वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

रोज़गार

मलेशिया, हरित पर्यटन की दिशा में क़दम बढ़ा रहा है.
© Unsplash/Nazarizal Mohammad

सतत पर्यटन में निवेश को बढ़ावा, सर्वजन के लिए बेहतर भविष्य में सहायक

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ध्यान दिलाया है कि पर्यटन, पारस्परिक समझ व प्रगति के लिए एक शक्तिशाली बल है. मगर, यह ज़रूरी है कि इसमें निहित सम्भावनाओं का पूर्ण लाभ उठाने के लिए उसे पोषित किया जाए.

आईएलओ की परियोजना के तहत, आर्थिक संकट के दौर में, मछुआरा समुदाय के लोगों को आमदनी के विकल्प प्रदान किए जा रहे हैं.
ILO Colombo

श्रीलंका: संकटों से जूझ रहे मछुआरों के लिए, आय के विकल्प प्रदान करने की मुहिम

श्रीलंका, गम्भीर आर्थिक संकट के दौर से गुज़र रहा हैजिसका स्थानीय मछुआरों की आजीविका पर भीषण असर हुआ है. इस पृष्ठभूमि में, अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की एक परियोजना के ज़रिए, देश के उत्तरी प्रान्त के मछुआरों को मत्स्य पालन स्थलों और समुद्र तक पहुँचने के रास्तों पर रखरखाव कार्य पूरा करने के लिए रोज़गार दिया जा रहा है. इससे उन्हें आमदनी का स्रोत तो मिल ही रहा है, साथ ही क्षेत्र की कायापलट भी हो रही है.

कच्चे रेशम से रेशम का धागा बुनती महिलाएँ.
UNWOMEN India

भारत: व्यावसायिक ताना-बाना बुनती एक शिक्षिका

भारत के पूर्वी प्रदेश मेघालय की एक मातृसत्तात्मक जनजाति, खासी की महिलाएँ, सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर पारम्परिक कला को पुनर्जीवित करके, सफल उद्यम स्थापित कर रही हैं. उनकी उत्थान व आर्थिक स्वतंत्रता की कहानी, महिला अधिकारों एवं सशक्तिकरण के लिए प्रयासरत यूएन संस्था, यूएनवीमेन के एक प्रकाशन से. 

अफ़ग़ानिस्तान के बदख़शाँ प्रान्त के एक गाँव में, एक परिवार, संयुक्त राष्ट्र से मिली सहायता की बदौलत भोजन ग्रहण करते हुए.
© WFP/Sadeq Naseri

अफ़ग़ानिस्तान में, सत्ता के दो वर्ष बाद भी ‘परिवर्तित’ तालेबान की अवधारणा की निन्दा

अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान के सत्ता नियंत्रण के दो वर्ष पूरे होने पर, संयुक्त राष्ट्र के 30 से अधिक मानवाधिकार विशेषज्ञों ने, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से, अब अफ़ग़ानिस्तान के लोगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में एक पुनर्जीवित दृढ़ संकल्प और मज़बूत एकजुटता प्रदर्शित करने का आहवान किया है. 

भारत के दन्तेवाड़ा में परिधान कारख़ाने में काम करती महिलाएँ; आत्मनिर्भरता की मिसाल.
UNWOMEN India

भारत: महिलाओं को एक नई पहचान देने की कोशिश

भारत के पूर्वी प्रदेश, छत्तीसगढ़ का नक्सवादी प्रभावित क्षेत्र दन्तेवाड़ा, अब उग्रवाद के लिए नहीं, बल्कि परिधान निर्माण के प्रमुख केन्द्र के रूप में जाना जाता है. यह सम्भव हुआ महिलाओं के लिए सरकारी योजनाओं के तहत, जिसने इलाक़े की सूरत ही बदल डाली. भारत में संयुक्त राष्ट्र महिला संस्था (UNWomen) ने इन महिलाओं की प्रेरक आपबीतियाँ प्रकाशित की हैं.

नाइजीरिया के माइडुगुरी में खाद्य एवं कृषि संगठन ने एक महिला को बकरियाँ दी हैं. (जून 2021)
UNOCHA/Damilola Onafuwa

SDG: दुनिया 2030 विकास एजेंडा के आधे पड़ाव पर, पाँच अहम तथ्य

दुनिया, टिकाऊ विकास के महत्वाकांक्षी 2030 एजेंडा को साकार करने की यात्रा में, अपना आधा रास्ता तय कर चुकी है. संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश, नवप्रवर्तक, और अग्रणी हस्तियाँ इस अहम पड़ाव पर सोमवार को यूएन मुख्यालय में एक उच्चस्तरीय फ़ोरम में हिस्सा लेने के लिए एकत्र हो रहे हैं. यूएन की आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ECOSOC) इस अवसर पर एक नई रिपोर्ट जारी करेगी, जोकि वैश्विक महामारी के बाद, 2030 एजेंडा पर प्रगति के लिए प्रयासों में तेज़ी लाने पर केन्द्रित है.

भारत की राजधानी दिल्ली में एक निर्माण स्थल पर कामगार बातचीत कर रहे हैं.
© ADB/Eric Sales

तेज़ी से बदलती कामकाजी दुनिया को, सामाजिक न्याय की नींव पर टिकाने का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कामकाजी दुनिया की, जिनीवा में एक शिखर बैठक को सम्बोधित करते हुए सचेत किया है कि सर्वजन के लिए एक अधिक न्यायसंगत और सतत रोज़गार सुनिश्चित करने की दिशा में आगे बढ़ते समय, सामाजिक न्याय को आधारशिला बनाया जाना होगा. 

जॉर्डन के ज़ाआतारी शरणार्थी शिविर में बनाए गए एक समावेशी स्कूल में, एक 9 वर्षीय बच्ची, अपनी सहेलियों के साथ खेलते हुए.
UNICEF/Herwig

विकलांगता अधिकारों पर दर्ज प्रगति की दिशा पलटने का जोखिम

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने मंगलवार को आगाह किया है कि सिलसिलेवार संकटों की एक लहर की वजह से विकलांगजन के अधिकार सुनिश्चित किए जाने की दिशा में अब तक दर्ज की गई प्रगति पर जोखिम मंडरा रहा है.

बांग्लादेश में एक कपड़ा फ़ैक्टरी से बाहर निकलते हुए कामगार.
© ILO/ Marcel Crozet

ILO: आर्थिक समस्याओं से, निम्न आय वाले देशों में रोज़गार सम्भावनाएँ ध्वस्त

अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने बुधवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि बढ़ते क़र्ज़ स्तर और उच्च महंगाई व बढ़ती ब्याज दरों से और भी जटिल हुए हालात ने, विकासशील देशों में, कामकाज व रोज़गार तलाश करने के इच्छुक लोगों की उम्मीदों को ध्वस्त कर दिया है.

भारत में यूएन एड्स और यूएनडीपी कार्यालयों ने, ट्रान्सजेंडर व्यक्तियों के लिए आयोजित रोज़गार  मेले का समर्थन किया.
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भारत: ट्रांसजैंडर व्यक्तियों को रोज़गार में समानता देने के प्रयास

भारत में ट्रांसजैंडर व्यक्तियों को मुख्य धारा में बेहतर रोज़गार अवसर देने व समावेशन के लिए, यूएनएड्स और यूएनडीपी समर्थित ट्रांस रोज़गार मेले जैसी पहलों के ज़रिए प्रयास किए जा रहे हैं.