर्जा, शिक्षा, आवास व सामाजिक संरक्षा के दायरे से बाहर हैं.

“हिंसक टकराव, जलवायु संकट, भेदभाव और बहिष्करण, विशेष रूप से महिलाओं व लड़कियों के विरुद्ध, इस कठिनाई को और गहरा बना रहा है.”

यूएन प्रमुख ने क्षोभ प्रकट किया कि पुरानी, जर्जर, अन्यायपूर्ण वैश्विक वित्तीय प्रणाली से यह संकट और गहरा हुआ है, जिससे विकासशील देशों को निर्धनता से उबरने में निवेश करने और टिकाऊ विकास लक्ष्यों को हासिल करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

“मौजूदा रफ़्तार से, 2030 तक भी, क़रीब 50 करोड़ लोग अत्यधिक निर्धनता में जीवन गुज़ार रहे होंगे.”

“यह अस्वीकार्य है.” 

सुधारों की पुकार

यूएन प्रमुख ने कहा कि इस वर्ष सितम्बर में विश्व नेताओं ने अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय तंत्र में सुधार करने, टिकाऊ विकास लक्ष्यों को बचाने, और हर स्थान पर निर्धनता का उन्मूलन करने के लिए एक निडर योजना के प्रति संकल्प व्यक्त किया था. 

इसके तहत, टिकाऊ विकास लक्ष्यों के लिए वित्त पोषण व निवेश के इरादे से प्रति वर्ष 500 अरब डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज के प्रस्ताव को समर्थन प्रदान करना भी है. 

महासचिव ने ध्यान दिलाया कि विश्व नेताओं ने सर्वजन की निर्धनता व पीड़ा को हरने के लिए, खाद्य प्रणालियों से लेकर रोज़गार व सामाजिक संरक्षा में में रूपान्तरकारी बदलावों की लक्षित कार्रवाई की पैरवी की है.

उन्होंने कहा कि निर्धनता को दूर करना, हमारे दौर की एक विशाल चुनौती है, मगर यह ऐसी चुनौती है, जिसके विरुद्ध जीता जा सकता है. इस क्रम में, उन्होंने निर्धनता मुक्त विश्व को साकार करने के लिए नए सिरे से प्रतिबद्धता का आहवान किया है.

हर वर्ष 17 अक्टबूर को मनाए जाने वाले इस दिवस का उद्देश्य, निर्धनता में जीवन व्यतीत कर रहे लोगों और वृहद समाज के बीच समझ व संवाद को बढ़ावा देना है.